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राजस्थान में रोल माॅडल बना नागौर का अभियान उजास - नागौर का अभियान उजास

नागौर का अभियान उजास राजस्थान में रोल मॉडल बन गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार राज्य आयोजना विभाग के शासन सचिव ने सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिया है कि सरकारी स्कूलों के विद्युतीकरण का काम नागौर की तर्ज पर करें.

अभियान उजास, Nagaur news
राजस्थान में राॅल माॅडल बना नागौर का अभियान उजास
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Published : Mar 2, 2021, 10:38 PM IST

नागौर. कौन कहता है आकाश में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछाले यारों....कवि दुष्यंत कुमार की इन पंक्तियां यहां लिखनी इसलिए लाजमी हो गई कि राज्य के बड़े भूभाग वाले जिलों में शुमार नागौर में 979 सरकारी स्कूल ऐसे चिन्हित किए गए, जो स्थापना काल से ही विद्युतीकरण से वंचित रहे स्कूलों को विद्युतीकृत करवाने का जिम्मा उठाया यहां के जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने. जिला कलेक्टर की ये पहल रंग लाई. जिसके बाद जिले में चलाया गया यही अभियान उजास, अब राज्य भर में राॅल माॅडल बन चुका है.

बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभियान उजास की तर्ज पर पूरे राज्य की वे सरकारी स्कूलें, जो विद्युतीकरण से वंचित हैं, का चिन्हीकरण कर आगामी आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस आशय को लेकर आयोजन विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने राज्य के सभी जिला कलक्टर को निर्देश जारी किए हैं कि नागौर जिले में चलाए जा रहे अभियान उजास की तर्ज पर राज्य के विद्युतविहीन विद्यालयों में भामाषाहों, ग्राम पंचायतों और यथा उपलब्ध विद्यालय कोष का उपयोग करते हुए विद्युत कनेक्षन उपलब्ध करवाए जाने हैं. इसके लिए सभी जिला कलक्टर अपने जिले के विद्युतीविहीन विद्यालयों का चयन कर उनका विद्युतीकरण करवाया जाना सुनिष्चित कराएं. मुख्यमंत्री के निर्देषों के बाद अब नागौर के अभियान उजास की तर्ज पर राज्य के अन्य जिलों की 11 हजार 154 सरकारी विद्युतविहीन स्कूलों में विद्युत कनेक्षन मुहैया हो सकेंगे.

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नागौर के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सम्पतराम ने बताया कि जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देषानुसार शुरू किए गए अभियान उजास में नागौर जिले की 979 विद्युतविहीन स्कूलों को चिन्हित किया गया था. कहीं विद्यालयों में यथा उपलब्ध विद्यालय कोष का उपयोग करते हुए तो कहीं भामाषाहों का सहयोग लेते हुए नागौर जिले में अभियान उजास के तहत चिन्हित की गई 979 सरकारी स्कूलों में अब तक 951 के विद्युतीकरण संबंधी कार्य हो चुके है, शेष विद्युतविहीन विद्यालयों के विद्युतीकरण को लेकर प्रक्रिया अंतिम चरण में है.

यह भी पढ़ें. जेपी का जयपुर दौरा : नड्डा ने कांग्रेस और गहलोत सरकार पर साधा निशाना...कहा- फ्रस्ट्रेशन में है कांग्रेस

