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नागौर: 463 पंचायतों में 4 हजार कार्यों पर एक लाख 25 हजार श्रमिक लगे

देश में फैले कोरोना वायरस को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. वहीं, राजस्थान सरकार ने अब मजदूरों की समस्याओं को देखते हुए मनरेगा योजना में एक लाख 25 हजार से भी ऊपर श्रमिकों को जोड़कर रोजगार दिया है. इसके साथ ही अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया की 463 ग्राम पंचायतों के साथ 33 नवगठित ग्राम पंचायतों में 4 हजार से अधिक मनरेगा के कार्य वर्तमान में जारी है.

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25 हजार से भी ऊपर श्रमिकों को मनरेगा से जोड़ा गया
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Published : May 17, 2020, 8:12 PM IST

नागौर. जिले में कोरोना संकट के बीच अब मनरेगा स्कीम से 463 ग्राम पंचायतों में 4 हजार से अधिक कार्यों को मंजूरी दी गई है. वहीं, अब मनरेगा योजना में एक लाख 25 हजार से भी ऊपर श्रमिकों को जोड़कर रोजगार दिया गया है. आगामी बैठक में एक लाख 50 हजार का लक्ष्य रखते हुए नए जॉब कार्ड बनाने के आदेश भी शीघ्र जारी होंगे.

गहलोत सरकार के आदेशों के बाद नागौर जिले में मनरेगा के कार्यों को मंजूरी दी गई है. जिस पर नागौर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया कि अब तक 1 लाख 25 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया है. नागौर जिले के विकास अधिकारियों की आगामी बैठक में अधिक से अधिक प्रवासी मजदूरों के जॉब कार्ड बनाते हुए अब इस को बढ़ाकर लक्ष्य 1 लाख 50 हजार श्रमिकों को इस योजना से जोड़ने का है.

25 हजार से भी ऊपर श्रमिकों को मनरेगा से जोड़ा गया

कोरोना वायरस की महामारी के बाद से ही देश और प्रदेश में काम धंधे तक ठप हो चुके हैं. अब बाहरी राज्यों से आए स्थानीय लोगों को मनरेगा कार्यों से जोड़कर रोजगार देने के संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. नागौर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया की 463 ग्राम पंचायतों के साथ 33 नवगठित ग्राम पंचायतों में 4 हजार से अधिक मनरेगा के कार्य वर्तमान में जारी है. साथ ही कार्य स्थलों पर कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की पालना करवाने के आदेश दिए गए हैं.

लॉकडाउन के कारण लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है जबकि नागौर जिले में ज्यादातर मजदूर वर्ग से हैं, जो मनरेगा के तहत होने वाले काम से अपने परिवार के लिए रोटी का इंतजाम कर सकेंगे. पिछले दिनों राज्य सरकार ने मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू कर दिया है. इसी के साथ सरकार ने प्रदेश में मनरेगा के कार्यों की शुरुआत करने की अनुमति दे दी है.

पढ़ें- नागौर : लॉकडाउन में छूट के बाद अपराध के ग्राफ में बढ़ोतरी

नागौर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया कि सरकार के आदेशों के तहत जिले के मजदूर वर्ग को जरूरत के अनुसार काम मुहैया कराने के लिए मनरेगा के 4 हजार से ज्यादा कार्य शुरू कर दिए गए हैं. मनरेगा के कार्य के लिए कार्य देश के साथ ही काम करने वाले 467 ग्राम पंचायतों में से अब 1 लाख 25 हजार मजदूरों के नाम की सूची भी जारी कर दी है. अब जिले में 1 लाख 50 हजार श्रमिकों को नियोजित करने का लक्ष्य रखा गया है. जिससे अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा से जोड़ा जा सके. साथ ही नागौर जिले की सभी ग्राम पंचायतों में गरीब तबके और जरूरतमंदों को 39 हजार खाद्य पैकेट के वितरण किए जा चुके हैं.

नागौर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया कि मनरेगा कार्य स्थलों पर श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी करवाने के लिए ग्राम सेवक को पाबंद कर दिया है. मनरेगा के कार्य शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बड़ी राहत मिली है. पिछले 1 महिने में रोजगार नहीं होने से लोग आर्थिक तंगी झेल रहे थे, लेकिन अब मनरेगा कार्य से श्रमिकों को सरकार ने अब रोजगार से जोड़ा है. मनरेगा कार्यों को लेकर महिलाओं की संख्या ज्यादा देखने को मिल रही है.

