पाली. जिले में अभी कोरोना संक्रमण का खतरा खत्म ही नहीं हुआ है कि ब्लैक फंगस जैसी घातक बीमारी ने भी अब पाली पर मंडराना शुरू कर दिया है. पाली में पिछले 2 दिनों में 3 मरीजों की पहचान हुई है. इनमें से एक मरीज रविवार को बांगड़ अस्पताल में भर्ती हुआ है. जिसे डॉक्टरों ने जोधपुर रेफर किया है.
इस मामले की जानकारी मिलते ही मरीजों की मदद के लिए विधायक ज्ञानचंद पारख भी अस्पताल पहुंचे और मरीज को जोधपुर एम्स अस्पताल में भिजवाया गया है. विधायक ज्ञानचंद पारख ने बताया कि यह बीमारी काफी घातक है और छोटे सेंटर पर इसका उपचार संभव नहीं है. इस बीमारी में पाली के 2 मरीजों के अब तक जबड़े निकाले जा चुके हैं. इस बीमारी के मरीज सामने आते ही चिकित्सा विभाग में भी हड़कंप मच चुका है. अस्पताल के डॉक्टर उच्च सेंटरों के विशेषज्ञों से इस संबंध में चर्चा भी कर रहे हैं.
क्या है ब्लैक फंगस?
ये एक ऐसा फंगल इंफेक्शन है, जिसे कोरोना वायरस ट्रिगर करता है. कोविड-19 टास्क फोर्स के डॉक्टरों का कहना है कि ये उन लोगों में आसानी से फैल जाता है जो पहले से किसी ना किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. इन लोगों में इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता कम होती है.
इन लोगों को है खतरा
डॉक्टरों ने बताया कि कुछ विशेष परिस्थितियों में कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ता है.
- अनियंत्रित डायबिटीज
- स्टेरॉयड की वजह से कमजोर इम्यूनिटी
- लंबे समय तक आईसीयू या अस्पताल में दाखिल रहना
- किसी अन्य बीमारी का होना
- पोस्ट ऑर्गेन ट्रांसप्लांट
- कैंसर या वोरिकोनाजोल थैरेपी (गंभीर फंगल इंफेक्शन का इलाज)
इन सभी मामलों में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ सकता है.
यह है लक्षण
ब्लैक फंगस में मुख्य रूप से कई तरह के लक्षण देखे जाते हैं.
- आंखों में लालपन या दर्द
- बुखार
- सिरदर्द
- खांसी
- सांस में तकलीफ
- उल्टी में खून
- मानसिक स्थिति में बदलाव
इन सभी लक्षणों से ब्लैक फंगस की पहचान की जा सकती है.