पाली. सहित राजस्थान के कई जिलों में चेन्नई में फंसे प्रवासियों को लेकर शनिवार सुबह स्पेशल ट्रेन पाली रेलवे स्टेशन पहुंची. इन प्रवासियों को यहां उतारने और उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए प्रशासन की ओर से माकूल व्यवस्था की गई थी. सोशल डिस्टेंस और संक्रमण ना फैले इसको लेकर हर संभव प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन इन सभी प्रयासों के बीच पाली के जनप्रतिनिधि रेलवे स्टेशन पर लापरवाह नजर आए.
ट्रेन आने के बाद यात्रियों के बीच जाकर वाहवाही लूटने के चक्कर में जनप्रतिनिधियों ने सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई. जहां 2 गज की दूरी रख कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार अपील कर रही है.
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वहीं जनप्रतिनिधि इन सभी अपीलों से हटकर रेलवे स्टेशन पर संक्रमण के बीच नजर आए. इन सब के बाद भी जिला प्रशासन की ओर से सभी जनप्रतिनिधियों से लगातार अपील की जा रही थी, कि इस तरह की लापरवाही ना बरतें. वहीं जनप्रतिनिधि इन सभी को अनसुना करते नजर आए.
बता दें कि पाली जनप्रतिनिधियों की मांग पर विभिन्न प्रदेशों में फंसे प्रवासियों को पाली सहित आसपास के क्षेत्रों में लाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की जा रही थी. पाली में करीब 18 से ज्यादा स्पेशल ट्रेनों से करीब 2 लाख प्रवासियों को पाली लाया जा चुका है.
इसके बाद भी कई प्रवासी अभी भी अलग-अलग प्रदेशों में फंसे हुए हैं. शनिवार को चेन्नई से आई स्पेशल ट्रेन में करीब 18 सौ से ज्यादा प्रवासियों को पाली लाया गया. यहां पाली और जालोर के सभी प्रवासियों को उतारा गया. प्रशासन की ओर से विभिन्न मेडिकल टीमों द्वारा इन सभी प्रवासियों की स्वास्थ्य की स्कैनिंग कर उन्हें अलग-अलग बसों में बिठाया गया.
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किसी भी प्रकार से इन प्रवासियों से संक्रमण ना फैले, इसको लेकर प्रशासन काफी सतर्क नजर आया, लेकिन प्रशासन की इन सभी माकूल व्यवस्थाओं को पाली के जनप्रतिनिधियों ने वाहवाही लूटने के चक्कर में खत्म कर दी. हालांकि कई जनप्रतिनिधि प्रशासन द्वारा की जा रही अपील को देखते हुए रेलवे स्टेशन से बाहर चले गए और प्रवासियों के लिए नाश्ता पानी की व्यवस्था करते नजर आए.