पाली. जिले में कोरोना वॉरियर्स एक तरफ कोरोना से मुस्तैदी से जंग लड़ रहे हैं, दूसरी तरफ मौसमी बीमारियां कहर ढाह रही हैं. जिले के सबसे बड़े अस्पताल बांगड़ अस्पताल में इन दिनों मौसमी बीमारियों के मरीजों में अचानक से इजाफा हो गया है. जिससे अस्पताल प्रशासन के सामने कोरोना काल में कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं.
पाली में कोरोना के 5099 मरीज हो चुके हैं और प्रतिदिन सैंकड़ो केस सामने आ रहे हैं. दूसरी तरफ कोरोना के अलावा एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है. मानसूनी बारिश थमने के बाद अब पाली पर मौसमी बीमारियों का कहर भी मंडराने लगा है. ऐसे में इन बीमारियों के चलते पाली के अस्पतालों की ओपीडी में अचानक से बढ़ोतरी हो चुकी है.
मौसम ने बढ़ा दी मुश्किलें...
पाली जिले में मानसून ने विदाई ले ली है. देरी से आए मानसून के चलते जिले के कई हिस्सों में पिछले 20 दिनों में अच्छी बारिश हुई है. इसके बाद मौसम में खासा परिवर्तन आया है. बारिश के दौरान पाली के तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट महसूस की गई थी.
इस बारिश के रुकने के बाद अब जिले में एक बार फिर से उमस और गर्मी का दौर शुरू हो गया है. सुबह के समय बन रही आद्रता लोगों को बीमार कर रही है और दिन के समय बढ़ रही उमस लोगों में एलर्जी पैदा कर रही है. ऐसे में बीमार मरीज अस्पतालों की तरफ रुख करने लगे हैं.
हर दिन आ रहे 1000 से ज्यादा मरीज...
पाली के सबसे बड़े बांगड़ अस्पताल के ओपीडी की बात करें तो वहां ओपीडी अब पंद्रह सौ से पार पहुंच गई है. प्रतिदिन सर्दी, जुकाम, बुखार और एलर्जी के 1000 से ज्यादा मरीज प्रतिदिन अस्पताल में डॉक्टर के पास इलाज करवाने आ रहे हैं. ऐसे में बांगड़ अस्पताल में बेलगाम भीड़ घंटों तक अपनी बारी के इंतजार में खड़ी नजर आ रही है.
इसके चलते अस्पताल के सामने भीड़ से सोशल डिस्टेंस मैंटेन करवाने में मुश्किल हो रही है. पिछले 3 दिनों से अस्पताल के हालात की बात करें तो यहां प्रत्येक डॉक्टर के चेंबर के आगे 100 से ज्यादा मरीज हर समय खड़े दिखाई दे रहे हैं.
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वहीं, वार्ड में अब मरीजों के लिए किसी भी प्रकार से बेड खाली नहीं है. मेडिकल कॉलेज के अधीन होने के कारण बांगड़ अस्पताल में मेडिकल कॉलेज की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है. जिससे की मरीजों को अस्पताल आने के बाद राहत मिल सके लेकिन अचानक से मौसमी बीमारियों का बढ़ता आंकड़ा अस्पताल प्रबंधन के सामने एक बड़ा संकट खड़ा कर रहा है.
सोशल डिस्टेंस बनाने का किया जा रहा है हर संभव प्रयास...
बांगड़ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. हरीश कुमार ने बताया कि पिछले 1 सप्ताह से बांगड़ अस्पताल में मौसमी बीमारियों के केस बढ़े हैं. ऐसे में काफी संख्या में मरीज आ रहे हैं. इस कारण अस्पताल में कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. अस्पताल में इलाज कराने आ रहे मरीजों से किसी भी प्रकार से संक्रमण ना फैले, इसको लेकर सावधानी बरती जा रही है.
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अस्पताल की पर्ची कटवाने से लेकर डॉक्टर के चैंबर में इंतजार करते हुए मरीजों को सोशल डिस्टेंस की पालना करवाई जा रही है लेकिन इन सभी के बावजूद आम जनता इस संक्रमण को रोकने में अपनी भूमिका कम निभा रही है.
एलर्जी के मरीज आ रहे सबसे ज्यादा...
वहीं अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि अभी पाली में दिन के समय तेज गर्मी और उमस बना रही है. सुबह लोगों को सर्दी महसूस हो रही है. इस गुलाबी सर्दी और दिन के समय बन रही उमस के कारण लोगों में त्वचा, नाक, कान और गले में एलर्जी की शिकायत सबसे ज्यादा बढ़ गई है. इस एलर्जी के चलते अस्पताल में भी इसकी ओपीडी काफी ज्यादा हो चुकी है.
संक्रमण ना फैले इसके लिए डॉक्टरों के चेंबर किए सुरक्षित...
बता दें कि बांगड़ अस्पताल में अचानक से बढ़ी ओपीडी के कारण प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा मरीज डॉक्टर से अपना उपचार करवाने के लिए आ रहे हैं. ऐसे में अस्पताल के डॉक्टर किसी भी संक्रमण से ग्रस्त ना हो, इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन की ओर से डॉक्टरों के चैंबर को पूरी तरह से सुरक्षित किया गया है. करीब 6 फीट की दूरी से डॉक्टर मरीज को पारदर्शी प्लास्टिक के पार से उपचार कर रहे हैं.
इसके अलावा भी दूसरी सुरक्षा में भी ध्यान रखा जा रहा है. बता दें कि बांगड़ अस्पताल के कई डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ संक्रमित हो चुका है. जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.