नागौर. लावारिस गोवंश ने इन दिनों जिले में आतंक मजा रखा है. हर कस्बे, गांव में लोग इनसे परेशान हैं. आए दिन इनके चलते हादसे होते रहते हैं. मंगलवार को डीडवाना बस स्टैंड पर ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला. बस स्टैंड पर तीन सांड आपस में भिड़ गए. जिससे अफरा-तफरी मच गई. लोगों ने सांडों को भगाने का प्रयास किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. सांडों की इस लड़ाई में आधा दर्जन मोटरसाइकिल और एक कार क्षतिग्रस्त हो गई.
डीडवाना बस स्टैंड पर करीब आधे घंटे तक बीच सड़क पर सांडों की लड़ाई चलती रही. जिसके चलते कई लोग एकत्रित हो गए. स्थानीय निवासियों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले लोक अदालत के दखल के बाद नगरपालिका ने एक निजी संस्था को आवारा सांडों को पकड़ने का टेंडर जारी किया था. इसके बाद इन सांडों को पकड़कर गोशाला भी छोड़ा गया था. लेकिन कुछ दिन बाद गोशाला से इन सांडों को वापस छोड़ दिया गया. इधर, नगर पालिका द्वारा भुगतान नहीं मिलने के कारण संस्था ने भी लावारिस गोवंश को पकड़ने का काम रोक दिया. इसके बाद से डीडवाना में एक बार फिर सड़क पर सांडों की लड़ाई आम हो चली है. इससे आए दिन या तो राहगीर चोटिल हो रहे है या गाड़ियों को नुकसान पहुंच रहा है.
पढ़ें: स्पेशल: आवारा कुत्तों और बंदरों के बीच सर्पदंश बना आफत, रोजाना करीब 40 लोग हो रहे शिकार
नागौर जिले के कमोबेश हर शहर-कस्बे में यही हालत हैं. कई बार तो सांडों की चपेट में आने से राहगीर गंभीर रूप से घायल भी हो जाते हैं. नागौर जिले के हाईवे भी लावारिस गोवंश की समस्या से अछूते नहीं हैं. बीते दिनों दो बड़े और कई छोटे हादसे नागौर के राजमार्गों पर लावारिस गोवंश के कारण हो चुके हैं. लेकिन फिलहाल इन पर प्रभावी अंकुश लगाने की कोई पहल होती नजर नहीं आ रही है.