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गोगेलाव रेस्क्यू सेंटर में शराब और मांस पार्टी के सच में उलझी वन विभाग टीम और पुलिस, जांच के लिए सैंपल भेजे देहरादून - Chinkara deer killed in rescue center

जिले के गोगेलाव कन्जर्वेशन रिजर्व के रेस्क्यू सेंटर में वन विभाग के दो कर्मचारियों के ऊपर अपने साथियों के साथ मिलकर शराब और मांस पार्टी करने का आरोप लगा था. जिसके बाद वन विभाग ने आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है. इसके लिए मांस के सैंपल देहरादून भेजे गए हैं.

गोगेलाव कन्जर्वेशन रिजर्व, Gogelava Conservation Reserve
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Published : Oct 29, 2019, 11:54 PM IST

नागौर. जिले के गोगेलाव कन्जर्वेशन रिजर्व के रेस्क्यू सेंटर में वन विभाग के दो कर्मचारियों के ऊपर अपने साथियों के साथ मिलकर रेस्क्यू सेंटर में शराब और मांस पार्टी करने का आरोप लगा था. मामले में श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था की ओर से ये आरोप लगाया गया है कि रेस्क्यू सेंटर में लाये गए घायल चिंकारा हिरण को वनविभाग के ही कर्मचारियों ने पकाकर खा लिया. अब एक तरफ जहां पुलिस जांच में कुछ और सामने आया है, इसके बावजूद वन विभाग ने आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है.

वन विभाग के कर्मचारियों पर हिरण खाने का आरोप

बता दें कि 28 अक्टूबर की रात को चावंडिया में अज्ञात लोगों ने हिरण को गोली मारकर घायल कर दिया था. जिसे श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था के जिला संगठन मंत्री पार्थवर्धन सियाग और अरविंद ने वनविभाग की रेस्क्यू टीम को बुलाकर इलाज के लिए सुपुर्द किया था. जिसके बाद जब पार्थवर्धन सियाग और कालूराम सियाग घायल हिरण को देखने के लिए रिजर्व कंजर्वेशन गोगेलाव के रेस्क्यू सेंटर गए, तो वहां मौजूद दो कर्मचारी मुंशी खा और भंवराराम के साथ उनके दो साथी शब्बीर खान और जमील खान मांस पका रहे थे और शराब पी रहे थे. उस दौरान पार्थवर्धन सियाग ने अपने द्वारा वन विभाग को सौंपे गए घायल चिंकारा हिरण के स्वास्थ्य की जानकारी चाही तो वहां मौजूद कर्मचारी एक दुसरे का मुंह ताकते नजर आए.

पढ़ें: दुष्यंत चौटाला का राजस्थान से है यह संबंध, यहीं से जुड़ी हैं इस परिवार की जड़ें

संस्था के पदाधिकारियों को शंका हुई तो उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया. संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई समेत कई पदाधिकारी और सदस्य मौके पर पहुंच गए. साथ ही वन विभाग के कार्यवाहक उप वन संरक्षक सुनील कुमार गौड़ और क्षेत्रीय वन अधिकारी हेमेंद्र परड़ोदा कोतवाली थाना नागौर की टीम के साथ रेस्क्यू सेंटर पहुंचे. वन विभाग के दोनों कर्मचारियों और उनके साथियों पर आरोप है कि वे घायल हिरण का मांस पका कर खा रहे थे. जिसके लिए संस्था की ओर से कोतवाली थाना में रिपार्ट दी गई. इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों कार्मिकों और अन्य दो को हिरासत में ले लिया.

वहीं, पूरे मामले की जानकारी सामने आते ही वन विभाग और कोतवाली थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी. जहां प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि जो हिरण घायल अवस्था में लाया गया था उसकी मौत हो गई थी जिसे कर्मचारियों ने रेस्क्यू सेंटर के परिसर में ही दफना दिया था. साथ ही पार्टी के लिए मांस की खरीद भी बाहर से किए जाने की पुष्टि वन विभाग के अधिकारियों ने की है.

