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मौसम रोज बदल रहा रंग, मेड़ता इलाके में बारिश से जीरा, इसबगोल की फसल को नुकसान

नागौर जिले में मौसम का मिजाज रोज रंग बदल रहा है. कभी बादल तो कभी खिली धूप इससे तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है. इधर, मेड़ता इलाके में मंगलवार को हुई बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. किसानों का कहना है कि बारिश के कारण सरसों, जीरा और ईसबगोल की फसलों को ज्यादा नुकसान होने की आशंका है.

मौसम रोज बदल रहा रंग
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Published : Mar 1, 2019, 9:16 PM IST

नागौर. जिले में मौसम का मिजाज रोज रंग बदल रहा है. कभी बादल तो कभी खिली धूप इससे तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है. इधर, मेड़ता इलाके में मंगलवार को हुई बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. किसानों का कहना है कि बारिश के कारण सरसों, जीरा और ईसबगोल की फसलों को ज्यादा नुकसान होने की आशंका है.

मौसम रोज बदल रहा रंग

फसलों के खराबे की आशंका के मद्देनजर कृषि विभाग के अधिकारी भी मौका-मुआयना करने में जुटे हैं. विभाग के उप निदेशक हजारी राम चौधरी शुक्रवार को मेड़ता इलाके के दौरे पर रहे. जबकि कृषि अधिकारी बृजपाल मंडा रियांबड़ी इलाके में खराबे का जायजा लेने गए.

किसानों का कहना है कि बारिश से सरसों की फसल तिरछी पड़ गई. जीरे की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है. इससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है. ईसबगोल और गेहूं की तैयार फसलों को भी बारिश से नुकसान पहुंचा है. पकी-पकाई फसल खराब होने के डर से किसान चिंतित हैं.

नागौर. जिले में मौसम का मिजाज रोज रंग बदल रहा है. कभी बादल तो कभी खिली धूप इससे तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है. इधर, मेड़ता इलाके में मंगलवार को हुई बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. किसानों का कहना है कि बारिश के कारण सरसों, जीरा और ईसबगोल की फसलों को ज्यादा नुकसान होने की आशंका है.

मौसम रोज बदल रहा रंग

फसलों के खराबे की आशंका के मद्देनजर कृषि विभाग के अधिकारी भी मौका-मुआयना करने में जुटे हैं. विभाग के उप निदेशक हजारी राम चौधरी शुक्रवार को मेड़ता इलाके के दौरे पर रहे. जबकि कृषि अधिकारी बृजपाल मंडा रियांबड़ी इलाके में खराबे का जायजा लेने गए.

किसानों का कहना है कि बारिश से सरसों की फसल तिरछी पड़ गई. जीरे की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है. इससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है. ईसबगोल और गेहूं की तैयार फसलों को भी बारिश से नुकसान पहुंचा है. पकी-पकाई फसल खराब होने के डर से किसान चिंतित हैं.

Intro:नागौर. नागौर में मौसम का मिजाज रोज रंग बदल रहा है। कभी बादल तो कभी खिली धूप। इससे तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है। इधर, मेड़ता इलाके में मंगलवार को हुई बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। किसानों का कहना है कि बारिश के कारण सरसों, जीरा और ईसबगोल की फसलों को ज्यादा नुकसान होने की आशंका है। फसलों के खराबे की आशंका के मद्देनजर कृषि विभाग के अधिकारी भी मौका-मुआयना करने में जुटे हैं। विभाग के उप निदेशक हजारी राम चौधरी शुक्रवार को मेड़ता इलाके के दौरे पर रहे। जबकि कृषि अधिकारी बृजपाल मंडा रियांबड़ी इलाके में खराबे का जायजा लेने गए।


Body:किसानों का कहना है कि बारिश से सरसों की फसल तिरछी पड़ गई। जीरे की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। इससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। ईसबगोल और गेहूं की तैयार फसलों को भी बारिश से नुकसान पहुंचा है। पकी-पकाई फसल खराब होने के डर से किसान चिंतित हैं।


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