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मारवाड़ जंक्शन में मेल नर्स के भरोसे चिकित्सालय, मरीज परेशान - राजकीय सामुदायिक केंद चिकित्सालय

मारवाड़ जंक्शन के बांता गांव में स्थित राजकीय सामुदायिक केंद्र चिकित्सालय में चिकित्सक का पद खाली पड़ा है. बता दें कि यह पद लगभग पिछले 9 महीने से खाली है. जिससे ग्रामीणों और मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Sep 21, 2019, 1:31 PM IST

Updated : Sep 21, 2019, 3:28 PM IST

मारवाड़ जंक्शन (पाली). मारवाड़ जंक्शन के बांता गांव में लगभग 9 माह से राजकीय सामुदायिक केंद्र चिकित्सालय मे चिकित्सक का पद खाली पड़ा है. जिससे ग्रामीण और मरीज परेशान हैं. बता दें कि मात्र मेल नर्स के भरोसे यह सामुदायिक केंद्र चल रहा है.

मारवाड़ जंक्शन के गांव में डॉक्टर नहीं होने से मरीज परेशान

इस समय प्रदेश में मौसमी बीमारियों का दौर चल रहा है. वहीं बांता गांव के अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने की वजह से मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. कई बार स्थानीय सरपंच समुन्द्र सिंह और समाजसेवी संगठनों द्वारा चिकित्सा विभाग, विधायक और पाली सांसद पीपी चौधरी को लिखित में ज्ञापन दिया गया है. लेकिन राजनेता और प्रशासन सुनने को तैयार नहीं हैं.

बता दें कि बांता गांव की आबादी लगभग 7 हजार है और आस पास की भी 3 हजार के करीब की आबादी इसी चिकित्सालय पर निर्भर है. वहीं चिकित्सक नहीं होने की वजह से मरीजों को मारवाड़ और पाली जाकर उपचार कराना पड़ रहा है. अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने की वजह से ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है.

यह भी पढ़ेंः कश्मीर के बिना भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती: आरिफ मोहम्मद खान

वहीं चिकित्सक के अभाव में बीते 4 महीनों में 15 मौतें हो चुकी हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा धीरे-धीरे यहां से चिकित्सा कर्मियों को हटाकर दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन नई नियुक्ति नहीं की गई.

मारवाड़ जंक्शन (पाली). मारवाड़ जंक्शन के बांता गांव में लगभग 9 माह से राजकीय सामुदायिक केंद्र चिकित्सालय मे चिकित्सक का पद खाली पड़ा है. जिससे ग्रामीण और मरीज परेशान हैं. बता दें कि मात्र मेल नर्स के भरोसे यह सामुदायिक केंद्र चल रहा है.

मारवाड़ जंक्शन के गांव में डॉक्टर नहीं होने से मरीज परेशान

इस समय प्रदेश में मौसमी बीमारियों का दौर चल रहा है. वहीं बांता गांव के अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने की वजह से मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. कई बार स्थानीय सरपंच समुन्द्र सिंह और समाजसेवी संगठनों द्वारा चिकित्सा विभाग, विधायक और पाली सांसद पीपी चौधरी को लिखित में ज्ञापन दिया गया है. लेकिन राजनेता और प्रशासन सुनने को तैयार नहीं हैं.

बता दें कि बांता गांव की आबादी लगभग 7 हजार है और आस पास की भी 3 हजार के करीब की आबादी इसी चिकित्सालय पर निर्भर है. वहीं चिकित्सक नहीं होने की वजह से मरीजों को मारवाड़ और पाली जाकर उपचार कराना पड़ रहा है. अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने की वजह से ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है.

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वहीं चिकित्सक के अभाव में बीते 4 महीनों में 15 मौतें हो चुकी हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा धीरे-धीरे यहां से चिकित्सा कर्मियों को हटाकर दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन नई नियुक्ति नहीं की गई.

Intro:Body: मारवाड़ जंक्शन
मुकेश सोलंकी


लगभग 9 माह बांंता गाँव मे चिकित्सक का पद खाली मरीजो को हो रही परेशानीया ।।

मारवाड़ जंक्शन

मारवाड़ जंक्शन के बांंता गाँव लगभग 9 माह से राजकीय सामुदायिक केंद चिकित्सालय मे चिकित्सक का पद खाली पड़ा है जिससे ग्रामीणों ओर मरीजों को भारी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है मात्र मेल नर्स के भरोसे यह सामुदायिक केंद चल रहा है जबकि इस समय मौसमी बीमारियों का दौर चल रहा है अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने की वजह से मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ रहे हैं कई बार स्थानीय सरपंच समुन्द्र सिंह और समाजसेवी संगठनों द्वारा चिकित्साविभाग , विधायक और पाली सांसद पी पी चौधरी को कई बार लिखित में ज्ञापन भी दिया गया लेकिन राजनेता व प्रशासन सुनने को तैयार नहीं है इस बांंता गाँव की 7 सात हजार की आबादी हैं ओर आस पास की 3 तीन हजार की आबादी इसी चिकित्सालय पर निर्भर है आज चिकित्सक नही होने की वजह से मरीजों को मारवाड़ ओर पाली जाकर उपचार करना पड़ रहा है अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने की वजह से ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है ।
चिकित्सक के अभाव में बीते 4 महीनों में 15 मौत हो चुकी प्रसासन द्वारा धीरे धीरे यहां लगे चिकित्सा कर्मीयो को हटाया कर दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया परन्तु नई नियुक्ति नही दी जा रही है ।।

बाइट
1 सरपंच बांंता
समुन्द्र सिंह
Conclusion:
Last Updated : Sep 21, 2019, 3:28 PM IST
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