पाली. कोरोना वायरस की महामारी के चलते देश में सबसे ज्यादा प्रभावित दिहाड़ी मजदूर हुए हैं. पाली में करीब 20 हजार से ज्यादा लोग हैं, जो प्रतिदिन दिहाड़ी कर अपने घर का पेट पालते हैं. लेकिन पिछले कई दिनों से लॉकडाउन के चलते इन लोगों पर अपने परिवार का पेट पालना एक कड़ी चुनौती बना हुआ है. लेकिन इस संकट के दौर में किसी को भी भूखा नहीं सोने दिया जाएं, इसी को लेकर पाली में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सम्पूर्ण देश में लॉकडाउन किया गया है. इस लॉकडाउन के तहत पाली में जनप्रतिनिधियों ने व्यवस्थाओं को लेकर पाली विधायक ज्ञानचंद पारख के साथ ईटीवी भारत ने खास चर्चा की. जिनमें उन्होंने व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी दी.
विधायक ज्ञानचंद पारीक ने बताया कि पाली में लॉकडाउन के साथ और उनके साथ पाली में गरीबों और मजदूरों तक भोजन सामग्री पहुंचाने का कार्य शुरू कर रहा हैं. शुरुआती 2- 3 दिनों तक सभी लोगों तक यह सामान नहीं पहुंच पा रहा था. लेकिन धीरे-धीरे व्यवस्थाएं पूरी हो गई और अब किसी भी व्यक्ति को सामान ना पहुंचने की शिकायत नहीं रही है.
इसी के साथ उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उनसे फोन कर पाली के हालात जाने. मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि पाली में भी हो सकता है कि कई लोग शर्म के चलते सहायता सामग्री नहीं लें. लेकिन इस संकट के समय में हम सभी की जिम्मेदारी है कि कोई भी व्यक्ति परेशान ना हो. वहीं पारख ने सभी लोगों से अपील की है कि वह लोग अपने घरों में रहे और लॉकडाउन की पालना करें ताकि देश पर आए इस संकट से आसानी से निपटा जा सकें.