पढ़ेंः BJP-RLP गठबंधन पर टिप्पणी के बाद भाजपा का पलटवार, कहा- डेंगू के बिगड़े हालातों पर ध्यान दें मंत्री रघु शर्मा

वहीं, रेस्क्यू सेंटर में शराब पार्टी किए जाने को वन एंव पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई सहित वन विभाग के अधिकारियों ने भी गंभीर माना है और उनके खिलाफ कानूनी के साथ ही विभागीय कार्रवाई करने की बात कही है. साथ ही गोगेलाव में रेस्क्यू सेंटर में मिले मांस के सैंपल को जांच के लिए देहरादून स्थित भारतीय वन जीव संस्थान भेजा गया है.

नागौर. जिले के गोगेलाव कन्जर्वेशन रिजर्व के रेस्क्यू सेंटर में वन विभाग के दो कर्मचारियों के ऊपर अपने साथियों के साथ मिलकर रेस्क्यू सेंटर में शराब और मांस पार्टी करने का आरोप लगा था. मामले में श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था की ओर से ये आरोप लगाया गया है कि रेस्क्यू सेंटर में लाये गए घायल चिंकारा हिरण को वनविभाग के ही कर्मचारियों ने पकाकर खा लिया. अब एक तरफ जहां पुलिस जांच में कुछ और सामने आया है, इसके बावजूद वन विभाग ने आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है.

वन विभाग के कर्मचारियों पर हिरण खाने का आरोप

बता दें कि 28 अक्टूबर की रात को चावंडिया में अज्ञात लोगों ने हिरण को गोली मारकर घायल कर दिया था. जिसे श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था के जिला संगठन मंत्री पार्थवर्धन सियाग और अरविंद ने वनविभाग की रेस्क्यू टीम को बुलाकर इलाज के लिए सुपुर्द किया था. जिसके बाद जब पार्थवर्धन सियाग और कालूराम सियाग घायल हिरण को देखने के लिए रिजर्व कंजर्वेशन गोगेलाव के रेस्क्यू सेंटर गए, तो वहां मौजूद दो कर्मचारी मुंशी खा और भंवराराम के साथ उनके दो साथी शब्बीर खान और जमील खान मांस पका रहे थे और शराब पी रहे थे. उस दौरान पार्थवर्धन सियाग ने अपने द्वारा वन विभाग को सौंपे गए घायल चिंकारा हिरण के स्वास्थ्य की जानकारी चाही तो वहां मौजूद कर्मचारी एक दुसरे का मुंह ताकते नजर आए.

पढ़ें: दुष्यंत चौटाला का राजस्थान से है यह संबंध, यहीं से जुड़ी हैं इस परिवार की जड़ें

संस्था के पदाधिकारियों को शंका हुई तो उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया. संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई समेत कई पदाधिकारी और सदस्य मौके पर पहुंच गए. साथ ही वन विभाग के कार्यवाहक उप वन संरक्षक सुनील कुमार गौड़ और क्षेत्रीय वन अधिकारी हेमेंद्र परड़ोदा कोतवाली थाना नागौर की टीम के साथ रेस्क्यू सेंटर पहुंचे. वन विभाग के दोनों कर्मचारियों और उनके साथियों पर आरोप है कि वे घायल हिरण का मांस पका कर खा रहे थे. जिसके लिए संस्था की ओर से कोतवाली थाना में रिपार्ट दी गई. इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों कार्मिकों और अन्य दो को हिरासत में ले लिया.

वहीं, पूरे मामले की जानकारी सामने आते ही वन विभाग और कोतवाली थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी. जहां प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि जो हिरण घायल अवस्था में लाया गया था उसकी मौत हो गई थी जिसे कर्मचारियों ने रेस्क्यू सेंटर के परिसर में ही दफना दिया था. साथ ही पार्टी के लिए मांस की खरीद भी बाहर से किए जाने की पुष्टि वन विभाग के अधिकारियों ने की है.

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वहीं, रेस्क्यू सेंटर में शराब पार्टी किए जाने को वन एंव पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई सहित वन विभाग के अधिकारियों ने भी गंभीर माना है और उनके खिलाफ कानूनी के साथ ही विभागीय कार्रवाई करने की बात कही है. साथ ही गोगेलाव में रेस्क्यू सेंटर में मिले मांस के सैंपल को जांच के लिए देहरादून स्थित भारतीय वन जीव संस्थान भेजा गया है.

