नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा उन पर लगाया गया चार साल का प्रतिबंध एक 'राजनीतिक साजिश' है.
उन्होंने राष्ट्रीय डोपिंग निकाय पर सरकार के प्रभाव में काम करने का भी आरोप लगाया. भारतीय पहलवान को मार्च 2024 में राष्ट्रीय टीम के लिए ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए मूत्र का नमूना देने से इनकार करने के कारण निलंबित कर दिया गया है. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने भी उन्हें 31 दिसंबर, 2024 तक निलंबित कर दिया है.
प्रतिबंध लगाए जाने के बाद बजरंग पुनिया का गंभीर आरोप
पुनिया ने एक्स पर लिखा, "यह चार साल का प्रतिबंध मेरे खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है. मेरे खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है, जो हमने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था. उस आंदोलन में हमने अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की थी.
यह चार साल का प्रतिबंध मेरे खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है। मेरे खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है, जो हमने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था। उस आंदोलन में हमने अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की थी।
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) November 27, 2024
मैं यह स्पष्ट करना…
बजरंग ने यह भी लिखा, "मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने कभी भी डोपिंग टेस्ट कराने से मना नहीं किया. NADA की टीम जब मेरे पास टेस्ट के लिए आई थी, तो उनके पास जो डोप किट थी, वह एक्सपायर हो चुकी थी. यह एक गंभीर लापरवाही थी, और मैंने केवल यह आग्रह किया कि एक वैध और मान्य किट के साथ परीक्षण किया जाए. यह मेरे स्वास्थ्य और करियर की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक था. लेकिन, इसे जानबूझकर मेरे खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया."
पुनिया ने आगे कहा, "भाजपा सरकार और फेडरेशन ने मुझे फंसाने और मेरे करियर को खत्म करने के लिए यह चाल चली है. यह फैसला निष्पक्ष नहीं है, बल्कि मेरे और मेरे जैसे अन्य खिलाड़ियों को चुप कराने की कोशिश है. NADA की इस हरकत ने यह साबित कर दिया है कि उन्हें निष्पक्षता से कोई लेना-देना नहीं है. इस तरह के तमाम संस्थान सरकार के इशारे पर चल रहें है. इस प्रतिबंध के पीछे का असली मकसद मुझे चुप कराना और गलत के खिलाफ आवाज़ उठाने से रोकना है."
मैं अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाना बंद नहीं करूंगा: बजरंग पुनिया
मैं यह स्पष्ट कर दूं कि चाहे मुझे जिंदगीभर के लिए निलंबित कर दिया जाए, लेकिन मैं अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाना बंद नहीं करूंगा. यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं, हर उस खिलाड़ी की है जिसे सिस्टम ने चुप कराने की कोशिश की है. मैं इस फैसले के खिलाफ अपील करूंगा और अपने हक की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा.
आप को बता दें कि, बजरंग विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप जैसे प्रमुख टूर्नामेंटों में कई पदक जीतने वाले सबसे सम्मानित भारतीय पहलवानों में से एक हैं. इसके अलावा, उन्हें 2015 में अर्जुन पुरस्कार, खेल रत्न और 2019 में पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है. 30 वर्षीय बजरंग इस साल सितंबर में साथी भारतीय पहलवान विनेश फोगट के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए.