नागौर. राजस्थान सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर और उपखंड अधिकारी को निर्देश जारी किया है.
नागौर जिले में अब 306 ग्राम पंचायतों में आने वाले वक्त में चुनाव होंगे. साथ ही 6 पंचायत समितियों में लॉटरी दोबारा भी निकाली जा सकती है.
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परिसीमन और पूर्णगठन के बाद नागौर जिले में अब 15 पंचायत समितियां बन गई हैं. वहीं ग्राम पंचायतों की संख्या 500 हो चुकी है.
नागौर जिले की 6 पंचायत समिति - मेड़ता, रिया, भौरुंदा, गाना, परबतसर और डीडवाना की ग्राम पंचायतों में लॉटरी वापस निकलना भी लगभग तय माना जा रहा है. जबकि 3 पंचायत समिति - कुचामन, मकराना और खींवसर में ग्राम पंचायतों की लॉटरी निकालने के लिए सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है.
प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव को लेकर हाईकोर्ट द्वारा 13 दिसंबर को दिए गए निर्णय के विरुद्ध राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. 24 जनवरी को पारित निर्णय की पालना में राज्य सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर उपखंड अधिकारी को निर्देश जारी किए. इसमें आगामी 5 फरवरी तक आरक्षण निर्धारित करने की लॉटरी प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
नागौर जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव ने बताया कि इसके बाद 27 जनवरी को दोबारा आदेश जारी करके ग्राम पंचायतों के वार्ड पंच, सरपंच और पंचायत समिति सदस्य जिला परिषद के सदस्य के वार्ड के आरक्षण व्यवस्था को लेकर दिशा निर्देश जारी किया गया. 12 दिसंबर को जारी अधिसूचना के अनुसार खींवसर पंचायत समिति में लालाप नवीन ग्राम पंचायत बनाई गई है. इसी प्रकार मेड़ता में आकेली ए, डेगाना में किरर्ढ़ चूवा, सारसडा, भौरुंदा में गोल ग्राम पंचायत बनाई गई है.
जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव ने बताया कि मेड़ता, रिया भौरुंदा और डेगाना पंचायत समितियों का पूर्नगठन हुआ या नवसृजन होने के कारण यहां पंचायत समिति सदस्य के वार्ड के आरक्षण निर्धारित करने की लॉटरी वापस निकाली जाएगी. इसी प्रकार पंचायत समिति के नवसृजन और पूर्णगठन के कारण पंचायत समिति के नए वार्ड बने हैं या क्रम हुए तो संपूर्ण पंचायत समिति के वार्ड के आरक्षण का पूर्ण निर्धारण होगा. किंतु पुनर्गठन के कारण पूर्व में निर्धारित आरक्षण प्रभावित नहीं होता तो आरक्षण देने की आवश्यकता नहीं है.