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Contractor Suicide Case : पाली नगर परिषद सभापति व उनके पति को राहत, HC ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक - Rajasthan Hindi News

ठेकेदार आत्महत्या मामले में (Contractor Suicide Case) पाली नगर परिषद सभापति और उनके पति को बड़ी राहत मिली है. राजस्थान हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. जानिए क्या है पूरा मामला...

Rajasthan High Court
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Published : Nov 29, 2022, 8:09 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पाली नगर परिषद सभापति रेखा राकेश भाटी व उनके पति राकेश भाटी को (Pali Municipal Council President Rekha) ठेकेदार आत्महत्या मामले में राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अनुसंधान में सहयोग के निर्देश दिए हैं. डॉ. जस्टिस पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की अदालत में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेन्द्र सिंह राठौड ने पैरवी की.

वरिष्ठ अधिवक्ता राठौड़ ने कोर्ट को बताया कि मृतक हनुमान सिंह ने नगर परिषद में ठेकेदारी करता था और मृतक ने आत्महत्या के पूर्व एक नोट लिखा, जिसमें उसने बिलों का भुगतान नही करने की वजह से अत्यधिक उत्पीड़न बताते हुए आत्महत्या कर ली. जिसमें सभापति रेखा राकेश भाटी व उनके पति राकेश भाटी, आयुक्त और लेखाधिकारी को आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया है.

पढ़ें : ठेकेदार की आत्महत्या का मामला, पूनिया ने नगर परिषद सभापति रेखा भाटी को प्राथमिक सदस्यता से किया निलंबित

जिसको लेकर पाली के रोहट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि महज बिलो का भुगतान नहीं करने की वजह से आत्महत्या के मुकदमे में आरोपी नहीं माना जा सकता है. सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता एसके भाटी व परिवादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष सिसोदिया ने पक्ष रखा. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए आठ सप्ताह में नोटिस का जवाब-तलब किया है. साथ ही याचिकाकर्ताओं को अनुसंधान में सहयोग के निर्देश दिए हैं.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पाली नगर परिषद सभापति रेखा राकेश भाटी व उनके पति राकेश भाटी को (Pali Municipal Council President Rekha) ठेकेदार आत्महत्या मामले में राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अनुसंधान में सहयोग के निर्देश दिए हैं. डॉ. जस्टिस पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की अदालत में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेन्द्र सिंह राठौड ने पैरवी की.

वरिष्ठ अधिवक्ता राठौड़ ने कोर्ट को बताया कि मृतक हनुमान सिंह ने नगर परिषद में ठेकेदारी करता था और मृतक ने आत्महत्या के पूर्व एक नोट लिखा, जिसमें उसने बिलों का भुगतान नही करने की वजह से अत्यधिक उत्पीड़न बताते हुए आत्महत्या कर ली. जिसमें सभापति रेखा राकेश भाटी व उनके पति राकेश भाटी, आयुक्त और लेखाधिकारी को आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया है.

पढ़ें : ठेकेदार की आत्महत्या का मामला, पूनिया ने नगर परिषद सभापति रेखा भाटी को प्राथमिक सदस्यता से किया निलंबित

जिसको लेकर पाली के रोहट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि महज बिलो का भुगतान नहीं करने की वजह से आत्महत्या के मुकदमे में आरोपी नहीं माना जा सकता है. सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता एसके भाटी व परिवादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष सिसोदिया ने पक्ष रखा. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए आठ सप्ताह में नोटिस का जवाब-तलब किया है. साथ ही याचिकाकर्ताओं को अनुसंधान में सहयोग के निर्देश दिए हैं.

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