पाली. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए मंगलवार को श्रम विभाग के एक निरीक्षक दुर्गा राम जाट को 10 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. इस मामले में श्रम विभाग के एक अन्य निरीक्षक की भूमिका भी संदेह में है. इसके चलते उसे भी एसीबी की टीम ने हिरासत में लिया है. एसीबी टीम नें मुख्य आरोपी दुर्गाराम की जेब में रखी रिश्वत की राशि को भी बरामद किया है. जांच में एसीबी को पता चला है कि दुर्गा राम जाट ने श्रम विभाग की तरफ से श्रमिकों के लिए संचालित हो रही सभी योजनाओं में लाभान्वित होने वाले परिवारों से अपनी राशि फिक्स कर रखी थी. उसने पूरे जिले में दलालों का भी नेटवर्क स्थापित कर लिया था. जो उसे हर राशि एकत्रित कर सकते थे.
उसके खिलाफ एसीबी में लगातार शिकायतें आ रही थी. एसीबी के एएसपी कैलाश जुगतावत ने बताया कि श्रम विभाग के नियमों में मकान निर्माण पर लगने वाले सेसकर को लेकर विभाग ने पूरे जिले में नोटिस जारी कर रखे हैं. ऐसा ही नोटिस भवानी कॉलोनी निवासी चंद्रवीर सिंह के चाचा के आशापूर्णा टाउनशिप में बनने वाले मकान को लेकर भी मिला था. उसने गत 4 जुलाई को एसीबी में परिवाद पेश किया था कि उसकी चाची सरोज कंवर का आशापूर्णा सिटी में मकान बन रहा है.
श्रम कार्यालय की ओर से ही मकान निर्माण को लेकर 1 प्रतिशत सेसकर जमा कराने का नोटिस आया. इस पर चंद्रवीर सिंह ने श्रम निरीक्षक खेजड़ला जोधपुर निवासी दुर्गा राम से संपर्क किया. निरीक्षक जाट ने 58 हजार की राशि जमा करवाने को कहा. परिवादी ने यह राशि कम करने को कहा तो उसने 40 हजार सेसकर कर दिया. इसके बदले में 10 हजार की रिश्वत मांगी. परिवादी ने शेष कर और कम करने का आग्रह किया. श्रम निरीक्षक ने 15 हजार रिश्वत मांगी और सेसकर 27 हजार देने को कहा, परिवादी की शिकायत का सत्यापन किया गया.
मंगलवार को एसीबी ने श्रम विभाग के बाहर ही अपना जाल बिछा दिया. चंद्रवीर सिंह ने श्रम निरीक्षक जाट को 10 हजार रिश्वत दी. साथ ही 5 हजार बाद में देने की बात कही. श्रम निरीक्षक जाट ने पैसे लेकर जेब में डाल दिए. इधर एसीबी ने घेरा डाल उसे दबोच लिया. उसके कब्जे से 10 हजार बरामद किए गए. इसके बाद पूछताछ में उसने अपने साथ अन्य श्रम निरीक्षक योगेश का नाम भी लिया इस पर एसीबी ने दोनों को गिरफ्तार किया है.