नागौर. लॉकडाउन 4 को मध्य नजर रखते हुए पुलिस के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी में जुट गए हैं. बता दें कि अजमेर रेंज आईजी हवासिंह घुमरिया ने शनिवार को नागौर जिले का दौरा किया. इस दौरान कर्फ्यू के हालात की स्थिति का जायजा लेते हुए नागौर जिले की कानून व्यवस्था की समीक्षा की.
आपसी झगड़े और घरेलू हिंसा के केस में फिर बढ़ोतरी घुमरिया ने नागौर जिले के कोरोना वायरस के संक्रमण में जिला प्रशासन की ओर से घोषित जीरो मोबिलिटी वाले छात्र बासनी और ग्रामपंचायत कुमारी का निरीक्षण किया. साथ ही हालात का जायजा लिया. दोनों ग्राम पंचायतों में तैनात पुलिस के जवानों की हौसला अफजाई भी की.इसके बाद आईजी ने नागौर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में नागौर एसपी डॉ. विकास पाठक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुमार कस्वां से नागौर जिले के बासनी कुमारी, रुण, डेह लूणसरा इलाके में जीरो मोबिलिटी क्षेत्र के हालातों के बारे में जानकारी ली. साथ ही नागौर जिले में आ रहे प्रवासियों के साथ जिले की कानून व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा की. इसी दौरान जिले से लगती 7 जिलों की सीमाओं पर तैनात पुलिस बल की रूटीन ड्यूटी के बारे में चर्चा करते हुए आगामी दिनों के लिए रिजर्व बल को तैनात करने की योजना पर भी चर्चा की गई.घुमरिया ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन के दौरान जहां अपराध में कमी आई थी. वहीं अब लॉकडाउन में छूट के बाद अपराधों का ग्राफ एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहा है. मीडिया से रूबरू होते हुए आईजी ने कहा कि लॉकडाउन के चलते आमजन पिछले दो-तीन महीनों से घरों में है. जिससे उनकी मनोस्थिति में परिवर्तन आया है. साथ ही लोगों का धैर्य अब जवाब देने लगा है. यही वजह है कि आपसी झगड़े सहित घरेलू हिंसा के केस में कहीं ना कहीं बढ़ोतरी देखी जा रही है. आईजी जी ने कहा कि लोगों की पालना के साथ बढ़ते अपराध पर भी अजमेर रेंज के सभी एसपी को फोकस करने के निर्देश दिए गए हैं.पढ़ें- राज्य में एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर क्वॉरेंटाइन अनिवार्य नहीं: मुख्यमंत्री
घुमरिया ने बताया कि अजमेर संभाग में लॉकडाउन की पालना नहीं करने वाले लोगों पर शिकंजा कसा गया है. मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अजमेर संभाग के हर जिले में कार्रवाई हुई है. जिसके तहत 31 हजार वाहनों को सीज किया गया था और 36 हजार के करीब लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की गई है. लॉकडाउन में नागौर पुलिस के अधिकारियों ने काफी सजगता और सक्रियता से काम किया है, जिसके अच्छे और सकारात्मक नतीजे हैं. इसी के साथ सामुदायिक पुलिसिंग के जरिए, पुलिस अनुसंधान और खुफिया तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया जा है.