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Nagaur Clerk Self Immolation: लिपिक ने इलाज के दौरान तोड़ा दम, शव उठाने से परिजनों ने किया इनकार... रखी शर्त

नागौर के पिलवा गांव में गुरुवार को वरिष्ठ लिपिक ने स्कूल के प्रधानाचार्य और स्कूल स्टाफ से परेशान होकर खुद को आग लगा ली थी. जिसका देर रात निधन हो गया. ये मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप शव उठाने से इनकार कर दिया है.

Nagaur Clerk Self Immolation
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Published : Mar 3, 2023, 10:22 AM IST

Updated : Mar 3, 2023, 1:22 PM IST

नागौर. ट्रांसफर के बाद रिलीव नहीं होने से परेशान होकर वरिष्ठ लिपिक 55 साल के रामसुख ने खुद को आग लगा ली थी. वह ट्रांसफर के बाद भी रिलीव नहीं होने से परेशान था. इसी को लेकर गुरुवार सुबह वह जल्दी आ गया और आत्मदाह कर लिया.घटना के बाद प्रधानाचार्य और एक टीचर को निलंबित किया गया है. आरोप है कि ट्रांसफर होने के बाद भी प्रिंसिपल उसे रिलीव नहीं कर रही थीं. लिपिक 80 फीसदी तक झुलस गया था. जिसे पिलवा से सीधे अजमेर रेफर किया गया, जहां उसने देर रात दम तोड़ दिया.

ग्रामीण अड़े बोले कार्रवाई करो तो उठेगी लाश- कनिष्ठ लिपिक की मौत से परिजन और रिश्तेदार और ग्रामीण मोर्चरी के बाहर लामबंद हो गए. परिजनों ने मांग की कि मरने से पहले कनिष्ठ लिपिक रामसुख के अस्पताल में मजिस्ट्रेट बयान हुए हैं. पुलिस ने भी बयान दर्ज किए हैं. परिजनों का कहना है कि जब तक नामजद प्राचार्य और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक मोर्चरी से वह रामसुख मेघवाल का शव नहीं उठाएंगे.

मृतक के बेटे निर्मल कुमार ने बताया कि हाल ही में राम सुख मेघवाल का प्रमोशन हुआ था और उन्हें बस्सी से पीलवा राजकीय स्कूल में स्थानांतरित किया गया था. इसके बावजूद स्कूल प्राचार्य और अन्य कर्मचारी उन्हें रिलीव नहीं कर रहे थे. इस कारण वो पिछले 15 दिनों से मानसिक रूप से परेशान थे. कई बार उन्होंने स्कूल प्रशासन और प्राचार्य से उन्हें रिलीव करने का आग्रह भी किया था. उन्होंने बताया कि स्कूल प्राचार्य और अन्य कर्मचारियों की हठधर्मिता से वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे थे.

ग्रामीण विक्रम सिंह राठौड़ ने बताया कि 1997 से ही कनिष्ठ लिपिक राम सुख मेघवाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत थे. कुछ दिनों पहले विभाग ने उन्हें पदोन्नति दी थी और उन्हें पीलवा पदस्थापित किया था लेकिन उन्हें स्कूल प्रशासन की ओर से रिलीव नहीं किया जा रहा था. राठौड़ का कहना है कि सभी परिजनों, रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने मिलकर तय किया है कि जब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब तक रामसुख मेघवाल का शव अजमेर जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी में ही रखा रहेगा. ग्रामीणों और परिजनों के साथ पीलवा पुलिस काफी समझाइश कर रही है.

सांसद हनुमान बेनीवाल ने किया ट्वीट- लिपिक की मौत के बाद सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर दुख जताया. लिखा- रामसुख जी के द्वारा कल आत्महत्या की गई और अस्पताल में उनका निधन हो गया. स्कूल प्रबंधक से प्रताड़ित होकर एक लिपिक को आत्मदाह जैसा कदम उठाना पड़ा यह हृदय को झकझोर कर रख देने वाला मामला है. मैंने कल ही मामले को लेकर राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों से दूरभाष पर वार्ता की थी. पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होकर रामसुख जी को आत्मदाह के लिए मजबूर करने वाले दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.

  • नागौर जिले के परबतसर क्षेत्र में पीलवा थाना क्षेत्र के ग्राम बस्सी के स्कूल के लिपिक रामसुख जी मेघवाल द्वारा कल आत्मदाह किया गया,अस्पताल में उपचार के दौरान रामसुख जी का निधन हो गया , स्कूल प्रबंधन से प्रताड़ीत होकर एक लिपिक को आत्मदाह जैसा कदम उठाना पड़ा
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    — HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) March 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मौत से पहले दिया बयान- आत्मदाह की कोशिश के बाद झुलसे लिपिक को अजमेर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पीलवा पुलिस ने अजमेर पहुंच वरिष्ठ लिपिक के बयान लिए जिस पर उन्होंने प्रिंसिपल सीमा चंदेल सहित अन्य पर आरोप लगाया. लिपिक ने Dying Declaration में ये भी कहा था कि आत्मदाह के लिए उसे इन्हीं लोगों ने प्रेरित किया था.

पढ़ें- राजस्थान के नागौर में लिपिक ने किया आत्मदाह का प्रयास, हालत गंभीर

क्या था मामला?- पीलवा थानाधिकारी सूरजमल चौधरी ने बताया था कि पीड़ित क्लर्क रामसुख मेघवाल (55) ने आरोप लगाया कि स्कूल की प्रिंसिपल सीमा चंदेल ट्रांसफर होने के बाद भी उसे रिलीव करने से मना कर रही थी. इसके साथ ही​​​​​​ स्कूल के ​​​​​​स्टाफ धन्नाराम, महावीर और सुमित भी उसे परेशान कर रहे थे. क्लर्क रामसुख का ट्रांसफर 15 दिन पहले पीलवा स्कूल में हुआ था. रामसुख बस्सी का रहने वाला था. हादसे के बाद स्कूल की छुट्टी कर दी गई थी.

