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साढ़े सात साल बाद आया वृद्धा की हत्या के मामले में फैसला, तीन आरोपियों को आजीवन कारावास - बुजुर्ग महिला की साल 2016 में हुई हत्या

कुचामन सिटी के रेलवे स्टेशन के रेलवे आउटर के पास पालड़ी गांव निवासी बुजुर्ग महिला की साल 2016 में हुई हत्या के मामले में कोर्ट का फैसला आया है. कोर्ट ने इस मामले में तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

3 murder accused get life imprisonment
वृद्धा की हत्या के मामले में फैसला
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 6, 2023, 7:55 PM IST

कुचामनसिटी. कुचामन सिटी रेलवे स्टेशन के रेलवे आउटर के पास पालड़ी गांव निवासी बुजुर्ग महिला रुक्मणी देवी पत्नी श्रवणराम मेघवाल की साल 2016 में लूट के इरादे से बेरहमी से हुई हत्या के मामले में करीब साढ़े सात साल बाद बुधवार को फैसला आया. कुचामन एडीजे न्यायालय ने इस मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

मामले में सरकार की तरफ से पैरवी करने वाले कुचामन न्यायालय में अपर लोक अभियोजक एडवोकेट दौलत खान ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सीताराम उर्फ कागला, रामस्वरूप उर्फ राधेश्याम और रामनिवास काल्या तीनों ही डिग्गी मालपुरा थाना इलाके के रहने वाले हैं. जिन्हें एडीजे कोर्ट कुचामन ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

पढ़ें: Bharatpur Kumher Violence Case : 31 साल बाद आया फैसला, 9 आरोपियों को आजीवन कारावास, 41 लोग हुए बरी

इस तरह दिया था हत्या की वारदात को अंजाम: एडवोकेट दौलत खान ने बताया कि 8 जुलाई, 2016 को पालड़ी गांव में 70 वर्षीया महिला रुक्मणी देवी पत्नी श्रवणराम मेघवाल सुबह समय करीब 10:30 बजे के आसपास घर से स्वच्छता अभियान कैम्प मंडावरा के लिए घर से निकली थी. मीटिंग समाप्त होने के बाद दोपहर लगभग वापस अपने गांव पालड़ी अकेली पैदल जा रही थी. रास्ते में आरोपियों ने महिला को अकेली देख कर उसका गला दबाकर एवं ओढ़नी की फांसी लगाकर उसकी हत्या कर दी गई थी. उसकी लाश को पास में ही शंकर सिंह पुत्र फतेहसिंह के खेत में डाल दिया गया.

पढ़ें: Dharmendra alias Bulbul murder case: धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल हत्याकांड के चारों आरोपियों को उम्र कैद

हत्यारे उसके पैरों से चांदी की कड़ियां, चूड़िया, गले व कानों में पहने हुए चांदी के जेवर लूटने के साथ उसके पास जो भी नकदी थी, उसे लेकर फरार हो गए. बाद में कुचामन थाना के तात्कालीन पुलिस अधिकारियों ने बुजुर्ग महिला के परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. तीन आरोपियों को मामले में गिरफ्तार किया था. जिसका मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन था.

पढ़ें: नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास, अजमेर की पॉस्को एक्ट कोर्ट ने सुनाई सजा

आरोपियों पर विभिन्न थानों में कई मुकदमे दर्ज: एडवोकेट दौलत खान ने बताया कि आरोपी सीताराम के खिलाफ 302 व अन्य धाराओं में विभिन्न थानों में 9 केस दर्ज हैं. आरोपी रामस्वरूप उर्फ राधेश्याम के खिलाफ विभिन्न थानों में 6 मुकदमे दर्ज हैं. जिनमें से तीन मुकदमे 302 के हैं ओर तीसरे आरोपी रामनिवास उर्फ काल्या के खिलाफ विभिन्न स्थानों में तीन मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से एक मुकदमा 302 का दर्ज है.

