पाली. बेरा कुंडेर पर शनिवार सुबह करीबन 11 बजे महिलाएं खेत में घास काट रही थी. तभी उन्हें क्यारी की नाली में एक अजगर दिखा. डर के मारे महिलाएं चिल्लाने लगी तो आसपास के किसान दौड़े आए. यह अजगर अपने निवाले को पचाने की कोशिश में बैठा था.
सूचना मिलने पर वनपाल बाबूलाल विश्नोई, वनरक्षक हरिसिंह बाझिया, जितेन्द्र कुमार जाट बेरे पर पहुंचे. जिन्होंने ग्रामीणों की मदद से अजगर को पकड़ कर बोरे में ड़ाल दिया और माण्डीगढ़ नाका सरहद में सुरक्षित छोड़ दिया.
छूटते ही पेड़ से लिपटा
वनकार्मिकों से छूटते ही अजगर अपने शिकार को पचाने के लिए एक पेड़ से लिपट गया. इंडियन रॉक पायथन का पाचन तंत्र मजबूत होता हैं और वह एक कुत्ते या बकरी के आकार के जानवर को पचा सकता हैं. इसे इंडियन रॉक पायथन, भारतीय अजगर, काले पूंछ वाले अजगर, भारतीय रॉक अजगर और एशियाई रॉक अजगर के नाम से जाना जाता हैं.
पढ़ें: बारिश और ट्रैफिक ब्लॉक के चलते रेल यातायात प्रभावित...यात्री परेशान
बरसात में बढ़ जाती हैं सरीसृपों की तादाद
क्षेत्र में बरसात के साथ ही सरीसृपों की तादाद बढ़ जाती हैं. अक्सर आबादी क्षेत्र और खेतों में सांप,अजगर व मगरमच्छ पहुंच जाते हैं. पिछले पांच साल में इनकी तादाद में खासा इजाफा हुआ हैं.