नागौर. ट्रांसफर के बाद रिलीव नहीं होने से परेशान होकर वरिष्ठ लिपिक 55 साल के रामसुख ने खुद को आग लगा ली थी. वह ट्रांसफर के बाद भी रिलीव नहीं होने से परेशान था. इसी को लेकर गुरुवार सुबह वह जल्दी आ गया और आत्मदाह कर लिया.घटना के बाद प्रधानाचार्य और एक टीचर को निलंबित किया गया है. आरोप है कि ट्रांसफर होने के बाद भी प्रिंसिपल उसे रिलीव नहीं कर रही थीं. लिपिक 80 फीसदी तक झुलस गया था. जिसे पिलवा से सीधे अजमेर रेफर किया गया, जहां उसने देर रात दम तोड़ दिया.

ग्रामीण अड़े बोले कार्रवाई करो तो उठेगी लाश- कनिष्ठ लिपिक की मौत से परिजन और रिश्तेदार और ग्रामीण मोर्चरी के बाहर लामबंद हो गए. परिजनों ने मांग की कि मरने से पहले कनिष्ठ लिपिक रामसुख के अस्पताल में मजिस्ट्रेट बयान हुए हैं. पुलिस ने भी बयान दर्ज किए हैं. परिजनों का कहना है कि जब तक नामजद प्राचार्य और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक मोर्चरी से वह रामसुख मेघवाल का शव नहीं उठाएंगे.

मृतक के बेटे निर्मल कुमार ने बताया कि हाल ही में राम सुख मेघवाल का प्रमोशन हुआ था और उन्हें बस्सी से पीलवा राजकीय स्कूल में स्थानांतरित किया गया था. इसके बावजूद स्कूल प्राचार्य और अन्य कर्मचारी उन्हें रिलीव नहीं कर रहे थे. इस कारण वो पिछले 15 दिनों से मानसिक रूप से परेशान थे. कई बार उन्होंने स्कूल प्रशासन और प्राचार्य से उन्हें रिलीव करने का आग्रह भी किया था. उन्होंने बताया कि स्कूल प्राचार्य और अन्य कर्मचारियों की हठधर्मिता से वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे थे.

ग्रामीण विक्रम सिंह राठौड़ ने बताया कि 1997 से ही कनिष्ठ लिपिक राम सुख मेघवाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत थे. कुछ दिनों पहले विभाग ने उन्हें पदोन्नति दी थी और उन्हें पीलवा पदस्थापित किया था लेकिन उन्हें स्कूल प्रशासन की ओर से रिलीव नहीं किया जा रहा था. राठौड़ का कहना है कि सभी परिजनों, रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने मिलकर तय किया है कि जब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब तक रामसुख मेघवाल का शव अजमेर जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी में ही रखा रहेगा. ग्रामीणों और परिजनों के साथ पीलवा पुलिस काफी समझाइश कर रही है.

सांसद हनुमान बेनीवाल ने किया ट्वीट- लिपिक की मौत के बाद सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर दुख जताया. लिखा- रामसुख जी के द्वारा कल आत्महत्या की गई और अस्पताल में उनका निधन हो गया. स्कूल प्रबंधक से प्रताड़ित होकर एक लिपिक को आत्मदाह जैसा कदम उठाना पड़ा यह हृदय को झकझोर कर रख देने वाला मामला है. मैंने कल ही मामले को लेकर राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों से दूरभाष पर वार्ता की थी. पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होकर रामसुख जी को आत्मदाह के लिए मजबूर करने वाले दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.

  • नागौर जिले के परबतसर क्षेत्र में पीलवा थाना क्षेत्र के ग्राम बस्सी के स्कूल के लिपिक रामसुख जी मेघवाल द्वारा कल आत्मदाह किया गया,अस्पताल में उपचार के दौरान रामसुख जी का निधन हो गया , स्कूल प्रबंधन से प्रताड़ीत होकर एक लिपिक को आत्मदाह जैसा कदम उठाना पड़ा
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    — HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) March 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मौत से पहले दिया बयान- आत्मदाह की कोशिश के बाद झुलसे लिपिक को अजमेर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पीलवा पुलिस ने अजमेर पहुंच वरिष्ठ लिपिक के बयान लिए जिस पर उन्होंने प्रिंसिपल सीमा चंदेल सहित अन्य पर आरोप लगाया. लिपिक ने Dying Declaration में ये भी कहा था कि आत्मदाह के लिए उसे इन्हीं लोगों ने प्रेरित किया था.

पढ़ें- राजस्थान के नागौर में लिपिक ने किया आत्मदाह का प्रयास, हालत गंभीर

क्या था मामला?- पीलवा थानाधिकारी सूरजमल चौधरी ने बताया था कि पीड़ित क्लर्क रामसुख मेघवाल (55) ने आरोप लगाया कि स्कूल की प्रिंसिपल सीमा चंदेल ट्रांसफर होने के बाद भी उसे रिलीव करने से मना कर रही थी. इसके साथ ही​​​​​​ स्कूल के ​​​​​​स्टाफ धन्नाराम, महावीर और सुमित भी उसे परेशान कर रहे थे. क्लर्क रामसुख का ट्रांसफर 15 दिन पहले पीलवा स्कूल में हुआ था. रामसुख बस्सी का रहने वाला था. हादसे के बाद स्कूल की छुट्टी कर दी गई थी.

Last Updated : Mar 3, 2023, 1:22 PM IST
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