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नागौर का लाल हरमेंद्र गोदारा जम्मू कश्मीर में शहीद, 8 दिन पहले ऊंची बर्फीली चोटी पर ठंड से बिगड़ी थी तबियत

नागौर का लाल हरमेंद्र गोदारा जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए. रविवार तक शहीद की पा​र्थिव देह नागौर में उनके गांव इंदास पहुंचने की उम्मीद है.

Harmendra Godara martyr of Rajasthan, Rajasthan News
नागौर का लाल हरमेंद्र गोदारा जम्मू कश्मीर में शहीद
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Published : Sep 18, 2021, 1:53 PM IST

Updated : Sep 18, 2021, 8:41 PM IST

नागौर. राजस्थान के नागौर का लाल हरमेंद्र गोदारा जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए हैं. शहीद हरमेंद्र गोदारा नागैर जिले के इंदास गांव के रहने वाले थे. उनकी शहादत की खबर से गांव में सन्नाटा पसरा है. रविवार तक शहीद की पा​र्थिव देह नागौर में उनके गांव इंदास पहुंचने की उम्मीद है.

हरमेन्द्र के परिजन और ग्रामीण गांव में अन्तिम संस्कार को लेकर जगह चयनित की है. हरमेंद्र का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. नागौर जिला मुख्यालय पर कार्यरत जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल मुकेश शर्मा के मुताबिक 32 साल के हरमेंद्र गोदारा भारतीय सेना में 5 राजपुताना राइफल्स मे नायक के पद पर सियाचिन में कार्यरत थे, वे 25 मार्च 2011 को सेना मे भर्ती हुए थे.

नागौर का लाल शहीद, कल होगा अंतिम संस्कार

पढ़ें- विधायक के निधन की खबर पहुंचने में देरी, सदन ने माना कलेक्टर की गलती... नाराज हुए स्पीकर, बोले- होगी कार्रवाई

वे देश सेवा के लिए जम्मू कश्मीर में 13 हजार ऊंची बर्फीली चोटी पर तैनात थे. मौसम में बदलाव और बहुत ज्यादा ठण्ड होने के कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई थी. 10 सितंबर को नायक हरमेंद्र गोदारा की तबियत खराब हो गई थी. 14 सितंबर को उन्हें इलाज के लिए चंडीगढ़ स्थित आर्मी हॉस्पिटल में लाया गया.

चिकित्सकों ने काफी कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. शनिवार सुबह नायक हरमेंद्र ने आखिरी सांस ली. जानकारी के मुताबिक उनके के भाई मूलाराम गोदारा गांव में ही टेंट व्यवसाय का काम करते हैं. हरमेंद्र विवाहित थे, उनके 3 बच्चे हैं. बड़ा बेटा 7 साल, मंझला बेटा 4 साल और सबसे छोटा बेटा 9 महीने का है. करीब 5 महीने पहले किसी कार्यक्रम में शरीक होने के लिए हरमेंद्र छुट्टी पर गांव आए थे.

नागौर. राजस्थान के नागौर का लाल हरमेंद्र गोदारा जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए हैं. शहीद हरमेंद्र गोदारा नागैर जिले के इंदास गांव के रहने वाले थे. उनकी शहादत की खबर से गांव में सन्नाटा पसरा है. रविवार तक शहीद की पा​र्थिव देह नागौर में उनके गांव इंदास पहुंचने की उम्मीद है.

हरमेन्द्र के परिजन और ग्रामीण गांव में अन्तिम संस्कार को लेकर जगह चयनित की है. हरमेंद्र का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. नागौर जिला मुख्यालय पर कार्यरत जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल मुकेश शर्मा के मुताबिक 32 साल के हरमेंद्र गोदारा भारतीय सेना में 5 राजपुताना राइफल्स मे नायक के पद पर सियाचिन में कार्यरत थे, वे 25 मार्च 2011 को सेना मे भर्ती हुए थे.

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वे देश सेवा के लिए जम्मू कश्मीर में 13 हजार ऊंची बर्फीली चोटी पर तैनात थे. मौसम में बदलाव और बहुत ज्यादा ठण्ड होने के कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई थी. 10 सितंबर को नायक हरमेंद्र गोदारा की तबियत खराब हो गई थी. 14 सितंबर को उन्हें इलाज के लिए चंडीगढ़ स्थित आर्मी हॉस्पिटल में लाया गया.

चिकित्सकों ने काफी कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. शनिवार सुबह नायक हरमेंद्र ने आखिरी सांस ली. जानकारी के मुताबिक उनके के भाई मूलाराम गोदारा गांव में ही टेंट व्यवसाय का काम करते हैं. हरमेंद्र विवाहित थे, उनके 3 बच्चे हैं. बड़ा बेटा 7 साल, मंझला बेटा 4 साल और सबसे छोटा बेटा 9 महीने का है. करीब 5 महीने पहले किसी कार्यक्रम में शरीक होने के लिए हरमेंद्र छुट्टी पर गांव आए थे.

Last Updated : Sep 18, 2021, 8:41 PM IST
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