Intro:रेस्क्यू सेंटर में शराब और मांस पार्टी का सच


खबर नागौर से है जहां गोगेलाव कन्जर्वेशन रिजर्व के रेस्क्यू सेंटर में वन विभाग के ही दो कर्मचारी अपने दो अन्य साथियों के साथ , रेस्क्यू सेंटर में ही शराब और मांस पार्टी करते पकड़े गए है । वन विभाग ने दोषी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी हैBody:मामले में श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था की और से ये आरोप लगाया गया है कि रेस्क्यू सेंटर में लाये गए घायल चिंकारा हिरण को वनविभाग के ही कर्मचारियों द्वारा पकाकर खाया जा रहा था । मामला 28 अक्टूबर की रात का है जब चावण्डिया मे अज्ञात लोगों द्वारा मारी गई गोली से घायल हिरण को श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था के जिला संगठन मंत्री पार्थवर्धन सियाग व अरविंद द्वारा वनविभाग की रेस्क्यू टीम को बुलाकर इलाज के लिए सुपुर्द किया । बाद में जब पार्थवर्धन सियाग व कालूराम सियाग घायल हिरण को देखने के लिए रिजर्व कंजर्वेशन गोगेलाव के रेस्क्यू सेंटर गए । वहाँ पर मौजूद दो कर्मचारी मुन्शी खा व भवराराम और उनके दो साथी शब्बीर खान व जमील खान माँस पका रहे थे व शराब पी रहे थे । पार्थवर्धन सियाग ने अपने द्वारा वन विभाग को सोपे गए घायल चिंकारा हिरण के स्वास्थ्य की जानकारी चाही तो वहां मोजुद कर्मचारी एक दुसरे का मुँह ताकते नजर आए । संस्था के पदाधिकारियों को कुछ शंका हुई तो इन्होंने संस्था के पदाधिकारियों एवं वन्यजीव प्रेमीयो को व वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया। संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई, पदाधिकारी और सदस्य मौके पर पहुंच गए । वन विभाग के कार्यवाहक उप वन संरक्षक सुनील कुमार गौड़ व क्षेत्रीय वन अधिकारी हेमेन्द्र परङोदा व कोतवाली थाना नागौर की टीम भी रेस्क्यू सेंटर आयीं । वन विभाग के दोनों कर्मचारियों और उनके साथियों पर आरोप है कि वे उसी घायल हिरण का मांस पका कर खा रहे थे । आरोप ये भी है कि रेस्क्यू की गाड़ी के रिकॉर्ड रजिस्टर में वन्यजीवों का सही तरीके से रिकार्ड दर्ज नहीं किया जाता और वन विभाग के कर्मचारी माँसाहारी होटलों के मालिको से मिले हुए हैं रेस्क्यू सेंटर में आने वाले घायल वन्यजीव चिकित्सालय मे इलाज के बजाय सीधे माँसाहारी होटलों में पहुचते है इसके बाद संस्था की और से कोतवाली थाना मे रिपार्ट दी गई । रिपोर्ट के बाद पुलिस ने दोनों कार्मिको और बाकी 2 अन्य को हिरासत में ले लिया । मामले की जानकारी सामने आते हीी वन विभाग और कोतवालीी थाना पुलिस ने मामले कि जांच शुरू कर दी । शुरुआती जांच में यह पता चला है कि जो हिरण घायल हालत में लाया गया था उसकी मौत हो गई थी और कर्मचारियों ने उसे रेस्क्यू सेंटर केेे परिसर में ही दफना दिया था था । साथ ही पार्टी के लिए मांस की खरीद भी बाहर से किये जाने की पुष्टि वन विभाग के अधिकारियों ने की है । रेस्क्यू सेंटर में शराब पार्टी किये जाने को वन एंव पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई सहित वन विभाग के अधिकारियों ने भी गंभीर माना है और उनके खिलाफ ना सिर्फ कानूनी बल्कि विभागीय कार्रवाई करने की बात भी कही गई है । Conclusion:बीकानेर रोड गोगेलाव मे रेस्क्यू सेंटर में मिले मांस के सेम्पल लेकर उसे जांच के लिए देहरादून स्थित भारतीय वन्य जीव संस्थान भेज गया है

बाईट ..रामरतन बिश्नोई

बाईट .. सुनील गौड कार्यवाहक उपवन सरक्षक नागौर
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