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पाली: सादड़ी में दिखे 10 से 12 फीट लंबे अजगर ने फैलाई दहशत - पाली न्यूज

पाली जिले के सादड़ी में खेत के भीतर महिला को कुछ आहट सुनाई दी जैसे ही महिला ने घास हटाकर क्यारी में देखा तो उसके होश उड़ गये. दरअसल यहां एक बेरे पर पहुंचे 10 से 12 फीट लम्बे अजगर ने दहशत फैला दी.

python seen in sadri, सादड़ी में अजगर
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Published : Aug 18, 2019, 2:03 AM IST

पाली. बेरा कुंडेर पर शनिवार सुबह करीबन 11 बजे महिलाएं खेत में घास काट रही थी. तभी उन्हें क्यारी की नाली में एक अजगर दिखा. डर के मारे महिलाएं चिल्लाने लगी तो आसपास के किसान दौड़े आए. यह अजगर अपने निवाले को पचाने की कोशिश में बैठा था.

सूचना मिलने पर वनपाल बाबूलाल विश्नोई, वनरक्षक हरिसिंह बाझिया, जितेन्द्र कुमार जाट बेरे पर पहुंचे. जिन्होंने ग्रामीणों की मदद से अजगर को पकड़ कर बोरे में ड़ाल दिया और माण्डीगढ़ नाका सरहद में सुरक्षित छोड़ दिया.

सादड़ी में दिखा 10-12 फीट लंबा अजगर

छूटते ही पेड़ से लिपटा

वनकार्मिकों से छूटते ही अजगर अपने शिकार को पचाने के लिए एक पेड़ से लिपट गया. इंडियन रॉक पायथन का पाचन तंत्र मजबूत होता हैं और वह एक कुत्ते या बकरी के आकार के जानवर को पचा सकता हैं. इसे इंडियन रॉक पायथन, भारतीय अजगर, काले पूंछ वाले अजगर, भारतीय रॉक अजगर और एशियाई रॉक अजगर के नाम से जाना जाता हैं.

पढ़ें: बारिश और ट्रैफिक ब्लॉक के चलते रेल यातायात प्रभावित...यात्री परेशान

बरसात में बढ़ जाती हैं सरीसृपों की तादाद

क्षेत्र में बरसात के साथ ही सरीसृपों की तादाद बढ़ जाती हैं. अक्सर आबादी क्षेत्र और खेतों में सांप,अजगर व मगरमच्छ पहुंच जाते हैं. पिछले पांच साल में इनकी तादाद में खासा इजाफा हुआ हैं.

पाली. बेरा कुंडेर पर शनिवार सुबह करीबन 11 बजे महिलाएं खेत में घास काट रही थी. तभी उन्हें क्यारी की नाली में एक अजगर दिखा. डर के मारे महिलाएं चिल्लाने लगी तो आसपास के किसान दौड़े आए. यह अजगर अपने निवाले को पचाने की कोशिश में बैठा था.

सूचना मिलने पर वनपाल बाबूलाल विश्नोई, वनरक्षक हरिसिंह बाझिया, जितेन्द्र कुमार जाट बेरे पर पहुंचे. जिन्होंने ग्रामीणों की मदद से अजगर को पकड़ कर बोरे में ड़ाल दिया और माण्डीगढ़ नाका सरहद में सुरक्षित छोड़ दिया.

सादड़ी में दिखा 10-12 फीट लंबा अजगर

छूटते ही पेड़ से लिपटा

वनकार्मिकों से छूटते ही अजगर अपने शिकार को पचाने के लिए एक पेड़ से लिपट गया. इंडियन रॉक पायथन का पाचन तंत्र मजबूत होता हैं और वह एक कुत्ते या बकरी के आकार के जानवर को पचा सकता हैं. इसे इंडियन रॉक पायथन, भारतीय अजगर, काले पूंछ वाले अजगर, भारतीय रॉक अजगर और एशियाई रॉक अजगर के नाम से जाना जाता हैं.

पढ़ें: बारिश और ट्रैफिक ब्लॉक के चलते रेल यातायात प्रभावित...यात्री परेशान

बरसात में बढ़ जाती हैं सरीसृपों की तादाद

क्षेत्र में बरसात के साथ ही सरीसृपों की तादाद बढ़ जाती हैं. अक्सर आबादी क्षेत्र और खेतों में सांप,अजगर व मगरमच्छ पहुंच जाते हैं. पिछले पांच साल में इनकी तादाद में खासा इजाफा हुआ हैं.

Intro:बाली(पाली). पाली जिले के सादड़ी में एक बेरे पर पहुंचे 10-12 फीट लम्बे अजगर ने दहशत फैला दी. बाद में वनकार्मिकों ने इसे पकड़ कर जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया.
Body:राजपुरा सडक मार्ग पर मीणों का अरठ बस्ती के पास जीवाराम पुत्र लच्छाजी जाट के बेरा कुंडेर पर शनिवार सुबह करीबन 11 बजे महिलाएं खेत में घास काट रही थी. तभी उन्हें क्यारी की नाली में एक अजगर दिखा. इसी के साथ डर के मारे महिलाएं चिल्लाने लगी तो आसपास के किसान दौड़े आए. यह अजगर अपने निवाले को पचाने की कोशिश में बैठा था.
सूचना मिलने पर वनपाल बाबूलाल विश्नोई, वनरक्षक हरिसिंह बाझिया, जितेन्द्र कुमार जाट बेरे पर पहुंचे. जिन्होंने ग्रामीणों की मदद से अजगर को पकड़ कर बोरे में ड़ाल दिया और माण्डीगढ़ नाका सरहद में सुरक्षित छोड़ दिया.

'छूटते ही अजगर लिपटा पेड़ से'

वनकार्मिकों से छूटते ही अजगर अपने शिकार को पचाने के लिए एक पेड़ से लिपट गया. इंडियन रॉक पायथन का पाचन तंत्र मजबूत होता हैं और वह एक कुत्ते या बकरी के आकार के जानवर को पचा सकता हैं. इसे इंडियन रॉक पायथन,भारतीय अजगर, काले पूंछ वाले अजगर, भारतीय रॉक अजगर और एशियाई रॉक अजगर के नाम से जाना जाता हैं.


Conclusion:'बरसात में बढ़ जाती हैं सरीसृपों की तादाद'

क्षेत्र में बरसात के साथ ही सरीसृपों की तादाद बढ़ जाती हैं. अक्सर आबादी क्षेत्र व खेतों सांप,अजगर व मगरमच्छ पहुंच जाते हैं. पिछले पांच साल में इनकी तादाद में खासा इजाफा हुआ हैं.

(बाली से ईटीवी भारत के लिए प्रमोदपालसिंह)
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