नागौर. श्री रामदेव पशुमेले से पशुओं की रवानगी का सिलसिला आज से शुरू हो गया है. इस बार पशु मेले में कुल 4592 पशु आए.इनमें सबसे ज्यादा संख्या ऊंटों की रही. जबकि सबसे कम संख्या में घोड़े इस पशु मेले में आए. पशुपालन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, इस बार मेले में ऊंट वंश के 2228, गोवंश के 1321, अश्व वंश के 517 और भैंस वंश के 526 पशु इस मेले में आए हैं.
बता दें किराजस्थान के पशु व्यापारियों ने इस मेले में 194 पशुओं की खरीदारी की है. जबकि प्रदेश के बाहर से आए पशु व्यापारियों ने 186 पशुओं की खरीदारी की है. राजस्थान के व्यापारियों ने इस मेले में गोवंश के 20, भैंस वंश के 37 और ऊंट वंश के 137 पशुओं की खरीदारी की है.जिससे पशुपालकों को 40 लाख 97 हजार 500 रुपए की आय हुई है.
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वहीं सबसे महंगा बैल 40 हजार रुपए में और सबसे सस्ता बैल 9 हजार रुपए में बिका.भैंस सबसे महंगी 50 हजार रुपए में और सबसे सस्ती 10 हजार रुपए में बिकी.जबकि ऊंट सबसे महंगा 46 हजार रुपए में और सबसे सस्ता 7 हजार रुपए में बिका.
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साथ ही प्रदेश के बाहर से आए व्यापारियों ने इस मेले में 186 पशुओं की खरीदारी की. जिससे पशुपालकों को 39 लाख 12 हजार 300 रुपए की आय हुई है.राजस्थान के बाहर से आए पशुपालकों ने गोवंश के 157, भैंस वंश के 27 और अश्व वंश के 2 पशुओं की खरीदारी की है. प्रदेश के बाहर बिकने वाले पशुओं में बैल सबसे महंगा 56 हजार रुपए में और सबसे सस्ता 3500 रुपए में बिका. भैंस सबसे महंगी 60 हजार रुपए में और सबसे सस्ती 10 हजार रुपए में बिकी. जबकि घोड़ा सबसे महंगा 90 हजार रुपए में और सबसे सस्ता 81 हजार रुपए में बिका.
नागौर के श्री रामदेव पशु मेले में अब तक हुई खरीद फरोख्त की तुलना करें तो सबसे महंगा बिकने वाला पशु घोड़ा है. जो इस मेले में सबसे ज्यादा 90 हजार रुपए में खरीदा गया है. हालांकि,सोमवार से इस मेले में पशुओं की रवानगी शुरू हो गई है. लेकिन 9 फरवरी तक यहां पशुओं की खरीद-फरोख्त का सिलसिला जारी रहेगा.