पाली. जिले में इस बार अच्छी हुई बारिश के चलते पाली शहर के समीप हेमावास बांध में सिंचाई का पानी देने के लिए सोमवार को जिला सभागार में बैठक हुई. इसमें किसानों की 1700 एनसीएफटी की मांग से 75 एमसीएफटी कम पानी 1625 एमसीएफटी पानी देना तय हो चुका है. बांध में मौजूद पानी 2103 एनसीएफटी में से 478 एमसीएफटी पानी पेयजल के लिए आरक्षित रहेगा.
पानी के बंटवारे को लेकर पाली विधायक ज्ञानचंद पारख, सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत, जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन और संगम अध्यक्षों की मौजूदगी में बैठक हुई. इसमें किसानों ने पिछले वर्ष 2017 में दिए 1700 एमसीएफटी पानी की तहत इस बार भी पानी की आवक होने के कारण पानी की मांग की थी.
यह भी पढ़ें- पाली : जल मेले में स्वच्छता और पॉलीथिन मुक्त समाज का दिया संदेश
इस पर हंगामा भी हुआ उसके बाद जलदाय विभाग की मांग और अभी तक बरसात का दौर जारी रहने से खेतों में नमी को देखते हुए किसानों ने 1625 एमसीएफटी पानी सिंचाई के लिए देने पर सहमति बना ली. जानकारी है कि हेमावास बांध से पहली पान में 625 एमसीएफटी पानी दिया जाएगा. जबकि दूसरे और तीसरे चरण में 500-500 एमसीएफटी पानी दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें- कुछ यूं सीखें योग...
सिंचाई विभाग के अनुसार पाण शुरू करने पर रोजाना करीब 20 एमसीएफटी पानी की निकासी होगी. ऐसे में पहली पाण करीब 30 और दूसरी और तीसरी 525 से 28 दिन तक चलेगी. हेमावास बांध द्वारा दिए जाने वाले सिंचाई के पानी से 13 हेमावास सहित 13 अन्य गांव में खेतों में सिंचाई हो सकेगी. इसमें मंडली रामासिया पालिका बेटवा क्षेत्र कैनाल क्षेत्र गुडला आंध्रा गुलाबपुरा मालपुरा मंडी आ गिरा, गड़ा की ढाणी, गिरा बड़ागांव रुपावास और मूलियावास गांव शामिल है.