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नागौरी नारया री सुणो हुंकार, वोट देबा सूं बणै सरकार... मतदान बढ़ाने की पहल, नारया को बनाया शुभंकर - पहल

आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर नागौर जिला निर्वाचन विभाग ने अनूठी पहल की है. मतदाताओं को इससे जोड़ने के लिए विश्व विख्यात नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को नागौर जिले के शुभंकर के रूप में लॉन्च किया है. साथ ही इसके जरिए अपील भी की है कि 'नागौरी नारया री सुणो हुंकार, वोट देबा सूं बणै सरकार'.

मतदान प्रतिशत बढ़ाने नागौरी नस्ल के नारया को बनाया शुभंकर
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Published : Mar 31, 2019, 5:20 PM IST

नागौर. 3 साल से छोटे नागौरी नस्ल के बैलों को बाहर भेजने पर पाबंदी के कारण अपनी पहचान खोती जा रहे नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को अब जिला निर्वाचन विभाग नागौर ने इस बार लोकसभा चुनाव में शुभंकर के रूप में चुना है.

जिला परिषद सभागार में जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में बैठक में नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को नागौर जिले के शुभंकर के रूप में लॉन्च किया है. अनोखे रूप में पेश किए इस शुभंकर ने नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को साफा बांध कर पेश किया गया है. उसके चारों पैरो में मशहूर नागौरी जूती (मोजड़ी) भी पहनाई गई है. यानी नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को पूरी तरह से ग्रामीण परिवेश में दर्शाया गया है.

मतदान प्रतिशत बढ़ाने नागौरी नस्ल के नारया को बनाया शुभंकर


नागौर जिला निर्वाचन विभाग द्वारा लॉन्च किए गए शुभंकर की लॉन्चिंग के अवसर पर जिला परिषद में शहर के मुख्य रोड पर आकर्षण सजावट की गई है. नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) का बड़ा पोस्टर भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जिले में अपने-अपने क्षेत्र के हिसाब से लॉन्चिंग की तैयारियां शुरू हो गई है. मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन विभाग ने इस बार प्रयास किए हैं. जिले में भी लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर जारी है.


जिला निर्वाचन अधिकारी लगातार चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं. लोगों में चुनाव के प्रति जागरूकता बढ़े इसे लेकर शुभंकर लॉन्च किया गया है. जिला निर्वाचन विभाग की ओर से लॉन्च किए गए इस शुभंकर की प्रतिक्रिया अनुरूप प्रशंसा भी हुई है. जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव ने बताया कि आगामी लोकसभा चुनावों में मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए शुभंकर के रूप में इस बार नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को पेश किया गया है. लोगों को मतदान के प्रति आकर्षित करने के लिए चुनावी एक्टिविटी कर बनाए गए जिले में खासियत की उसी की पहचान के अनुरूप चुनाव आयोग ने इस बार नागौरी नस्ल के बैल (नारिया)को मंजूरी देकर चुना है. इससे लोगों का जोड़कर मतदान प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास रहेगा.

अपनी मजबूत कद-काठी, फुरतीलेपन और गजब की ताकत को देखते हुए उन्नत नस्ल के नागौरी बैलों की पूरे देश में अपनी अलग ही पहचान है. किशोर अवस्था वाले नागौरी नस्ल के बैल को क्षेत्र में नारिया ही कहते हैं. नागौरी नस्ल के बैल पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और यहां के पशु मेले पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुके हैं. अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नागौर लोकसभा चुनाव में नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) एक बार फिर आम लोगों के बीच में चर्चा का विषय जरूर बन गया है.

नागौर. 3 साल से छोटे नागौरी नस्ल के बैलों को बाहर भेजने पर पाबंदी के कारण अपनी पहचान खोती जा रहे नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को अब जिला निर्वाचन विभाग नागौर ने इस बार लोकसभा चुनाव में शुभंकर के रूप में चुना है.

जिला परिषद सभागार में जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में बैठक में नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को नागौर जिले के शुभंकर के रूप में लॉन्च किया है. अनोखे रूप में पेश किए इस शुभंकर ने नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को साफा बांध कर पेश किया गया है. उसके चारों पैरो में मशहूर नागौरी जूती (मोजड़ी) भी पहनाई गई है. यानी नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को पूरी तरह से ग्रामीण परिवेश में दर्शाया गया है.

मतदान प्रतिशत बढ़ाने नागौरी नस्ल के नारया को बनाया शुभंकर


नागौर जिला निर्वाचन विभाग द्वारा लॉन्च किए गए शुभंकर की लॉन्चिंग के अवसर पर जिला परिषद में शहर के मुख्य रोड पर आकर्षण सजावट की गई है. नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) का बड़ा पोस्टर भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जिले में अपने-अपने क्षेत्र के हिसाब से लॉन्चिंग की तैयारियां शुरू हो गई है. मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन विभाग ने इस बार प्रयास किए हैं. जिले में भी लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर जारी है.


