नागौर. जिले में कुछ दिनों से मानसून मेहरबान है. जिसके चलते कहीं तेज और कहीं रिमझिम बारिश हो रही है. मानसून की यह बारिश खेती के लिए फायदेमंद है. लेकिन ग्रामीण इलाकों में कच्चे रास्तों के साथ ही पक्की सड़कों पर भी पानी भरने से आवाजाही में ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
रियांबड़ी उपखंड के थांवला गांव से रामपुरा और लाखीणा की तरफ जाने वाली डामर सड़क पर पानी भरने से पैदल चलने वाले राहगीरों के साथ ही दुपहिया वाहन चालक भी परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि रामपुरा, लाखीणा सहित 10 गांव- ढाणियों को यह सड़क थांवला से जोड़ती है. इस मुख्य रास्ते पर पानी भरने से आवाजाही में परेशानी हो रही है.
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आबादी क्षेत्र के बिल्कुल करीब से गुजरने वाली इस सड़क पर हर बार बारिश के बाद यही हालत रहते हैं. ऐसे में पैदल चलने वालों के साथ ही दुपहिया वाहन चालकों को भी दिक्कत होती है. कई बार ज्यादा पानी भर जाने से कई वाहन चालक गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं. अपने पशुओं को लेकर खेत की तरफ जाने वाले ग्रामीण भी इससे परेशान रहते हैं. इसी रास्ते पर आगे स्कूल भी हैं. ऐसे में स्कूली बच्चों के लिए भी बारिश के बाद स्कूल पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है.
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ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक सबको अवगत करवाया गया है. हर साल 2-3 महीने यह समस्या रहती है. लेकिन अभी तक इस समस्या के समाधान की दिशा में कोई ठोस उपाय नहीं किया गया है. अब ग्रामीणों की मांग है कि इस रास्ते पर भरने वाले बारिश के पानी की निकासी के पुख्ता इंतजाम किए जाए. ताकि उन्हें इस परेशानी से निजात मिले.