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हाईकोर्ट फैसला : भंवरलाल मांटेसरी स्कूल के खुले ताले...कोर्ट ने नगर परिषद को दिए कब्जा सुपुर्दगी के आदेश - Nagaur Bhanwarlal Montessori School case

स्कूल प्रबंधन ने नोटिस के विरुद्ध राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. कोर्ट ने 13 जून तक नगर परिषद आयुक्त के सीजर के प्रभाव पर रोक लगाई. भवन नगर परिषद नागौर का है जिसे किराए पर दिया गया था. नगर परिषद नागौर ने 04 मई को अंतिम नोटिस देते हुए अपना कब्जा सुपुर्दगी के लिए स्कूल को आदेश दिए थे.

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Published : May 29, 2021, 10:57 PM IST

नागौर. शहर की बेशकीमती जमीन पर बनी भंवरलाल मोंटेसरी स्कूल परिसर को लेकर नगर परिषद नागौर और भंवरलाल मोंटेसरी स्कूल प्रशासन के बीच चल रहे विवाद के बीच आज अचानक एक नया मोड़ आ गया. हाईकोर्ट ने भंवरलाल मोंटेसरी स्कूल प्रबंधन को राहत देते हुए नगर परिषद नागौर की ओर से स्कूल के मुख्य द्वार पर लगे हुए तालों को खोलकर स्कूल प्रबंधन को कब्जा देने के आदेश दिया है.

आदेश मिलने के बाद भंवरलाल मोंटेसरी स्कूल प्रशासन पुलिस प्रशासन के जाब्ते के साथ मौके पर कब्जा लेने पहुंचे और ताला खुलवाने की कार्रवाई शुरू करने मांग की लेकिन नगर परिषद के अधिकारियों के मौके पर मौजूद नहीं होने के चलते हुए स्कूल के मुख्य द्वार पर लगे हुए ताले को नहीं खोला जा सका. इस पूरे मामले में नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि भंवरलाल मोंटेसरी स्कूल प्रबंधन को यह बिल्डिंग नगर परिषद की ओर से किराए पर दी गई थी. लेकिन पिछले कई सालों से भंवरलाल मोंटेसरी स्कूल के प्रबंधन ने किराया अदा नहीं किया. इस पर स्कूल की बिल्डिंग को खाली करने करने को लेकर 4 मई को अंतिम नोटिस देते हुये कब्जा सुपुर्दगी के लिए आदेश दिए थे.

पढ़ें- कोरोना के चलते स्कूल बंद हुआ तो संचालक को करना पड़ रहा है ये काम

इस पर स्कूल प्रबंधन की ओर से कब्जा सुपुर्दगी न कराते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई. नगर परिषद नागौर ने भी हाईकोर्ट में आगामी सुनवाई मे अपना पक्ष रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि नगर परिषद स्कूल की बिल्डिंग को खाली करवाकर यहां पर नगर परिषद की नई बिल्डिंग बनाना चाहता है. लेकिन स्कूल प्रशासन के द्वारा मनमाने तौर पर स्कूल की बिल्डिंग को खाली नहीं किया जा रहा है.

यही विवाद की मुख्य वजह है. स्कूल प्रशासन का भी इस पूरे मामले में साफ तौर पर कहना है कि स्कूल में अभी वर्तमान में सैकड़ों बच्चे अध्ययनरत हैं. ऐसे में सैकड़ों बच्चों का भविष्य भी स्कूल की बिल्डिंग खाली करने से अधर झूल में रह जाएगा. उन्होंने हाईकोर्ट कहा कि इसी ग्राउंड पर हाई कोर्ट ने भी उन्हें राहत दी है. इस पर हाईकोर्ट ने स्कूल प्रशासन के पक्ष में फैसला दिया है. नगर परिषद नागौर के आयुक्त श्रवण राम चौधरी का कहना है कि न्यायालय मे पक्ष रखेंगे.

नागौर. शहर की बेशकीमती जमीन पर बनी भंवरलाल मोंटेसरी स्कूल परिसर को लेकर नगर परिषद नागौर और भंवरलाल मोंटेसरी स्कूल प्रशासन के बीच चल रहे विवाद के बीच आज अचानक एक नया मोड़ आ गया. हाईकोर्ट ने भंवरलाल मोंटेसरी स्कूल प्रबंधन को राहत देते हुए नगर परिषद नागौर की ओर से स्कूल के मुख्य द्वार पर लगे हुए तालों को खोलकर स्कूल प्रबंधन को कब्जा देने के आदेश दिया है.

आदेश मिलने के बाद भंवरलाल मोंटेसरी स्कूल प्रशासन पुलिस प्रशासन के जाब्ते के साथ मौके पर कब्जा लेने पहुंचे और ताला खुलवाने की कार्रवाई शुरू करने मांग की लेकिन नगर परिषद के अधिकारियों के मौके पर मौजूद नहीं होने के चलते हुए स्कूल के मुख्य द्वार पर लगे हुए ताले को नहीं खोला जा सका. इस पूरे मामले में नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि भंवरलाल मोंटेसरी स्कूल प्रबंधन को यह बिल्डिंग नगर परिषद की ओर से किराए पर दी गई थी. लेकिन पिछले कई सालों से भंवरलाल मोंटेसरी स्कूल के प्रबंधन ने किराया अदा नहीं किया. इस पर स्कूल की बिल्डिंग को खाली करने करने को लेकर 4 मई को अंतिम नोटिस देते हुये कब्जा सुपुर्दगी के लिए आदेश दिए थे.

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इस पर स्कूल प्रबंधन की ओर से कब्जा सुपुर्दगी न कराते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई. नगर परिषद नागौर ने भी हाईकोर्ट में आगामी सुनवाई मे अपना पक्ष रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि नगर परिषद स्कूल की बिल्डिंग को खाली करवाकर यहां पर नगर परिषद की नई बिल्डिंग बनाना चाहता है. लेकिन स्कूल प्रशासन के द्वारा मनमाने तौर पर स्कूल की बिल्डिंग को खाली नहीं किया जा रहा है.

यही विवाद की मुख्य वजह है. स्कूल प्रशासन का भी इस पूरे मामले में साफ तौर पर कहना है कि स्कूल में अभी वर्तमान में सैकड़ों बच्चे अध्ययनरत हैं. ऐसे में सैकड़ों बच्चों का भविष्य भी स्कूल की बिल्डिंग खाली करने से अधर झूल में रह जाएगा. उन्होंने हाईकोर्ट कहा कि इसी ग्राउंड पर हाई कोर्ट ने भी उन्हें राहत दी है. इस पर हाईकोर्ट ने स्कूल प्रशासन के पक्ष में फैसला दिया है. नगर परिषद नागौर के आयुक्त श्रवण राम चौधरी का कहना है कि न्यायालय मे पक्ष रखेंगे.

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