पाली. नगर परिषद के चेयरमैन की कुर्सी पर कब्जा करने के बाद से भाजपा ने बुधवार को उपसभापति पद पर भी अपना नाम लिख दिया है. उपसभापति चुनाव के दौरान कांग्रेस दो खेमों में बटा हुआ नजर आया. जब एक पार्षद दिलीप ओड ने निर्दलीय से नामांकन भर दिया, तो उन्हें कांग्रेस ने जैसे-तैसे बिठाया.
वहीं सभापति के चुनाव में कांग्रेस 30 पार्षदों के साथ पहुंची थी, लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी को 28 वोट ही मिल पाए. जबकि बुधवार को कांग्रेस के 3 वोट और कम हो गए. उपसभापति चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी मोइनुद्दीन भाटी को 25 वोट ही मिल सके. भाजपा के वरिष्ठ और सबसे उम्रदराज 65 साल के ललित को 39 वोट मिले. प्रितमानी ने 14 वोटों से जीत दर्ज कर उपसभापति की कुर्सी पर कब्जा किया. एसडीएम रोहिताश सिंह तोमर ने उनको उनके पद की शपथ दिलाई. बाद में चेयरमैन रेखा राकेश भाटी और वर्तमान उपसभापति मूल सिंह भाटी ने उनको कार्यभार ग्रहण करावाया.
शहरी सरकार में बुधवार को उपसभापति पद पर निर्वाचन के साथ ही नगर परिषद बोर्ड के गठन की कार्रवाई पूरी हो गई है. चुनाव में टिकट वितरण से लेकर उप सभापति के चुनाव तक कई उलटफेर देखने को मिले. उपसभापति के चुनाव में भी जोड़-तोड़ का खेल चलता रहा. इसके चलते कांग्रेस को अपने खेमे के 3 वोटों का नुकसान भी झेलना पड़ा.
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भाजपा कांग्रेस ने चेयरमैन चुनाव की तरह इस चुनाव में पार्षदों की बाराबंदी नहीं की थी. सभी पार्षदों को खुला छोड़ दिया गया था. इसका फायदा भाजपा ने उठा लिया और कांग्रेस ने अपनी तरफ से उपसभापति चुनाव में भाजपा में सेंधमारी कर अपने वोट बढ़ाने का दावा किया था, लेकिन भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत कांग्रेसी खेमे के तीन पार्षदों को तोड़कर अपने पक्ष में वोट कराने में कामयाबी हासिल की.