मकराना (नागौर). अंधाधुंध फायरिंग कर मकराना को दहलाने वाले और एक निर्दोष युवक की जान लेने वाले तीन शार्प शूटर्स और उन्हें मकराना बुलाने वाला कुख्यात बदमाश समीर भाटी वारदात के 14 दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. मकराना में 3 मार्च को अंधाधुंध फायरिंग कर फिरोज नाम के युवक की जान लेने और नवाब नाम के युवक को गोली मारने के मामले का भले ही पांच दिन में खुलासा कर पुलिस ने खुद की पीठ थपथपा ली हो, लेकिन इस मामले से जुड़े चार प्रमुख बदमाश वारदात के 14 दिन बाद भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े हैं.
डीडवाना से मकराना बारात में आए फिरोज नाम के युवक की इस अंधाधुंध फायरिंग में मौत हो गई थी. जबकि नवाब नाम का युवक गोली लगने से घायल हो गया था. इस मामले का पुलिस ने 8 मार्च को खुलासा करते हुए आरोपी मोहम्मद अकबर, मोहम्मद आरिफ और सलीम उर्फ जगदीश को गिरफ्तार किया था. पुलिस के अनुसार, आरिफ की किसी व्यापारी से पुरानी रंजिश थी. जिसकी हत्या करने के लिए उसने मकराना निवासी समीर भाटी के मार्फत शूटर्स को बुलाया था.
समीर के बाहरी अपराधियों से संपर्क हैं और उसी ने इस वारदात के लिए शूटर्स को बुलाया था. तय साजिश के अनुसार आरिफ ने 3 मार्च को व्यापारी को मकराना में टंकी चौराहे पर बुलाया था. जहां पहले से मौजूद शूटर्स उसके इशारे का इंतजार कर रहे थे, लेकिन व्यापारी आया नहीं. इस बीच डीडवाना से बारात में आया फिरोज अपने साथियों के साथ टंकी चौराहा पहुंचा और पानी की बोतल लेने उतरा. कार से नीचे उतरते समय वहां खड़े आरिफ से टकरा गया. इस पर दोनों के बीच नोकझोंक हुई तो शूटर्स ने फिरोज को टारगेट समझकर उस पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. जिससे उसकी मौत हो गई.
भले ही इस मामले में पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा रही हो. लेकिन इस पूरी वारदात की अहम कड़ी समीर भाटी और वारदात को अंजाम देने वाले शूटर्स अभी भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े हैं. समीर पर पहले भी संगीन अपराध के कई मामले दर्ज हैं. वारदात में काम मे लिए गए हथियार और बाइक भी अभी तक पुलिस बरामद नहीं कर पाई है. फिलहाल पुलिस का कहना कि बाकी बचे हुए आरोपियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. हालांकि चर्चा यह भी है कि राजनीतिक दबाव के चलते समीर भाटी और शूटर्स को गिरफ्तार करने से बच रही है.