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श्रमिकों के साथ सरकार का भद्दा मजाक, पहले मकान बनाने के लिए दिए पैसे, अब ब्याज सहित लौटाने को कहा

सरकारी योजनाओं में अधिकारियों की लापरवाही का एक और मामला पाली में सामने आया है. इस बार सरकारी अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा पाली के 300 से ज्यादा गरीब श्रमिकों को भुगतना पड़ रहा है. पढ़ें विस्तृत खबर....

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श्रमिकों के साथ सरकार का भद्दा मजाक
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Published : Mar 2, 2020, 3:25 PM IST

पाली. सरकारी योजनाओं में अधिकारियों की लापरवाही का एक और मामला पाली में सामने आया है. इस बार सरकारी अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा पाली के 300 से ज्यादा गरीब श्रमिकों को भुगतना पड़ रहा है. सरकार की ओर से इन श्रमिकों को अपना घर बनाने के लिए 1.5 लाख की सहायता राशि दी गई थी. इस राशि का सभी ने प्रयोग भी कर लिया. लेकिन, अब पाली एसडीएम ने इन सभी श्रमिकों को दी गई सहायता राशि को ब्याज सहित वापस लौटने के लिए नोटिस जारी किया है. सोमवार को बड़ी संख्या में श्रमिक एसडीएम कार्यालय पहुंचे और अपनी समस्या बताई.

श्रमिकों के साथ सरकार का भद्दा मजाक

बताया जा रहा है कि श्रम विभाग की ओर से विभाग में रजिस्टर्ड श्रमिकों के लिए आवास योजना के तहत रजिस्टर्ड श्रमिकों को डेढ़ लाख रुपए सहायता राशि देने की योजना आई थी. इस योजना के तहत पाली में सैकड़ों श्रमिकों ने आवेदन किया था. इसके बाद उन्हें अनुदान राशि भी जारी कर दी गई. इस अनुदान राशि को देने से पहले श्रम विभाग के अधिकारियों ने सभी श्रमिकों के आवासों का सत्यापन भी किया था.

यह भी पढ़ेंः जयपुर सिलेंडर ब्लास्ट : हादसे में 2 की मौत और एक घायल, ताड़केश्वर महादेव मंदिर की दीवारों में आई दरारें

इस प्रक्रिया को 1 साल हो चुका है. अब 1 साल बाद 300 श्रमिकों को पाली एसडीएम कार्यालय से नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस में सभी श्रमिकों को डेढ़ लाख रुपए ब्याज सहित वापस जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा उन्हें एसडीएम कार्यालय में पेश होने के लिए भी कहा गया है. ऐसे में श्रमिकों को डेढ़ लाख रुपए ब्याज सहित देने की बात काफी सता रही है.

इस मामले पर जब अधिकारियों से पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. सूत्रों की मानें तो सरकार ने किसी NGO के माध्यम से इन श्रमिकों का सर्वे करवाया है. उस सर्वे में ज्यादातर श्रमिक फर्जी पाए गए हैं. हालांकि, अभी तक ऐसा कोई बयान सरकार की ओर से नहीं आया है.

पाली. सरकारी योजनाओं में अधिकारियों की लापरवाही का एक और मामला पाली में सामने आया है. इस बार सरकारी अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा पाली के 300 से ज्यादा गरीब श्रमिकों को भुगतना पड़ रहा है. सरकार की ओर से इन श्रमिकों को अपना घर बनाने के लिए 1.5 लाख की सहायता राशि दी गई थी. इस राशि का सभी ने प्रयोग भी कर लिया. लेकिन, अब पाली एसडीएम ने इन सभी श्रमिकों को दी गई सहायता राशि को ब्याज सहित वापस लौटने के लिए नोटिस जारी किया है. सोमवार को बड़ी संख्या में श्रमिक एसडीएम कार्यालय पहुंचे और अपनी समस्या बताई.

श्रमिकों के साथ सरकार का भद्दा मजाक

बताया जा रहा है कि श्रम विभाग की ओर से विभाग में रजिस्टर्ड श्रमिकों के लिए आवास योजना के तहत रजिस्टर्ड श्रमिकों को डेढ़ लाख रुपए सहायता राशि देने की योजना आई थी. इस योजना के तहत पाली में सैकड़ों श्रमिकों ने आवेदन किया था. इसके बाद उन्हें अनुदान राशि भी जारी कर दी गई. इस अनुदान राशि को देने से पहले श्रम विभाग के अधिकारियों ने सभी श्रमिकों के आवासों का सत्यापन भी किया था.

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इस प्रक्रिया को 1 साल हो चुका है. अब 1 साल बाद 300 श्रमिकों को पाली एसडीएम कार्यालय से नोटिस जारी किया गया है. इस नोटिस में सभी श्रमिकों को डेढ़ लाख रुपए ब्याज सहित वापस जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा उन्हें एसडीएम कार्यालय में पेश होने के लिए भी कहा गया है. ऐसे में श्रमिकों को डेढ़ लाख रुपए ब्याज सहित देने की बात काफी सता रही है.

इस मामले पर जब अधिकारियों से पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. सूत्रों की मानें तो सरकार ने किसी NGO के माध्यम से इन श्रमिकों का सर्वे करवाया है. उस सर्वे में ज्यादातर श्रमिक फर्जी पाए गए हैं. हालांकि, अभी तक ऐसा कोई बयान सरकार की ओर से नहीं आया है.

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