नागौर. जिले के बासनी गांव में 5 अप्रैल को कोरोना का पहला मरीज सामने आया था. जिसके बाद 246 कोरोना संक्रमित मरीज अकेले बासनी से सामने आए और बासनी नागौर जिले में कोरोना का नया हॉटस्पॉट बन गया था. रिपोर्ट के अनुसार 246 संक्रमितों में से 241 मरीज स्वस्थ हो गए हैं, जबकि 5 की मौत हो गई है.
नागौर जिले में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 495 है. जिनमें से लगभग आधे 246 मरीज अकेले बासनी गांव के ही थे. जिसके बाद बासनी नागौर प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गया था. नागौर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर मनोज कुमार ने बताया कि बासनी कस्बे को सबसे ज्यादा फायदा पहले नाकेबंदी करने और फिर कोविड केयर सेंटर स्थापित करने से हुआ.
नागौर जिले का पहला कोरोना संक्रमित मरीज भी बासनी गांव से ही मिला था. फिर धीरे-धीरे आंकड़ा बढ़ता गया और बासनी हॉटस्पॉट बन कर सामने आया. बाहर से आए लोगों की सैंपलिंग से लेकर, लोगों की समझाने में चिकित्सकों की टीम जुटी रही. पिछले सात आठ दिनों से बासनी का कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं मिला है.
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बासनी ग्राम पंचायत में नागौर जिला प्रशासन ने जो मॉडल अपनाया उसकी तारीफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी दो बार कर चुके हैं. इसी के साथ सुपर रेड जोन में शामिल बासनी अब कर्फ्यू हटाने की संभावना भी बढ़ गई है. हालांकि इस पर अभी नागौर जिला प्रशासन सोमवार को बासनी के धर्मगुरुओं के साथ राजनीतिक जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के बाद अंतिम निर्णय लेगा.
बासनी ग्रामपंचायत अधिकतर लोग महाराष्ट्र के मुंबई सहित कई जिलों में दूध के कारोबार से जुड़े हुए हैं. आखिरी मरीज को भी अस्पताल आइसोलेशन से क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है. नागौर जिले में अबतक 495 कोरोना संक्रमित सामने आ चुके हैं. वहीं 9 लोगों की मौत भी कोरोना वायरस के चलते हो चुकी है.