नागौर जिले की 14 पंचायत समितियों और 467 पंचायतों में पांचवें वित्त आयोग से मिली अनुदान राशि से नागरिकों, कर्मचारियों और वार्ड में रह रहे लोगों को मास्क सैनिटाइजर, साबुन हाथों के लिए, गलब्ज जैसी चीजों को मुहैया कराने के लिए सभी ग्राम पंचायतों को बजट स्वीकृत कर दिया है.

नागौर. जिले में कोरोना संकट के बीच अब मनरेगा स्कीम से 463 ग्राम पंचायतों में 4 हजार से अधिक कार्यों को मंजूरी दी गई है. वहीं, अब मनरेगा योजना में एक लाख 25 हजार से भी ऊपर श्रमिकों को जोड़कर रोजगार दिया गया है. आगामी बैठक में एक लाख 50 हजार का लक्ष्य रखते हुए नए जॉब कार्ड बनाने के आदेश भी शीघ्र जारी होंगे.

गहलोत सरकार के आदेशों के बाद नागौर जिले में मनरेगा के कार्यों को मंजूरी दी गई है. जिस पर नागौर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया कि अब तक 1 लाख 25 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया है. नागौर जिले के विकास अधिकारियों की आगामी बैठक में अधिक से अधिक प्रवासी मजदूरों के जॉब कार्ड बनाते हुए अब इस को बढ़ाकर लक्ष्य 1 लाख 50 हजार श्रमिकों को इस योजना से जोड़ने का है.

25 हजार से भी ऊपर श्रमिकों को मनरेगा से जोड़ा गया

कोरोना वायरस की महामारी के बाद से ही देश और प्रदेश में काम धंधे तक ठप हो चुके हैं. अब बाहरी राज्यों से आए स्थानीय लोगों को मनरेगा कार्यों से जोड़कर रोजगार देने के संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. नागौर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया की 463 ग्राम पंचायतों के साथ 33 नवगठित ग्राम पंचायतों में 4 हजार से अधिक मनरेगा के कार्य वर्तमान में जारी है. साथ ही कार्य स्थलों पर कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की पालना करवाने के आदेश दिए गए हैं.

लॉकडाउन के कारण लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है जबकि नागौर जिले में ज्यादातर मजदूर वर्ग से हैं, जो मनरेगा के तहत होने वाले काम से अपने परिवार के लिए रोटी का इंतजाम कर सकेंगे. पिछले दिनों राज्य सरकार ने मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू कर दिया है. इसी के साथ सरकार ने प्रदेश में मनरेगा के कार्यों की शुरुआत करने की अनुमति दे दी है.

पढ़ें- नागौर : लॉकडाउन में छूट के बाद अपराध के ग्राफ में बढ़ोतरी

नागौर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया कि सरकार के आदेशों के तहत जिले के मजदूर वर्ग को जरूरत के अनुसार काम मुहैया कराने के लिए मनरेगा के 4 हजार से ज्यादा कार्य शुरू कर दिए गए हैं. मनरेगा के कार्य के लिए कार्य देश के साथ ही काम करने वाले 467 ग्राम पंचायतों में से अब 1 लाख 25 हजार मजदूरों के नाम की सूची भी जारी कर दी है. अब जिले में 1 लाख 50 हजार श्रमिकों को नियोजित करने का लक्ष्य रखा गया है. जिससे अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा से जोड़ा जा सके. साथ ही नागौर जिले की सभी ग्राम पंचायतों में गरीब तबके और जरूरतमंदों को 39 हजार खाद्य पैकेट के वितरण किए जा चुके हैं.

नागौर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी ने बताया कि मनरेगा कार्य स्थलों पर श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी करवाने के लिए ग्राम सेवक को पाबंद कर दिया है. मनरेगा के कार्य शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बड़ी राहत मिली है. पिछले 1 महिने में रोजगार नहीं होने से लोग आर्थिक तंगी झेल रहे थे, लेकिन अब मनरेगा कार्य से श्रमिकों को सरकार ने अब रोजगार से जोड़ा है. मनरेगा कार्यों को लेकर महिलाओं की संख्या ज्यादा देखने को मिल रही है.

नागौर जिले की 14 पंचायत समितियों और 467 पंचायतों में पांचवें वित्त आयोग से मिली अनुदान राशि से नागरिकों, कर्मचारियों और वार्ड में रह रहे लोगों को मास्क सैनिटाइजर, साबुन हाथों के लिए, गलब्ज जैसी चीजों को मुहैया कराने के लिए सभी ग्राम पंचायतों को बजट स्वीकृत कर दिया है.

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