पाली. जिले में मानसून की मेहर के बाद अब लोगों को राहत महसूस हो रही है. शहर के पास हेमावास बांध में पानी की आवक होने के साथ जलदाय विभाग ने गांव में सप्लाई होने वाले जवाई बांध के पानी को अब रोक दिया है. जलदाय विभाग ने सप्लाई के लिए हेमावास बांध में जमा होने वाले बरसाती पानी को काम में लेना शुरू कर दिया है. जलदाय विभाग इकट्ठे हुए बरसाती पानी को फिल्टर करने के बाद रोहट, जैतपुर, जाडन, सोजत व जैतारण क्षेत्र में लोगों तक पहुंचाएगा.
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जलदाय विभाग के इस कदम से पाली के सबसे बड़े जल स्त्रोत जवाई बांध से रोजाना करीब 1.5 एमसीएफटी पानी की बचत होगी. बता दें कि पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जल स्त्रोत जवाई बांध पर निर्भर गांव व शहरों में जल संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. पिछले दो दिनों में भले ही पाली में 8.84 एमएम बरसात हुई है लेकिन जवाई बांध के जल ग्रहण क्षेत्र में महज 2 एमएम बरसात हुई है. जिससे जवाई के डेड स्टोरेज से ही पाली के 9 शहरों को प्यास बुझानी होगी.
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हालांकि, बारिश पर नजर रखने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम के आंकड़ों की बात करें तो सोमवार तक पाली तहसील में 221 एमएम, रोहट में 142 एमएम, सोजत में 56 एमएम, मारवाड़ जंक्शन ने 89 एमएम, जैतारण में 37 एमएम, रायपुर में 50 एमएम, बाली में 13 एमएम, देसूरी में 30 एमएम, रानी में 17 एमएम व सुमेरपुर में 2 एमएम बारिश दर्ज की गई है.