सुमेरपुर (पाली): जवाई बांध से सिंचाई और पेयजल के लिए जल बंटवारे को लेकर 7 अक्टूबर को जल वितरण कमेटी की बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें किसानों को दिए गए 4 हजार MCFT पानी में से 100 MCFT पानी बाद में दिए जाने की शर्त रखी गई थी. इस निर्णय से किसानों का रोष व्याप्त है. किसानों का कहना है कि वे कम पानी लेने के लिए तैयार नहीं हैं.
किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में बुधवार यानी 21 अक्टूबर को किसान महापड़ाव करेंगे और आंदोलन कर प्रशासन से 100 MCFT पानी देने की मांग करेंगे. महापड़ाव में अधिक से अधिक किसान पहुंचे, इसके लिए समिति अध्यक्ष जयेन्द्र सिंह गलथनी समेत जल उपयोक्ता संगम अध्यक्षों ने मंगलवार को जवाई कमांड क्षेत्र के विभिन्न गांवों का दौरा किया है और किसानों के साथ बैठक की है.
समिति अध्यक्ष गलथनी ने बताया कि प्रशासन ने पहले किसानों को सिंचाई के लिए 4 हजार MCFT पानी देने का निर्णय लिया था, लेकिन जब पानी देने के दिनों के निर्धारण के लिए जल संशाधन विभाग और जल उपयोक्ता संगम अध्यक्षों की बैठक हुई तो सिंचाई के लिए किसानों को 100 MCFT पानी कम देने की बात कही गई. इस दौरान किसनों ने बैठक का विरोध भी किया था.
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प्रशासन की ओर से लिए गए निर्णय पर किसानों में रोष व्याप्त है. उन्होंने बताया कि किसान 100 एमसी MCFT एफटी पानी कम नहीं लेंगे. ऐसे में किसानों ने पूर्व में निर्धारित 4000 MCFT पानी भी लेने से इनकार कर दिया है.
सांडेराव के रामदेव मंदिर में हुई किसानों की बैठक...
जवाई बांध से पानी कम देने के विवाद पर रामदेव मंदिर परिसर सांडेराव में बैठक हुई, जिसमें बुधवार को सुमेरपुर में महापड़ाव की चेतावनी पर ज्यादा से ज्यादा किसानों को एकत्रित होने का आमंत्रण दिया गया.
इस दौरान बैठक में किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष जयेंद्रसिंह गलथनी, प्रताप सिंह बिंठिया, जगतसिंह राणावत, हड़मत सिंह राठौड़, हनुमान भाटी, शंकरसिंह (काकू), राम भाई गोपाला, भूराराम मालवीय, गोपालसिंह राठौड़, शैतानसिंह राजपुरोहित, गणपतसिंह राजपुरोहित, मंसाराम घांची, नारायणलाल माली, लालाराम घांची, धनाराम घांची, भीकाराम कुमावत, चंदनसिंह, महेंद्रसिंह सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे.