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फेफड़ों पर भी वार कर रहा कोरोना, स्वस्थ होने के बाद फिर से अस्पताल पहुंच रहे मरीज

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Published : Oct 6, 2020, 8:42 PM IST

कोरोना का साया ठीक होने के बाद भी मरीजों का पीछा नहीं छोड़ रहा है. बीते कुछ दिनों में कई ऐसे केस समाने आए हैं जिनमें कोरोना से रिकवर होने के बाद घर लौट चुके मरीजों को कई अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इनमें ज्यादातर मरीजों की केस हिस्ट्री कोरोना से संबंधित है. अस्पताल आए ज्यादातर मरीजों के फेफड़े में खराबी की समस्या देखने को मिल रही है जिससे चिकित्सकों की चिंता बढ़ गई है.

Corona affecting the lungs too
फेफड़े पर भी बुरा प्रभाव डाल रहा कोरोना

पाली. जिले में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. यहां मौत और संक्रमित मरीजों के आंकड़ों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इन सबके बीच मरीजों के ठीक होने का सिलसिला भी चल रहा था. लोग स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट रहे थे. पाली में मरीजों के स्वस्थ होने का रिकवरी रेट भी अच्छा हो गया था, लेकिन बीते दिनों में कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिससे चिकित्सकों कि चिंता बढ़ गई है. कारण यह है कि स्वस्थ होने के बाद घर लौट चुके कई मरीजों पर कोरोना ने दोबारा हमला कर दिया है.

फेफड़े पर भी बुरा प्रभाव डाल रहा कोरोना

मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण वापस दिखने लगे हैं. ऐसे में कई समस्याओं को लेकर मरीज फिर से बांगड़ अस्पताल चेकअप के लिए पहुंच रहे हैं. यह चौंकाने वाली बात है लेकिन बांगड़ अस्पताल के सांस रोग विशेषज्ञ ने बताया है कि जो मरीज स्वस्थ होकर लौटे हैं उनमे संक्रमण के साइड इफेक्ट अभी भी सामने आ रहे हैं. ऐसे में कई ऐसे गंभीर मरीज भी वापस आ रहे हैं जो स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए थे.

यह भी पढ़ें: Special: ब्लड कलेक्शन पर कोरोना की मार, गत वर्ष की तुलना में आधा हुआ ब्लड स्टोरेज

पाली बांगड़ अस्पताल के श्वांस रोग विशेषज्ञ ने बताया कि जिले में अभी तक 5343 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. इनमें हर उम्र के मरीज शामिल थे, लेकिन हाल ही में स्वस्थ होकर लौटे इन मरीजों में से कई मरीज फिर से समस्या होने पर अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए आ रहे हैं. इन मरीजों में फेफड़े की सिकुड़न की समस्या सबसे ज्यादा सामने आ रही है.

Many problems occurring after getting healthy
स्वस्थ होने के बाद हो रहीं कई समस्याएं

कई मरीज ऐसे भी हैं जिनका एक तिहाई फेफड़ों का हिस्सा पूरी तरह से खराब हो चुका है और वे गंभीर स्थिति में वापस अस्पताल आ रहे हैं. इन सभी की हिस्ट्री कोरोना संक्रमण की बताई जा रही है. डॉक्टरों ने बताया कि अब तक कोरोना के अध्ययन में सामने आ रहा था कि स्वस्थ होकर लौटने वाला मरीज पूरी तरह से ठीक था, लेकिन अचानक से ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें कोरोना संक्रमित मरीज फिर से फेफड़ों और अन्य बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं जिनका संबंध कोरोना संक्रमण से है. यह चिकित्सा महकमे के लिए चिंता का विषय भी बना है.

यह भी पढ़ें: SPECIAL : हुनरमंद हाथों से कोरोना ने छीना काम, मूर्तिकार पुश्तैनी काम को छोड़ने को मजबूर

फेफड़े में सिकुड़न के मामले अधिक
पाली बांगड़ अस्पताल के स्वास्थ्य रोग विशेषज्ञ डॉ. ललित शर्मा की माने तो कोरोना संक्रमण से लड़ने के बाद मरीज स्वस्थ हो गए, लेकिन उनमें फाइब्रोसिस की समस्या हो रही है. सरल शब्दों में कहें तो उनके फेफड़े अब सिकुड़ चुके हैं. सिकुड़े हुए फेफड़ों से व्यक्ति अब सिर्फ सांस ले पा रहे हैं. ऐसे में बांगड़ अस्पताल में प्रतिदिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें रोगियों को बांगड़ अस्पताल में उपचार के लिए रखा गया है.

Patients are coming to hospital again
मरीज फिर पहुंच रहे अस्पताल

कई मरीजों के एक तिहाई फेफड़े खराब
डॉक्टर ने बताया कि मरीजों के फेफड़ों में सबसे अधिक निमोनिया की शिकायत सामने आ रही है. समय पर वह स्वस्थ तो हो गए, लेकिन उसके बाद उनके फेफड़े इन समस्याओं से ग्रस्त हो जो रहे हैं. उनके पास ऐसे कई केस आ चुके हैं जिनमें मरीजों के फेफड़े का एक तिहाई हिस्सा पूरी तरह से खराब हो चुका है और धीरे-धीरे बचे हुए क्षेत्र में यह संक्रमण फिर बढ़ रहा है जो मरीज के लिए घातक है.

ठीक होने के बाद फिर हुए पॉजिटिव
पिछले 1 माह की बात करें तो कोरोना संक्रमण के अध्ययन में सामने आ रहा था कि मरीज स्वस्थ होने के बाद कोरोना से लड़ सकता है, लेकिन अब यह अध्ययन भी गलत साबित हो रहा है. पाली में 10 से ज्यादा ऐसे मरीज सामने आ चुके हैं जो कोरोना संक्रमण के बाद स्वस्थ हो गए थे, लेकिन अब वह फिर से पॉजिटिव हो गए हैं. इन सभी को बांगड़ अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है.

पाली. जिले में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. यहां मौत और संक्रमित मरीजों के आंकड़ों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इन सबके बीच मरीजों के ठीक होने का सिलसिला भी चल रहा था. लोग स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट रहे थे. पाली में मरीजों के स्वस्थ होने का रिकवरी रेट भी अच्छा हो गया था, लेकिन बीते दिनों में कुछ ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिससे चिकित्सकों कि चिंता बढ़ गई है. कारण यह है कि स्वस्थ होने के बाद घर लौट चुके कई मरीजों पर कोरोना ने दोबारा हमला कर दिया है.

फेफड़े पर भी बुरा प्रभाव डाल रहा कोरोना

मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण वापस दिखने लगे हैं. ऐसे में कई समस्याओं को लेकर मरीज फिर से बांगड़ अस्पताल चेकअप के लिए पहुंच रहे हैं. यह चौंकाने वाली बात है लेकिन बांगड़ अस्पताल के सांस रोग विशेषज्ञ ने बताया है कि जो मरीज स्वस्थ होकर लौटे हैं उनमे संक्रमण के साइड इफेक्ट अभी भी सामने आ रहे हैं. ऐसे में कई ऐसे गंभीर मरीज भी वापस आ रहे हैं जो स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए थे.

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पाली बांगड़ अस्पताल के श्वांस रोग विशेषज्ञ ने बताया कि जिले में अभी तक 5343 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. इनमें हर उम्र के मरीज शामिल थे, लेकिन हाल ही में स्वस्थ होकर लौटे इन मरीजों में से कई मरीज फिर से समस्या होने पर अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए आ रहे हैं. इन मरीजों में फेफड़े की सिकुड़न की समस्या सबसे ज्यादा सामने आ रही है.

Many problems occurring after getting healthy
स्वस्थ होने के बाद हो रहीं कई समस्याएं

कई मरीज ऐसे भी हैं जिनका एक तिहाई फेफड़ों का हिस्सा पूरी तरह से खराब हो चुका है और वे गंभीर स्थिति में वापस अस्पताल आ रहे हैं. इन सभी की हिस्ट्री कोरोना संक्रमण की बताई जा रही है. डॉक्टरों ने बताया कि अब तक कोरोना के अध्ययन में सामने आ रहा था कि स्वस्थ होकर लौटने वाला मरीज पूरी तरह से ठीक था, लेकिन अचानक से ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें कोरोना संक्रमित मरीज फिर से फेफड़ों और अन्य बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं जिनका संबंध कोरोना संक्रमण से है. यह चिकित्सा महकमे के लिए चिंता का विषय भी बना है.

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फेफड़े में सिकुड़न के मामले अधिक
पाली बांगड़ अस्पताल के स्वास्थ्य रोग विशेषज्ञ डॉ. ललित शर्मा की माने तो कोरोना संक्रमण से लड़ने के बाद मरीज स्वस्थ हो गए, लेकिन उनमें फाइब्रोसिस की समस्या हो रही है. सरल शब्दों में कहें तो उनके फेफड़े अब सिकुड़ चुके हैं. सिकुड़े हुए फेफड़ों से व्यक्ति अब सिर्फ सांस ले पा रहे हैं. ऐसे में बांगड़ अस्पताल में प्रतिदिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें रोगियों को बांगड़ अस्पताल में उपचार के लिए रखा गया है.

Patients are coming to hospital again
मरीज फिर पहुंच रहे अस्पताल

कई मरीजों के एक तिहाई फेफड़े खराब
डॉक्टर ने बताया कि मरीजों के फेफड़ों में सबसे अधिक निमोनिया की शिकायत सामने आ रही है. समय पर वह स्वस्थ तो हो गए, लेकिन उसके बाद उनके फेफड़े इन समस्याओं से ग्रस्त हो जो रहे हैं. उनके पास ऐसे कई केस आ चुके हैं जिनमें मरीजों के फेफड़े का एक तिहाई हिस्सा पूरी तरह से खराब हो चुका है और धीरे-धीरे बचे हुए क्षेत्र में यह संक्रमण फिर बढ़ रहा है जो मरीज के लिए घातक है.

ठीक होने के बाद फिर हुए पॉजिटिव
पिछले 1 माह की बात करें तो कोरोना संक्रमण के अध्ययन में सामने आ रहा था कि मरीज स्वस्थ होने के बाद कोरोना से लड़ सकता है, लेकिन अब यह अध्ययन भी गलत साबित हो रहा है. पाली में 10 से ज्यादा ऐसे मरीज सामने आ चुके हैं जो कोरोना संक्रमण के बाद स्वस्थ हो गए थे, लेकिन अब वह फिर से पॉजिटिव हो गए हैं. इन सभी को बांगड़ अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है.

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