जिला निर्वाचन अधिकारी लगातार चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं. लोगों में चुनाव के प्रति जागरूकता बढ़े इसे लेकर शुभंकर लॉन्च किया गया है. जिला निर्वाचन विभाग की ओर से लॉन्च किए गए इस शुभंकर की प्रतिक्रिया अनुरूप प्रशंसा भी हुई है. जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव ने बताया कि आगामी लोकसभा चुनावों में मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए शुभंकर के रूप में इस बार नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को पेश किया गया है. लोगों को मतदान के प्रति आकर्षित करने के लिए चुनावी एक्टिविटी कर बनाए गए जिले में खासियत की उसी की पहचान के अनुरूप चुनाव आयोग ने इस बार नागौरी नस्ल के बैल (नारिया)को मंजूरी देकर चुना है. इससे लोगों का जोड़कर मतदान प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास रहेगा.

अपनी मजबूत कद-काठी, फुरतीलेपन और गजब की ताकत को देखते हुए उन्नत नस्ल के नागौरी बैलों की पूरे देश में अपनी अलग ही पहचान है. किशोर अवस्था वाले नागौरी नस्ल के बैल को क्षेत्र में नारिया ही कहते हैं. नागौरी नस्ल के बैल पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और यहां के पशु मेले पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुके हैं. अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नागौर लोकसभा चुनाव में नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) एक बार फिर आम लोगों के बीच में चर्चा का विषय जरूर बन गया है.

Intro:SLUG...Nagari Bell Ko Banaya Subhakar..नागौरी नस्ल का बैल नारया बना शुभंकर लोकसभा चुनावों में...डे प्लान की खबर वाइस ऑवर के साथ

एकर... 3 वर्ष छोटे नागोरी बेल को बाहर भेजने पर पाबंदी के कारण अपनी पहचान होती जा रहे नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को अब जिला निर्वाचन विभाग नागौर ने इस बार लोकसभा चुनाव में शुभंकर के रूप में चुना है...


Body:जिला परिषद सभागार में जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित करके नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को नागौर जिले का शुभंकर कर के रूप में लांच किया है अनोखे के रूप में पेश किया इस शुभंकर ने नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को साफा बांध कर पेश किया गया है चेहरा हंसता हुआ रखा गया है चारों पैरो में मशहूर नागौरी जूती मोजड़ी भी पहनाई गई है यानी नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को पूरी तरह से ग्रामीण परिवेश में दर्शाया गया है.. नागौर जिला निर्वाचन विभाग द्वारा लांच किए गए शुभंकर की लॉन्चिंग के अवसर पर जिला परिषद नागौर शहर के मुख्य रोड पर आकर्षण सजावट की गई है नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) का बड़ा पोस्टर भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी जिलों में अपने अपने क्षेत्र के हिसाब से लॉन्चिंग की तैयारियां शुरू ह़ो गई है मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला निर्वाचन विभाग ने इस बार प्रयास किए गए हैं नागौर जिले में भी लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर जारी है जिला निर्वाचन अधिकारी लगातार चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं लोगों में चुनाव के प्रति जागरूकता बड़े इसको लेकर शुभंकर लांच किया गया नागौर में नागौरी नस्ल के बैल नारियों को शुभकर कर के रूप में इस बार चुना गया.. जिला निर्वाचन विभाग द्वारा लांच किए गए शुभंकर की प्रतिक्रिया अनुरूप प्रशंसा की गई है.. जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव ने बताया कि नागौरी नस्ल के बैल पूरे देश में नहीं अखंड भारत यानि आजादी से पूर्व भारत का हिस्सा रहे पाकिस्तान तक प्रसिद्ध नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) का नाम आता था और नागौरी नस्ल के रूप में याद किया जाता है ऐसे ताकत के रूप में खेतो मे जुताई के रूप मे नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) मे उपयोग करते है नागौर में लगने वाले विभिन्न पशु मेलों में सर्वाधिक नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) ही बिकते हैं पिछले कई वर्षों से 3 वर्षों छोटे बालों को राजस्थान से बाहर भेजने पर पाबंदी लगी इन नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) का वजूद इन दिनों खतरे में पैदा कर दिया गया किशोर अवस्था वाले नागौरी नस्ल के बैल को (नारिया) ही कहते हैं जो स्वभाव से चंचल होता है जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने कहा कि लोकसभा चुनावो में मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए शुभंकर के रूप में इस बार नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को पेश किया गया लोगों को आकर्षित करने के लिए चुनावी एक्टिविटी कर बनाए गए जिले में खासियत उसी की पहचान अनुरूप चुनाव आयोग ने इस बार नागौरी नस्ल के बैल (नारिया)को मंजूरी देकर चुना है इससे मतदान में लोगों का जोड़कर प्रतिशत बढेगा क्योकि नागौर से यहां के लोगों का काफी जुड़ा है नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) के प्रति लोगों में अच्छी भावना और विश्वास यहां के किसानों और पशु पालको है इस बार लोक सभा चुनावों के मद्देनजर इस बार चुनाव आयोग ने नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) को शुभंकर के रूप में चुना है


Conclusion:नागौरी नस्ल के बैल पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और यहां के मेले पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुके हैं अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नागौर लोकसभा चुनाव में नागौरी नस्ल के बैल (नारिया) एक बार फिर आम लोगों के बीच में चर्चा का विषय जरूर बन गए
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