कुख्यात मोगिया गैंग के सदस्य है तीनों आरोपी: करीब साढ़े सात साल बाद आए फैसले में न्यायालय ने तीनों आरोपियों को आजीवन उम्र कैद की सजा के साथ ही एक—एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. तीनों आरोपी कुख्यात मोगिया गैंग के सदस्य हैं और इस गैंग के सदस्य ज्यादातर महिलाओं को ही टारगेट करते हैं. लूट के लिए ये बदमाश हत्या करने में भी पीछे नहीं रहते.

कुचामनसिटी. कुचामन सिटी रेलवे स्टेशन के रेलवे आउटर के पास पालड़ी गांव निवासी बुजुर्ग महिला रुक्मणी देवी पत्नी श्रवणराम मेघवाल की साल 2016 में लूट के इरादे से बेरहमी से हुई हत्या के मामले में करीब साढ़े सात साल बाद बुधवार को फैसला आया. कुचामन एडीजे न्यायालय ने इस मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

मामले में सरकार की तरफ से पैरवी करने वाले कुचामन न्यायालय में अपर लोक अभियोजक एडवोकेट दौलत खान ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सीताराम उर्फ कागला, रामस्वरूप उर्फ राधेश्याम और रामनिवास काल्या तीनों ही डिग्गी मालपुरा थाना इलाके के रहने वाले हैं. जिन्हें एडीजे कोर्ट कुचामन ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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इस तरह दिया था हत्या की वारदात को अंजाम: एडवोकेट दौलत खान ने बताया कि 8 जुलाई, 2016 को पालड़ी गांव में 70 वर्षीया महिला रुक्मणी देवी पत्नी श्रवणराम मेघवाल सुबह समय करीब 10:30 बजे के आसपास घर से स्वच्छता अभियान कैम्प मंडावरा के लिए घर से निकली थी. मीटिंग समाप्त होने के बाद दोपहर लगभग वापस अपने गांव पालड़ी अकेली पैदल जा रही थी. रास्ते में आरोपियों ने महिला को अकेली देख कर उसका गला दबाकर एवं ओढ़नी की फांसी लगाकर उसकी हत्या कर दी गई थी. उसकी लाश को पास में ही शंकर सिंह पुत्र फतेहसिंह के खेत में डाल दिया गया.

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हत्यारे उसके पैरों से चांदी की कड़ियां, चूड़िया, गले व कानों में पहने हुए चांदी के जेवर लूटने के साथ उसके पास जो भी नकदी थी, उसे लेकर फरार हो गए. बाद में कुचामन थाना के तात्कालीन पुलिस अधिकारियों ने बुजुर्ग महिला के परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. तीन आरोपियों को मामले में गिरफ्तार किया था. जिसका मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन था.

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आरोपियों पर विभिन्न थानों में कई मुकदमे दर्ज: एडवोकेट दौलत खान ने बताया कि आरोपी सीताराम के खिलाफ 302 व अन्य धाराओं में विभिन्न थानों में 9 केस दर्ज हैं. आरोपी रामस्वरूप उर्फ राधेश्याम के खिलाफ विभिन्न थानों में 6 मुकदमे दर्ज हैं. जिनमें से तीन मुकदमे 302 के हैं ओर तीसरे आरोपी रामनिवास उर्फ काल्या के खिलाफ विभिन्न स्थानों में तीन मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से एक मुकदमा 302 का दर्ज है.

कुख्यात मोगिया गैंग के सदस्य है तीनों आरोपी: करीब साढ़े सात साल बाद आए फैसले में न्यायालय ने तीनों आरोपियों को आजीवन उम्र कैद की सजा के साथ ही एक—एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. तीनों आरोपी कुख्यात मोगिया गैंग के सदस्य हैं और इस गैंग के सदस्य ज्यादातर महिलाओं को ही टारगेट करते हैं. लूट के लिए ये बदमाश हत्या करने में भी पीछे नहीं रहते.

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