नागौर में गठित शिक्षा विभागीय जिला स्तरीय निष्पादन समिति की माह जुलाई-2020 में रखी गई बैठक में यह तथ्य दृष्टिगोचर हुआ कि जिले में ऐसे राजकीय विद्यालय भी बड़ी संख्या में संचालित हैं, जिनमें अभी भी विद्युत विहीनता की स्थिति हैं. विद्युत कनेक्शन के अभाव में विद्यार्थी भीषण गर्मी में भी ताप सहते हुए इन विद्यालयों में अध्ययन करते हैं. जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने इसे संज्ञान में लेते हुए जिले में ऐसे सभी विद्युत विहीनता वाले सरकारी विद्यालयों की सूची तैयार करने के निर्देश गए. इसे लेकर करवाए गए सघन सर्वे में मुख्य ब्लाॅक शिक्षा अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया कि प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत 979 सरकारी विद्यालय तो ऐसे हैं जो अपने स्थापना काल से ही विद्युत विहीन थे. जिला कलक्टर की ओर से इन सरकारी विद्यालयों में विद्यु कनेक्शन जारी करवाने को लेकर शिक्षा विभाग तथा अजमेर विद्युत वितरण निगम को संयुक्त रूप से मिशन मोडमें काम करने निर्देश दिए गए. जिले में वंचित सरकारी विद्यालयों को विद्युतीकरण से जोड़ने के लिए शुरू किए गए मिशन को अभियान नाम दिया गया. अभियान उजास के तहत सरकारी विद्यालयों के संस्था प्रधानों ने कम्पोजिट स्कूल ग्रांट और विकास कोष से तो कहीं भामाशाहों को प्रेरित कर उनके की ओर से दिए गए आर्थिक सहयोग से विद्युत कनेक्शन के लिए निर्धारित डिमाण्ड राशि विद्युत वितरण निगम के संबंधित अभियंता कार्यालयों में जमा करवाई गई.

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जिला कलेक्टर की ओर से नियमित रूप से वंचित सरकारी स्कूलों के विद्युतीकरण को लेकर शुरू किए गए अभियान उजास की प्रगति रिपोर्ट की निरंतर माॅनिटरिंग की गई, जिसके सफल परिणाम हम सब के सामने हैं.

नागौर. कौन कहता है आकाश में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछाले यारों....कवि दुष्यंत कुमार की इन पंक्तियां यहां लिखनी इसलिए लाजमी हो गई कि राज्य के बड़े भूभाग वाले जिलों में शुमार नागौर में 979 सरकारी स्कूल ऐसे चिन्हित किए गए, जो स्थापना काल से ही विद्युतीकरण से वंचित रहे स्कूलों को विद्युतीकृत करवाने का जिम्मा उठाया यहां के जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने. जिला कलेक्टर की ये पहल रंग लाई. जिसके बाद जिले में चलाया गया यही अभियान उजास, अब राज्य भर में राॅल माॅडल बन चुका है.

बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभियान उजास की तर्ज पर पूरे राज्य की वे सरकारी स्कूलें, जो विद्युतीकरण से वंचित हैं, का चिन्हीकरण कर आगामी आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस आशय को लेकर आयोजन विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने राज्य के सभी जिला कलक्टर को निर्देश जारी किए हैं कि नागौर जिले में चलाए जा रहे अभियान उजास की तर्ज पर राज्य के विद्युतविहीन विद्यालयों में भामाषाहों, ग्राम पंचायतों और यथा उपलब्ध विद्यालय कोष का उपयोग करते हुए विद्युत कनेक्षन उपलब्ध करवाए जाने हैं. इसके लिए सभी जिला कलक्टर अपने जिले के विद्युतीविहीन विद्यालयों का चयन कर उनका विद्युतीकरण करवाया जाना सुनिष्चित कराएं. मुख्यमंत्री के निर्देषों के बाद अब नागौर के अभियान उजास की तर्ज पर राज्य के अन्य जिलों की 11 हजार 154 सरकारी विद्युतविहीन स्कूलों में विद्युत कनेक्षन मुहैया हो सकेंगे.

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जिला कलेक्टर की ओर से नियमित रूप से वंचित सरकारी स्कूलों के विद्युतीकरण को लेकर शुरू किए गए अभियान उजास की प्रगति रिपोर्ट की निरंतर माॅनिटरिंग की गई, जिसके सफल परिणाम हम सब के सामने हैं.

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