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खबर का असरः मेडिकल इमरजेंसी के अलावा जोधपुर बॉर्डर पूरी तरह सील

जोधपुर में कोरोना वायरस संक्रमित के आंकड़ों में बढ़ोतरी को देख ईटीवी भारत की टीम ने पाली और जोधपुर सीमा पर बने नीबली टोल नाके की रिएलटी चेक किया था. जिसमें सामने आया था कि यहां पुलिस की जांच महज कागजी कार्रवाई है. इसके बाद पाली प्रशासन ने एक आदेश जारी कर मेडिकल इमरजेंसी के अलावा जोधपुर बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया है.

जोधपुर बॉर्डर सील, Corona virus in jodhpur
जोधपुर बॉर्डर सील
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Published : Apr 15, 2020, 10:28 AM IST

पाली. जोधपुर में कोरोना वायरस का संक्रमण और पॉजिटिव मरीजों के आंकड़े में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आंकड़ों में बढ़ोतरी को देख ईटीवी भारत की टीम ने पाली और जोधपुर सीमा पर बने नीबली टोल नाके की वास्तविक स्थिति दिखाई थी. इसके बाद पाली प्रशासन ने मंगलवार देर शाम इस संबंध में आदेश जारी किए और जोधपुर से आने वाली सभी वाहनों की एंट्री पाली में बंद कर दी है.

जोधपुर बॉर्डर सील

बता दें कि जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने मंगलवार देर शाम को यह आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत आगामी 3 मई तक बढ़े लॉक डाउन में सख्ती को बरकरार रखने के लिए जोधपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा. साथ ही यहां पर प्रशासन की तीन परत में सुरक्षा खड़ी की जाएगी. अब यहां से निकलने वाले लापरवाह लोगों को पुलिस मौके से ही पास ही बनी स्कूल में को क्वारंटाइन कर देगी.

पढ़ें- Reality Check : पाली से महज 34 किमी दूर खतरा, अनदेखी ला सकती है महामारी

देश में लॉकडाउन के बाद जनता को राहत देने के लिए प्रशासन की ओर से आवश्यक कार्यों के लिए उनके वाहनों और अन्य जिलों में जाने के लिए विशेष परमिट बनाने की राहत प्रदान की गई थी. इस राहत के कारण पाली में हजारों लोगों ने अपने अलग-अलग जिलों में जाने के परमिट बना दिए. पिछले 10 दिनों में जिस प्रकार से जोधपुर में कोरोना वायरस फैला है, उसके बाद भी इन परमिट का फायदा उठाकर लापरवाह लोग लगातार जोधपुर जा रहे हैं और वापस पाली आ रहे हैं.

मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने पाली और जोधपुर सीमा पर बने नीबली टोल नाके की वास्तविक स्थिति दिखाई थी. इसके बाद प्रशासन सचेत नजर आया और मंगलवार देर शाम को जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने इस संबंध में आदेश जारी किए. जिला प्रशासन ने जोधपुर से आने वाली सभी वाहनों की एंट्री पाली में बंद कर दी है. वहीं, पाली से भी मेडिकल इमरजेंसी के अलावा किसी को भी जोधपुर जाने की परमिशन नहीं दी जाएगी.

जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने बताया, कि पाली-जोधपुर बॉर्डर सीमा पर बने नीबली टोल पर तीन स्तरीय सुरक्षा का घेरा रहेगा. इसमें पहला घेरा पुलिस प्रशासन का रहेगा, दूसरा घेरा प्रशासनिक टीम का रहेगा जो वाहनों की दस्तावेज की जांच करेगी और तीसरा घेरा ग्राम मेडिकल टीम कराएगा, जो स्कैनिंग करने के बाद में क्वारंटाइन करवाने की प्रक्रिया करवाएगी.

पाली. जोधपुर में कोरोना वायरस का संक्रमण और पॉजिटिव मरीजों के आंकड़े में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आंकड़ों में बढ़ोतरी को देख ईटीवी भारत की टीम ने पाली और जोधपुर सीमा पर बने नीबली टोल नाके की वास्तविक स्थिति दिखाई थी. इसके बाद पाली प्रशासन ने मंगलवार देर शाम इस संबंध में आदेश जारी किए और जोधपुर से आने वाली सभी वाहनों की एंट्री पाली में बंद कर दी है.

जोधपुर बॉर्डर सील

बता दें कि जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने मंगलवार देर शाम को यह आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत आगामी 3 मई तक बढ़े लॉक डाउन में सख्ती को बरकरार रखने के लिए जोधपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा. साथ ही यहां पर प्रशासन की तीन परत में सुरक्षा खड़ी की जाएगी. अब यहां से निकलने वाले लापरवाह लोगों को पुलिस मौके से ही पास ही बनी स्कूल में को क्वारंटाइन कर देगी.

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देश में लॉकडाउन के बाद जनता को राहत देने के लिए प्रशासन की ओर से आवश्यक कार्यों के लिए उनके वाहनों और अन्य जिलों में जाने के लिए विशेष परमिट बनाने की राहत प्रदान की गई थी. इस राहत के कारण पाली में हजारों लोगों ने अपने अलग-अलग जिलों में जाने के परमिट बना दिए. पिछले 10 दिनों में जिस प्रकार से जोधपुर में कोरोना वायरस फैला है, उसके बाद भी इन परमिट का फायदा उठाकर लापरवाह लोग लगातार जोधपुर जा रहे हैं और वापस पाली आ रहे हैं.

मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने पाली और जोधपुर सीमा पर बने नीबली टोल नाके की वास्तविक स्थिति दिखाई थी. इसके बाद प्रशासन सचेत नजर आया और मंगलवार देर शाम को जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने इस संबंध में आदेश जारी किए. जिला प्रशासन ने जोधपुर से आने वाली सभी वाहनों की एंट्री पाली में बंद कर दी है. वहीं, पाली से भी मेडिकल इमरजेंसी के अलावा किसी को भी जोधपुर जाने की परमिशन नहीं दी जाएगी.

जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने बताया, कि पाली-जोधपुर बॉर्डर सीमा पर बने नीबली टोल पर तीन स्तरीय सुरक्षा का घेरा रहेगा. इसमें पहला घेरा पुलिस प्रशासन का रहेगा, दूसरा घेरा प्रशासनिक टीम का रहेगा जो वाहनों की दस्तावेज की जांच करेगी और तीसरा घेरा ग्राम मेडिकल टीम कराएगा, जो स्कैनिंग करने के बाद में क्वारंटाइन करवाने की प्रक्रिया करवाएगी.

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