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कतर में फंसे नागौर और झुंझुनू के 300 लोग, सरकार से लगाई मदद की गुहार - Indian citizens stranded in Qatar

वंदे मातरम मिशन के तहत केंद्र सरकार विदेशों में फंसे भारतीय मूल के नागरिकों को वापस ला रही है. लेकिन खाड़ी देश कतर में फंसे भारतीय नागरिकों की गुहार अभी तक सरकार के कानों तक नहीं पहुंची है. वहां फंसे मजदूरों का कहना है कि उन्हें कंपनी ना तो सही खाना दे रही है और ना ही सैलरी. उन्होंने सांसद हनुमान बेनीवाल और विदेश मंत्री से घर वापसी की गुहार लगाई है.

300 Indian laborers stranded in Qatar, Indian citizens stranded in Qatar
कतर में फंसे हैं राजस्थान के श्रमिक
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Published : Jun 16, 2020, 7:13 PM IST

नागौर. अपना और परिवार का पेट पालने के लिए खाड़ी देश कतर में मजदूरी करने गए कई भारतीय मजदूर लॉकडाउन के कारण वहां फंस गए हैं. इनके साथ कुछ नेपाली मजदूर भी वहां फंसे हुए हैं. एक निजी कंपनी में मजदूरी करने वाले इन मजदूरों में नागौर सहित राजस्थान के भी कई मजदूर हैं.

कतर में फंसे हैं राजस्थान के श्रमिक

जिनका आरोप है कि कंपनी मालिक ने उन्हें कैंप में ही बंद कर दिया है. पिछले तीन महीने से पगार नहीं दी गई है. यहां तक की खाना भी ढंग का नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते करीब 300 मजदूर परेशान हैं. इन मजदूरों का आरोप है कि सीडीसी कंपनी के तीन कैंप में से दो कैंप में रह रहे लोगों को पूरा पैसा और सुविधाएं दी जा रही है.

पढ़ें- सूडान में फंसे ओसियां के व्यापारी की वतन वापसी, ETV Bharat का जताया आभार

लेकिन जिस कैंप में भारतीय मजदूर हैं, जिनकी संख्या करीब 800 के करीब है. इनमें से भी करीब 500 कामगारों को तो पगार, अच्छा खाना और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं. जबकि 300 मजदूरों को तीन महीने से पगार नहीं मिली है और खाना भी ठीक से नहीं मिल रहा है.

पढ़ें- जालोर: चेन्नई से घर लौटे एक ही परिवार के 6 लोग कोरोना पॉजिटिव

मजदूरों का यह भी आरोप है कि उन्हें न तो कोर्ट जाने दिया जा रहा है और न ही स्थानीय पुलिस के पास. यहां तक कि ये लोग कैंप से बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं. इसके चलते भारतीय दूतावास तक भी अपनी बात नहीं पहुंचा पा रहे हैं. खाड़ी देश कतर के दोहा शहर में फंसे इन भारतीय मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सांसद हनुमान बेनीवाल और विदेश मंत्री से उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाने की गुहार लगाई है.

नागौर. अपना और परिवार का पेट पालने के लिए खाड़ी देश कतर में मजदूरी करने गए कई भारतीय मजदूर लॉकडाउन के कारण वहां फंस गए हैं. इनके साथ कुछ नेपाली मजदूर भी वहां फंसे हुए हैं. एक निजी कंपनी में मजदूरी करने वाले इन मजदूरों में नागौर सहित राजस्थान के भी कई मजदूर हैं.

कतर में फंसे हैं राजस्थान के श्रमिक

जिनका आरोप है कि कंपनी मालिक ने उन्हें कैंप में ही बंद कर दिया है. पिछले तीन महीने से पगार नहीं दी गई है. यहां तक की खाना भी ढंग का नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते करीब 300 मजदूर परेशान हैं. इन मजदूरों का आरोप है कि सीडीसी कंपनी के तीन कैंप में से दो कैंप में रह रहे लोगों को पूरा पैसा और सुविधाएं दी जा रही है.

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लेकिन जिस कैंप में भारतीय मजदूर हैं, जिनकी संख्या करीब 800 के करीब है. इनमें से भी करीब 500 कामगारों को तो पगार, अच्छा खाना और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं. जबकि 300 मजदूरों को तीन महीने से पगार नहीं मिली है और खाना भी ठीक से नहीं मिल रहा है.

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मजदूरों का यह भी आरोप है कि उन्हें न तो कोर्ट जाने दिया जा रहा है और न ही स्थानीय पुलिस के पास. यहां तक कि ये लोग कैंप से बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं. इसके चलते भारतीय दूतावास तक भी अपनी बात नहीं पहुंचा पा रहे हैं. खाड़ी देश कतर के दोहा शहर में फंसे इन भारतीय मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सांसद हनुमान बेनीवाल और विदेश मंत्री से उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाने की गुहार लगाई है.

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