नागौर. बाल वाहिनी योजना के तहत राज्य सरकार की गाइड लाइन के बारे में विस्तार से स्कूल प्रबंधन प्रतिनिधियों एवं अभिभावकों और परिवहन विभाग के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक जिला पुलिस अधीक्षक सभागार कक्ष मे एसपी श्वेता धनखड़ की अध्यक्षता में आयोजित हुई.
बैठक में एसपी श्वेता धनखड़ ने निजी स्कूल प्रबंधकों से कहा कि बाल वाहिनी के संबंध में राज्य सरकार की गाइड लाइन की पालना संवेदनशीलता के साथ कराएं. साथ ही स्कूल बच्चों के वाहनों पर हेल्प लाईन नम्बर 1098 लिखने तथा प्रत्येक वाहन में जीपीएस, स्पीड गर्वनर अनिवार्य रूप से लगाने को कहा गया. स्कूल प्रबंधन विद्यालय परिसर के उस स्थान पर भी सीसीटीवी कैमरे लगवाएं, जहां पर बच्चे बस से उतरते और बैठते हैं.
सभी सीसीटीवी कैमरे क्रियाशील रहें तथा इनकी नियमित मॉनिटरिंग भी करें. उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे जागरूक रहकर बच्चों से संबंधित सुरक्षा नियमों की पालना में हो रही लापरवाही क बारे में स्कूल प्रबंधन, परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग एवं पुलिस विभाग को तत्काल अवगत कराएं.
जिला परिवहन अधिकारी ओम प्रकाश चौधरी ने बाल वाहिनी योजना के तहत राज्य सरकार की गाइड लाइन के बारे में विस्तार से स्कूल प्रबंधन प्रतिनिधियों एवं अभिभावकों को जानकारी दी. बाल वाहिनी वाहन चालक के पास कम से कम पांच वर्ष पुराना ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है.
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बाल वाहिनी का फिटनेस प्रमाण पत्र परिवहन विभाग से नियमानुसार लेना सुनिश्चित करें। साथ ही बाल वाहिनी का बीमा व प्रदूषण प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से होना चाहिए. बस में बच्चों को उतारने चढ़ाने में सहायता के लिए एक परिचालक खाकी वर्दी में अनिवार्य रूप से रहें. बाल वाहिनियों में स्पीड गवर्नर अनिवार्य रूप से क्रियाशील होना चाहिए.
उन्होंने बताया कि स्कूल बस पर सुनहरी पीले रंग में आगे पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए तथा अनुबंधित बस पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए. बस, वैन, कैब व ऑटो के पीछे विद्यालय का नाम व फोन नम्बर अनिवार्य रूप से अंकित हो. बस के अंदर ड्राइवर का नाम, पता, लाइसेंस नम्बर, वेज नम्बर, वाहन स्वामी का नाम, मोबाइल नम्बर, चाइल्ड हैल्प लाइन एवं पुलिस व परिवहन विभाग हैल्प लाइन नम्बर अंकित होना जरूरी है.
बच्चों को सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी दें. विद्यालय प्रबंधन की ओर से शिकायत पंजीका का संधारण भी किया जाए जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक सहित संबंधित अधिकारी निजी शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.