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पाली: बाली के नाड़ोल में एक दर्जन मोरों की मौत

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Published : Jun 29, 2020, 2:23 AM IST

पाली जिले के नाड़ोल में रविवार रात कई राष्ट्रीय पक्षी मोर मृत पाए गए हैं. मौके पर पहुंचे सहायक वनपाल और पशु रक्षक ने मृत मोरों के शवों को अपने कब्जे में लिया. इसी के साथ चुग्गे का सैंपल भी लिया गया. जांच के बाद ही मोरों की मौत की वजह का खुलासा हो सकेगा.

Bali Pali News, राष्ट्रीय पक्षी मोर
पाली के बाली में मृत पाए गए मोर

बाली (पाली). जिले के नाड़ोल में नया गुडा मार्ग पर स्थित गरां माताजी मंदिर के पास पहाड़ी क्षेत्र में रविवार रात करीब 12 मोर मृत पाए गए. राष्ट्रीय पक्षी मोर के साथ कई फाख्ता भी मृत मिले हैं. हालांकि, रात में मौके पर रोशनी नहीं होने के कारण सभी मृत मोरों को गिना नहीं जा सका. मृत मोरों की संख्या ज्यादा भी हो सकती है.

इस दौरान सूचना मिलने पर समाजसेवी गुलाबसिंह राजपुरोहित, पुजारी किरण पुरी गोस्वामी, वार्डपंच भवानीसिंह, युसुफ खान, उपसरपंच नरसिंह राव, ग्रामीण प्रकाश सिंह, किस्तूरचन्द मेघवाल, परबत सिंह झाला, ईश्वरसिंह राठौड़, नरपतसिंह सांवलता, शिवसिंह, नाड़ोल पुलिस चौकी के हेड कांस्टेबल परविंदर सिंह और पशु चिकित्साकर्मी कैलाश परिहार सहित कई ग्रामीण मौके पर पहुंचे.

पढ़ें: राजस्थान में 1 जुलाई से ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे धार्मिक स्थल खोलने की मंजूरी

मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने बताया कि यहां 25-30 मोरों सहित अन्य पक्षी हर रोज चुग्गा चुगने और पानी पीने आते हैं. लेकिन, रविवार को इनकी संख्या बेहद कम दिखी. इसके बाद शक होने पर आस-पास ढूंढा गया तो कुछ मोर मृत पाए गए.

पढ़ें: मंत्री अशोक चांदना ने सतीश पूनिया पर की अशोभनीय टिप्पणी

जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के पहुंचने के बाद तलाशी लेने पर करीब 12 मोर मृत मिले. इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई. रात करीब 9 बजे बिजोवा घास जोड़ के सहायक वनपाल कपूराराम और पशु रक्षक पूनाराम मौके पर पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों से करीब 4 मृत मोरों के शवों को अपने कब्जे में लिया. इसी के साथ चुग्गे का सैंपल भी लिया. आशंका जताई जा रही हैं कि मोरों की मृत्यु जहरीले दाने खाने से हुई है. लेकिन, सही कारणों का पता सोमवार सुबह जांच के बाद ही चलेगा.

बाली (पाली). जिले के नाड़ोल में नया गुडा मार्ग पर स्थित गरां माताजी मंदिर के पास पहाड़ी क्षेत्र में रविवार रात करीब 12 मोर मृत पाए गए. राष्ट्रीय पक्षी मोर के साथ कई फाख्ता भी मृत मिले हैं. हालांकि, रात में मौके पर रोशनी नहीं होने के कारण सभी मृत मोरों को गिना नहीं जा सका. मृत मोरों की संख्या ज्यादा भी हो सकती है.

इस दौरान सूचना मिलने पर समाजसेवी गुलाबसिंह राजपुरोहित, पुजारी किरण पुरी गोस्वामी, वार्डपंच भवानीसिंह, युसुफ खान, उपसरपंच नरसिंह राव, ग्रामीण प्रकाश सिंह, किस्तूरचन्द मेघवाल, परबत सिंह झाला, ईश्वरसिंह राठौड़, नरपतसिंह सांवलता, शिवसिंह, नाड़ोल पुलिस चौकी के हेड कांस्टेबल परविंदर सिंह और पशु चिकित्साकर्मी कैलाश परिहार सहित कई ग्रामीण मौके पर पहुंचे.

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मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं ने बताया कि यहां 25-30 मोरों सहित अन्य पक्षी हर रोज चुग्गा चुगने और पानी पीने आते हैं. लेकिन, रविवार को इनकी संख्या बेहद कम दिखी. इसके बाद शक होने पर आस-पास ढूंढा गया तो कुछ मोर मृत पाए गए.

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जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के पहुंचने के बाद तलाशी लेने पर करीब 12 मोर मृत मिले. इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई. रात करीब 9 बजे बिजोवा घास जोड़ के सहायक वनपाल कपूराराम और पशु रक्षक पूनाराम मौके पर पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों से करीब 4 मृत मोरों के शवों को अपने कब्जे में लिया. इसी के साथ चुग्गे का सैंपल भी लिया. आशंका जताई जा रही हैं कि मोरों की मृत्यु जहरीले दाने खाने से हुई है. लेकिन, सही कारणों का पता सोमवार सुबह जांच के बाद ही चलेगा.

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