पाली. निकाय चुनाव को लेकर पाली के 65 पदों पर अब स्थितियां पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है. पाली के 65 वार्डों में मतगणना के बाद आए रुझान को देखें तो पाली में इस बार निर्दलियों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों की गणित को पूरी तरह से बिगाड़ कर रख दिया है. जहां भाजपा और कांग्रेस के पदाधिकारी और मतगणना से पहले तक अपने आप बोर्ड के बनने का दावा कर रहे थे. वहीं इस दावे पर इन निर्दलियों की जीत ने पानी फेर दिया है.
अगर सीटों की बात करें तो मतगणना के बाद आए रुझान में बीजेपी को 29 सीटों पर जीत मिली है. वहीं 22 सीटों पर कांग्रेस जीती है और दोनों पार्टियों से बगावत कर इस बार चुनावी मैदान में उतरे 14 निर्दलियों ने अपनी स्पष्ट जीत हासिल की है. ऐसे में बीजेपी अपना बोर्ड बनाने से कुछ ही सीटों से चूक गई. वहीं कांग्रेस को खासा नुकसान देखने को मिला है. लेकिन दोनों ही पार्टी के पदाधिकारी इस जोड़-तोड़ में लगे हैं कि उनकी पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले कार्यकर्ता थे.
उन्हें पार्टी की एक मझधार में लाकर अपना बोर्ड बनाया जाए. हालांकि अभी स्पष्ट नहीं है कि दोनों ही पार्टी के पदाधिकारी लगातार संपर्क कर उन्हें अपने पास बुलाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं चुनाव की बात करें तो मतगणना को लेकर सुबह से ही पाली शहर में काफी उत्साह देखने को मिला.
जहां प्रत्याशी बंद कमरों में अपने मतों का इंतजार कर रहे थे. वहीं बाहर पाली शहर की नजर अंदर से आने वाले परिणामों पर टिकी हुई थी. जीत के बाद प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने पूरे पाली शहर में गुलाल और ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस निकाला. शहर में इस बार नगर परिषद चेयरमैन के इस सीट को ओबीसी महिला पद पर आरक्षित की गई थी. इस आरक्षित सीट के होने के बाद में दोनों ही पार्टियों में कई ऐसे कई महिला चेहरे थे. जो चेयरमैन के दावेदार बनकर आ सामने आए. इन चेहरों के सामने आने के बाद में दोनों ही पार्टियों में कार्यकर्ताओं के बीच मतभेद भी शुरू हो गया था.
भाजपा में भीतरी घाट का खतरा काफी बढ़ गया था. वहीं कांग्रेस में सीधे तौर पर बगावत के सुर नजर आए थे. हालांकि भाजपा में भी कई पदाधिकारियों ने बागी रुख अपनाते हुए चुनाव मैदान में उतरे और अपनी जीत हासिल की. कांग्रेस में भी कई निर्दलियों ने ताबड़तोड़ मतों से अपनी जीत हासिल की है. इस जीत के बाद सबसे ज्यादा जो कांग्रेस के पदाधिकारी अपने बोर्ड का कयास लगा रहे थे. उन्हें अब काफी सीटें जुटाने की कोशिश करनी पड़ेगी.
पाली में बड़े चेहरों की बात करें तो इस बार वार्ड नंबर 24 से कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी मोटू भाई की पत्नी मुन्नी देवी जो इस बार कांग्रेस से चेयरमैन के लिए प्रभावी चेहरा भी बताया जा रहा था. उन्हें निर्दलीयों के चलते हार का सामना करना पड़ा.
वहीं वार्ड नंबर 28 से कांग्रेस के बागी रुख के कारण वर्तमान पार्षद जीवराज बोराणा को भी हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मंगलाराम बाढ़सा की पत्नी लीला देवी को भी हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी जय सिंह सोकड़ा को भी बागी रुख के चलते हार का सामना करना पड़ा है.
कांग्रेस में इस बार सबसे बड़ी जीत जो मानी जा रही है. वह वर्तमान नेता प्रतिपक्ष भंवर राव और उनकी पत्नी राधा राव की है. यह दोनों तीसरी बार लगातार जोड़े में पार्षद की जीत हासिल की है. इस बार दोनों के साथ में उनके भतीजे भरत राव भी वार्ड नंबर 61 से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए थे और वह भी जीते हैं.
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वहीं बागी रूख का असर का सामना भाजपा नेताओं को भी करना पड़ा है. भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवकुमार प्रजापत की पत्नी मंजू देवी को वार्ड 43 से निर्दलीय प्रत्याशी हिना वैष्णव के सामने हर का सामना करना पड़ा है. हिना भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष कांतिलाल वैष्णव की पत्नी है और उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बागी रुख अपनाया था.