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पाली में आने वाले प्रवासियों को 72 घंटे में बतानी होगी अपनी कोरोना रिपोर्ट

पाली में कोरोना को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिसके बाद अब केरल और महाराष्ट्र से आने वाले लोगों को RT-PCR टेस्ट करवाना अनिवार्य कर दिया गया है. जिसमें 72 घंटे पूर्व आरटीपीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है.

पाली हिंदी न्यूज, RT-PCR reports
पाली में प्रवासियों का कोरोना रिपोर्ट अनिवार्य
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Published : Mar 6, 2021, 8:17 PM IST

पाली. जिले में केरल और महाराष्ट्र से राजस्थान आने वाले लोगों की तरह अब पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात से आने वालों के लिए भी 72 घंटे पूर्व कोरोना वायरस के आरटीपीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है. पड़ोसी राज्यों में कोविड-19 का संक्रमण दोबारा तेजी से बढ़ने के दृष्टिगत यह निर्णय किया गया है. राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूलों में कक्षा 5 तक की कक्षाएं पूर्व की भांति 31 मार्च तक बंद रखने के आदेश दिए हैं.

जिला कलेक्टर अंश दीप ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर हुई कोविड-19 महामारी की स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय किए गए. उन्होंने बताया कि इस महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए सभी एहतियाती कदम उठाने आवश्यक हैं. आमजन को विशेषज्ञ डॉक्टरों की ओर से बार-बार सुझाए गए मास्क पहनने, उचित दूरी बनाने और बार-बार हाथ धोने जैसे हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन पूरी सजगता के साथ करनी चाहिए.

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उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिनों के दौरान आमजन की ओर से हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना में लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने स्वायत्त शासन विभाग और सूचना और जनसम्पर्क विभाग को जागरूकता अभियान में फिर से तेजी लाने और पुलिस सहित अन्य विभागों का इसमें सहयोग करने के निर्देश दिए. हम कोरोना से जीती जंग कहीं हार न जाएं, इसलिए सभी सावधानियों का पालन आवश्यक रूप से करना होगा.

उन्होंने बताया कि जिले में कोविड-19 टीकाकरण का काम अच्छी गति से चल रहा है लेकिन इसमें अधिक तेजी लाने की आवश्यकता है. उन्होंने प्राथमिकता क्रम में निर्धारित श्रेणी के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी अभियान चलाने के निर्देश दिए. उन्होंने जिले के सभी टीकाकरण केन्द्रों पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए.

उन्होंने बताया कि फरवरी के दौरान जिले में संक्रमितों की संख्या काफी कम हो गई थी लेकिन राज्य के अन्य जिलों में जिस तरह से नए मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, उससे हमें भी सतर्क रहकर कोरोना के पॉजिटिव मामलों में वृद्धि रोकने के प्रयास करने होंगे. उन्होंने बताया कि पाली जिले में पॉजिटिविटी दर, रिकवरी दर और एक्टिव केसेज का प्रतिशत काफी कम है लेकिन फिर भी अधिकारियों और कर्मचारियों को सतर्क रहना होगा.

यह भी पढ़ें. विधानसभा की कार्यवाही नदारद रहने वाले कांग्रेस विधायकों पर खफा मुख्य सचेतक, पत्र लिखकर दी चेतावनी

उन्होंने बताया कि डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर और जयपुर आदि जिन जिलों में बीते दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, वहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी विशेष ध्यान दे रहे हैं, फिर भी इन जिलों से आने वाले लोगों की आरटीपीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट जांचने की आवश्यकता है. जिन यात्रियों के पास यह रिपोर्ट नहीं हो, उनकी जांच करवा कर रिपोर्ट के आधार पर आगामी कदम उठाएं जाएं. उन्होंने जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मातहत अधिकारियों से समन्वय कर संग्दिध मरीजों के आइसोलेशन, ज्यादा टेस्टिंग और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से स्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए.

