कुचामनसिटी. कुचामन क्षेत्र में करीब एक साल पहले हुई हत्या के मामले में कुचामन कोर्ट ने आरोपी युवक को बरी कर दिया. युवक को एक साल तक जेल में रहना पड़ा. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए माना कि आरोपी रामफल के वारदात में शामिल होने का कोई भी सबूत अभियोजन पक्ष के पास नहीं है. अभियोजन पक्ष उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया, जिसके बाद कुचामन कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुन्दर लाल खरोल ने उसे बरी कर दिया.
आरोपी रामफल के खिलाफ नहीं था कोई सबूत: कोर्ट ने कहा कि आरोपी की उपस्थिति एवं अपराध में संलिप्तता को दर्शाने के लिए कोई स्वतंत्र साक्षी नहीं था और न ही कोई सबूत था. वर्ष 2022 के 26 अप्रैल को कुचामन क्षेत्र के कंजर बस्ती में एक महिला संतोष की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस के इस मामले में महिला के पति रामफल को आरोपी मानकर गिरफ्तार किया था.
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आरोपी रामफल के पास नहीं थे मुकदमा लड़ने के पैसे: बेगुनाह रामफल की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने से उसके पास मुकदमा लड़ने तक के लिए पैसे नहीं थे. जिस कारण विधिक सहायता के जरिए पैनल अधिवक्ता रमेश चौधरी, अधिवक्ता सुधीर कौशिक ने आरोपी रामफल की निशुल्क पैरवी की थी.
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अधिवक्ता रमेश चौधरी ने बताया कि रामफल को बेवजह हत्या के मुकदमे में फंसाया गया था तथा अभियोजन ट्रायल के दौरान रामफल पर लगाए गए आरोपों के समर्थन में किसी प्रकार का कोई ठोस सबूत और तथ्य पेश नहीं कर सका जिससे यह साबित हो कि रामफल हत्या का गुनाहगार है. पुलिस ने सिर्फ घटनास्थल पर रामफल की मौजूदगी के संदेह के कारण गलत ढंग से उसे फंसाया.
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संदेह के आधार पर किया दोषमुक्त: अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 19 साक्षी प्रस्तुत किए गए तथा मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य से अभियोजन पक्ष युक्तियुक्त संदेह से परे यह साबित करने में असफल रहा है कि 26 अप्रैल, 2022 को रात्रि करीब 2 बजे के आसपास मौजा कांजर बस्ती कुचामन सिटी में संतोष की गला घोंटकर हत्या कारित की हो. अभियुक्त रामफल उर्फ रामपाल आरोपित अपराध धारा 302 के अपराध से संदेह का लाभ प्राप्त कर दोषमुक्त घोषित किये जाने योग्य पाया गया. आरोपी को न्यायालय ने संदेह के लाभ के आधार पर रामफल को दोषमुक्त किया.