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पाली : मानसून की बरसात से हेमावास बांध में बढ़ी पानी की आवक...लोगों ने की राहत महसूस - सप्लाई

पाली जिले में मानसून की मेहर के बाद शहर के पास हेमावास बांध में पानी की आवक से लोगों को राहत महसूस हुई है. पाली में मंडराया जल संकट अब खत्म होता नजर आ रहा है. हेमावास बांध में जमा होने वाले बरसाती पानी को जलदाय विभाग ने सप्लाई के लिए काम में लेना शुरू कर दिया है.

मानसून की बरसात से हेमावास बांध में बढ़ी पानी की आवक
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Published : Jul 30, 2019, 10:19 AM IST

पाली. जिले में मानसून की मेहर के बाद अब लोगों को राहत महसूस हो रही है. शहर के पास हेमावास बांध में पानी की आवक होने के साथ जलदाय विभाग ने गांव में सप्लाई होने वाले जवाई बांध के पानी को अब रोक दिया है. जलदाय विभाग ने सप्लाई के लिए हेमावास बांध में जमा होने वाले बरसाती पानी को काम में लेना शुरू कर दिया है. जलदाय विभाग इकट्ठे हुए बरसाती पानी को फिल्टर करने के बाद रोहट, जैतपुर, जाडन, सोजत व जैतारण क्षेत्र में लोगों तक पहुंचाएगा.

मानसून की बरसात से हेमावास बांध में बढ़ी पानी की आवक

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जलदाय विभाग के इस कदम से पाली के सबसे बड़े जल स्त्रोत जवाई बांध से रोजाना करीब 1.5 एमसीएफटी पानी की बचत होगी. बता दें कि पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जल स्त्रोत जवाई बांध पर निर्भर गांव व शहरों में जल संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. पिछले दो दिनों में भले ही पाली में 8.84 एमएम बरसात हुई है लेकिन जवाई बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में महज 2 एमएम बरसात हुई है. जिससे जवाई के डेड स्टोरेज से ही पाली के 9 शहरों को प्यास बुझानी होगी.

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हालांकि, बारिश पर नजर रखने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम के आंकड़ों की बात करें तो सोमवार तक पाली तहसील में 221 एमएम, रोहट में 142 एमएम, सोजत में 56 एमएम, मारवाड़ जंक्शन ने 89 एमएम, जैतारण में 37 एमएम, रायपुर में 50 एमएम, बाली में 13 एमएम, देसूरी में 30 एमएम, रानी में 17 एमएम व सुमेरपुर में 2 एमएम बारिश दर्ज की गई है.

पाली. जिले में मानसून की मेहर के बाद अब लोगों को राहत महसूस हो रही है. शहर के पास हेमावास बांध में पानी की आवक होने के साथ जलदाय विभाग ने गांव में सप्लाई होने वाले जवाई बांध के पानी को अब रोक दिया है. जलदाय विभाग ने सप्लाई के लिए हेमावास बांध में जमा होने वाले बरसाती पानी को काम में लेना शुरू कर दिया है. जलदाय विभाग इकट्ठे हुए बरसाती पानी को फिल्टर करने के बाद रोहट, जैतपुर, जाडन, सोजत व जैतारण क्षेत्र में लोगों तक पहुंचाएगा.

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जलदाय विभाग के इस कदम से पाली के सबसे बड़े जल स्त्रोत जवाई बांध से रोजाना करीब 1.5 एमसीएफटी पानी की बचत होगी. बता दें कि पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जल स्त्रोत जवाई बांध पर निर्भर गांव व शहरों में जल संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. पिछले दो दिनों में भले ही पाली में 8.84 एमएम बरसात हुई है लेकिन जवाई बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में महज 2 एमएम बरसात हुई है. जिससे जवाई के डेड स्टोरेज से ही पाली के 9 शहरों को प्यास बुझानी होगी.

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हालांकि, बारिश पर नजर रखने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम के आंकड़ों की बात करें तो सोमवार तक पाली तहसील में 221 एमएम, रोहट में 142 एमएम, सोजत में 56 एमएम, मारवाड़ जंक्शन ने 89 एमएम, जैतारण में 37 एमएम, रायपुर में 50 एमएम, बाली में 13 एमएम, देसूरी में 30 एमएम, रानी में 17 एमएम व सुमेरपुर में 2 एमएम बारिश दर्ज की गई है.

Intro:पाली. पाली जिले में मानसून के मेहर के बाद अब लोगों को राहत महसूस हुई है। पाली में मंडराया जल संकट अब खत्म होता नजर आ रहा है। पाली शहर के समीप हेमावास बांध में पानी की आवक होने के साथ जलदाय विभाग ने गांव में सप्लाई होने वाले जवाई बांध के पानी को अब रोक दिया है। हेमावास बांध में जमा होने वाले बरसाती पानी को जलदाय विभाग ने सप्लाई के लिए काम लेना शुरू कर दिया है। जलदाय विभाग हेमावास बांध में इकट्ठे हुए बरसाती पानी को नहर के माध्यम से मंडली पंप हाउस तक ले जा रहा है। वहां से इस पानी को फिल्टर करने के बाद रोहट, जैतपुर, जाडन, सोजत व जैतारण क्षेत्र में लोगों की हलक तर करने के लिए पहुंचाएगा। जलदाय विभाग के इस कदम से पाली के सबसे बड़े जल स्त्रोत जवाई बांध से रोजाना करीब 1.5 एमसीएफटी पानी की बचत होगी। यह पानी पाली शहर की जनता की हलक पर करने के लिए काफी उपयोगी होगा।


Body:पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जल स्त्रोत जवाई बांध पर निर्भर गांव व शहरों में जल संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। पिछले दो दिनों में भले ही पाली में 8.84 एमएम बरसात हुई है। लेकिन जवाई बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में महज 2 एमएम बरसात हुई है। इसके चलते जवाई के डेड स्टोरेज से ही अभी पाली के 9 शहरों के हलक तर करनी होगी। अगर मानसून के बारिश की बात करें तो इस बारिश से रायपुर का लूनी बांध पूरी तरह से छलक चुका है। इसके बाद भी पाली की नजर अभी भी जवाई बांध पर टिकी है। अगर जवाई बांध में भरपूर पानी आता है तो यह पाली के लिए साल भर का प्यास बुझाने का काम करेगा। वही इस बारिश के बाद में पाली के आसपास के हेमावास, खारड़ा, लोडिया तालाब में पानी आया है।


Conclusion:मानसून की बारिश पर नजर रखने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम के आंकड़ों की बात करें तो सोमवार तक पाली तहसील में 221 एमएम, रोहट में 142 एमएम, सोजत में 56 एमएम, मारवाड़ जंक्शन ने 89 एमएम, जैतारण में 37 एमएम, रायपुर में 50 एमएम, बाली में 13 एमएम, देसूरी में 30 एमएम, रानी में 17 एमएम व सुमेरपुर में 2 एमएम बारिश दर्ज की गई है।
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