उन्होंने बताया कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, आउटडोर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नए सिरे से जागरूकता अभियान शुरू कर दिया गया है. साथ ही, स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा विभाग के माध्यम से जागरूकता संबंधी पम्पलेट वितरण का काम शुरू किया जा रहा है. नगरीय निकाय वाहनों और ऑटोरिक्शा के माध्यम से कोरोना जागरूकता संबंधी नवीन संदेशों का प्रसारण करवाया जा रहा है.

पाली. जिले में केरल और महाराष्ट्र से राजस्थान आने वाले लोगों की तरह अब पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात से आने वालों के लिए भी 72 घंटे पूर्व कोरोना वायरस के आरटीपीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है. पड़ोसी राज्यों में कोविड-19 का संक्रमण दोबारा तेजी से बढ़ने के दृष्टिगत यह निर्णय किया गया है. राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूलों में कक्षा 5 तक की कक्षाएं पूर्व की भांति 31 मार्च तक बंद रखने के आदेश दिए हैं.

जिला कलेक्टर अंश दीप ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर हुई कोविड-19 महामारी की स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय किए गए. उन्होंने बताया कि इस महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए सभी एहतियाती कदम उठाने आवश्यक हैं. आमजन को विशेषज्ञ डॉक्टरों की ओर से बार-बार सुझाए गए मास्क पहनने, उचित दूरी बनाने और बार-बार हाथ धोने जैसे हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन पूरी सजगता के साथ करनी चाहिए.

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उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिनों के दौरान आमजन की ओर से हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना में लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने स्वायत्त शासन विभाग और सूचना और जनसम्पर्क विभाग को जागरूकता अभियान में फिर से तेजी लाने और पुलिस सहित अन्य विभागों का इसमें सहयोग करने के निर्देश दिए. हम कोरोना से जीती जंग कहीं हार न जाएं, इसलिए सभी सावधानियों का पालन आवश्यक रूप से करना होगा.

उन्होंने बताया कि जिले में कोविड-19 टीकाकरण का काम अच्छी गति से चल रहा है लेकिन इसमें अधिक तेजी लाने की आवश्यकता है. उन्होंने प्राथमिकता क्रम में निर्धारित श्रेणी के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी अभियान चलाने के निर्देश दिए. उन्होंने जिले के सभी टीकाकरण केन्द्रों पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए.

उन्होंने बताया कि फरवरी के दौरान जिले में संक्रमितों की संख्या काफी कम हो गई थी लेकिन राज्य के अन्य जिलों में जिस तरह से नए मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, उससे हमें भी सतर्क रहकर कोरोना के पॉजिटिव मामलों में वृद्धि रोकने के प्रयास करने होंगे. उन्होंने बताया कि पाली जिले में पॉजिटिविटी दर, रिकवरी दर और एक्टिव केसेज का प्रतिशत काफी कम है लेकिन फिर भी अधिकारियों और कर्मचारियों को सतर्क रहना होगा.

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उन्होंने बताया कि डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर और जयपुर आदि जिन जिलों में बीते दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, वहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी विशेष ध्यान दे रहे हैं, फिर भी इन जिलों से आने वाले लोगों की आरटीपीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट जांचने की आवश्यकता है. जिन यात्रियों के पास यह रिपोर्ट नहीं हो, उनकी जांच करवा कर रिपोर्ट के आधार पर आगामी कदम उठाएं जाएं. उन्होंने जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मातहत अधिकारियों से समन्वय कर संग्दिध मरीजों के आइसोलेशन, ज्यादा टेस्टिंग और कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से स्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए.

उन्होंने बताया कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, आउटडोर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नए सिरे से जागरूकता अभियान शुरू कर दिया गया है. साथ ही, स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा विभाग के माध्यम से जागरूकता संबंधी पम्पलेट वितरण का काम शुरू किया जा रहा है. नगरीय निकाय वाहनों और ऑटोरिक्शा के माध्यम से कोरोना जागरूकता संबंधी नवीन संदेशों का प्रसारण करवाया जा रहा है.

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