नागौर. जिले में सरकारी कर्मचारियों ने सोमवार को न्यू पेंशन स्कीम म्यूचुअल फंड योजना का विरोध किया. जिसमें कर्मचारियों ने योजना की शव यात्रा निकाली और पुतला दहन किया. साथ ही नेहरू पार्क में इकट्ठा होकर कर्मचारियों ने शोकसभा की और शव यात्रा को कलेक्ट्रेट चौराहे से रेलवे स्टेशन चौराहे होते हुए कलेक्ट्रेट के सामने पुतला दहन किया. 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों का कहना है कि एनपीएस म्यूचुअल फंड योजना उन पर जबरन थोपी गई है. और उन्हें उनके पुरानी पेंशन योजना के हक से वंचित कर दिया गया है. जिसके विरोध में शव यात्रा निकाली गई है.
नागौर जिला शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अर्जुनराम लोमरोड ने कहा कि तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने बिना कर्मचारी नेताओ से चर्चा किए कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन स्कीम के बजाए न्यू पेंशन स्कीम थोप दी थी. उन्होंने बताया कि उनकी मांग है कि पुरानी पेंशन स्कीम वापस लागू की जाए.
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सीकर में नई पेंशन योजना का विरोध...निकाली शव यात्रा
सीकर के धोद में सोमवार को नई पेंशन योजना को बंद करने और पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर संयुक्त कर्मचारी महासंघ द्वारा योजना और सरकार का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया है. जिसमें कर्मचारियों ने बजरंग कांटा से लेकर कल्याण अस्पताल सर्किल होते हुए जिला कलेक्टर तक रैली निकाली. जिसमें कर्मचारी नेता भूपेंद्र काजला ने बताया कि नई अंशदायी पेंशन योजना शेयर बाजार आधारित होने की वजह से कर्मचारी अधिकारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद वृद्धावस्था में आर्थिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने लायक नहीं है.
साथ ही इस योजना में न्यूनतम पेंशन की भी कोई गारंटी नहीं है जिससे एनपीएस में जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उन्हें महज 800 से 1200 रूपए मासिक पेंशन मिलने के प्रकरण सामने आए हैं. जिससे एनपीएस के खिलाफ प्रदेश के कार्मिकों में भयंकर रोष व्याप्त है पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे है. लेकिन सरकार सामाजिक सुरक्षा के मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.