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नागौर में तेजाणा के नींव मुहूर्त पर जेजेपी अध्यक्ष चौटाला ने दिए राजस्थान की राजनीति में आने के संकेत - Ajay Singh Chautala indication of his party entry in Rajasthan

आगामी चुनावों में जननायक जनता पार्टी भी राजस्थान में अपना भाग्य आजमा सकती है. इसके संकेत आज नागौर के खरनाल में प्रस्तावित तेजाणा निर्माण के नींव के मुहूर्त में पार्टी के अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला ने (Ajay Singh Chautala indication of his party entry in Rajasthan) दिए. हालांकि उन्होंने सटीक जवाब न देते हुए यही कहा कि जब चुनाव आएगा, तब देखेंगे.

Ajay Singh Chautala indication of his party entry in Rajasthan
नागौर में तेजाणा के नींव मुहूर्त पर जेजेपी अध्यक्ष चौटाला ने दिए राजस्थान की राजनीति में आने के संकेत
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Published : Jun 10, 2022, 11:44 PM IST

नागौर. जिले के खरनाल में 400 करोड़ की लागत से बनने वाले प्रस्तावित तेजाजी मंदिर (तेजाणा) के नींव का मुहूर्त शुक्रवार को किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरियाणा की जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला (Ajay Singh Chautala in Nagaur) रहे. उन्होंने इस मौके पर कहा कि वे यहीं के रहने वाले हैं. उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत यहीं से हुई. हालांकि यहां से चुनाव लड़ने के सवाल को वे टाल गए.

चौटाला ने राजस्थान की राजनीति में आने की बात पर कहा कि हम तो यहां के रहने वाले लोग हैं. मेरी तो राजनीतिक शुरुआत ही यहीं से हुई (Ajay Singh Chautala indication of his party entry in Rajasthan) है. लेकिन बाद में अपनी बात को समेटते हुए चौटाला ने कहा कि यह राजनीति का स्थान नहीं है. यह समाज का स्थान है. चुनाव लड़ने के सवाल को टालते हुए चौटाला ने कहा कि चुनाव के वक्त देखा जाएगा. आज हम सामाजिक कार्य करने आए हुए हैं. उस कार्य को करते हैं. बता दें कि राजस्थान की राजनीति में आने के लिए चौटाला परिवार पहले भी कोशिश कर चुका है. जिसमें 2003 के विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल का प्रयास ज्यादा सफल नहीं रह था.

अजय चौटाला ने राजस्थान की राजनीति में एंट्री को लेकर क्या संकेत दिए...

पढ़ें: EXCLUSIVE: हरियाणा के बाद राजस्थान में जेजेपी के कदम रखने के अजय चौटाला ने दिए संकेत

इससे पहले 10 जून को इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर पहले कई विरोधाभास रहे. स्थानीय लोगों का मानना था कि तेजाजी किसानों के लोक देवता हैं और आस्था रखते हैं, इसलिए राजस्थान के किसान नेताओं को इसमें बुलाया जाना चाहिए था. लोगों का यह भी मानना था कि अजय चौटाला ने यह तारीख जानबूझकर इसलिए भी चुनी ताकि राजस्थान के सभी विधायक उस दिन राज्यसभा के चुनाव में व्यस्त रहें और चौटाला इसका राजनीतिक लाभ ले सकें.

पढ़ें: दुष्यंत चौटाला का राजस्थान से है यह संबंध, यहीं से जुड़ी हैं इस परिवार की जड़ें

दरअसल चौटाला यहां 400 करोड़ रुपए की लागत से मंदिर बनवाना चाहते हैं. लेकिन जानकार कहते हैं कि इसके पीछे उनका मूल उद्देश्य इसके जरिए राजस्थान की राजनीति में सीधे अपने पैर जमाने की कोशिश करना है. क्योंकि राजस्थान की राजनीति में जाट बड़ा वोट बैंक है. इसे साधने के लिए हर पार्टी अलग-अलग तरह से प्रयास करती है. वर्तमान स्थिति की बात करें तो राजस्थान की जाट राजनीति में हनुमान बेनीवाल सबसे बड़ा नाम हैं. लेकिन जेजेपी ने बेनीवाल के गढ़ में आकर ही इस वोट बैंक में सेंध की लगाने की कोशिश की है. इसमें वो कितने कामयाब हो पाते हैं, यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा.

नागौर. जिले के खरनाल में 400 करोड़ की लागत से बनने वाले प्रस्तावित तेजाजी मंदिर (तेजाणा) के नींव का मुहूर्त शुक्रवार को किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरियाणा की जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला (Ajay Singh Chautala in Nagaur) रहे. उन्होंने इस मौके पर कहा कि वे यहीं के रहने वाले हैं. उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत यहीं से हुई. हालांकि यहां से चुनाव लड़ने के सवाल को वे टाल गए.

चौटाला ने राजस्थान की राजनीति में आने की बात पर कहा कि हम तो यहां के रहने वाले लोग हैं. मेरी तो राजनीतिक शुरुआत ही यहीं से हुई (Ajay Singh Chautala indication of his party entry in Rajasthan) है. लेकिन बाद में अपनी बात को समेटते हुए चौटाला ने कहा कि यह राजनीति का स्थान नहीं है. यह समाज का स्थान है. चुनाव लड़ने के सवाल को टालते हुए चौटाला ने कहा कि चुनाव के वक्त देखा जाएगा. आज हम सामाजिक कार्य करने आए हुए हैं. उस कार्य को करते हैं. बता दें कि राजस्थान की राजनीति में आने के लिए चौटाला परिवार पहले भी कोशिश कर चुका है. जिसमें 2003 के विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल का प्रयास ज्यादा सफल नहीं रह था.

अजय चौटाला ने राजस्थान की राजनीति में एंट्री को लेकर क्या संकेत दिए...

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इससे पहले 10 जून को इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर पहले कई विरोधाभास रहे. स्थानीय लोगों का मानना था कि तेजाजी किसानों के लोक देवता हैं और आस्था रखते हैं, इसलिए राजस्थान के किसान नेताओं को इसमें बुलाया जाना चाहिए था. लोगों का यह भी मानना था कि अजय चौटाला ने यह तारीख जानबूझकर इसलिए भी चुनी ताकि राजस्थान के सभी विधायक उस दिन राज्यसभा के चुनाव में व्यस्त रहें और चौटाला इसका राजनीतिक लाभ ले सकें.

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दरअसल चौटाला यहां 400 करोड़ रुपए की लागत से मंदिर बनवाना चाहते हैं. लेकिन जानकार कहते हैं कि इसके पीछे उनका मूल उद्देश्य इसके जरिए राजस्थान की राजनीति में सीधे अपने पैर जमाने की कोशिश करना है. क्योंकि राजस्थान की राजनीति में जाट बड़ा वोट बैंक है. इसे साधने के लिए हर पार्टी अलग-अलग तरह से प्रयास करती है. वर्तमान स्थिति की बात करें तो राजस्थान की जाट राजनीति में हनुमान बेनीवाल सबसे बड़ा नाम हैं. लेकिन जेजेपी ने बेनीवाल के गढ़ में आकर ही इस वोट बैंक में सेंध की लगाने की कोशिश की है. इसमें वो कितने कामयाब हो पाते हैं, यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा.

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