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नागौर: 24 राजपूत नेताओं को सांवराद हिंसा में आरोपी बनाने के विरोध में किया प्रदर्शन

सांवराद हिंसा और उपद्रव के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट पेश की है. चार्जशीट में सीबीआई ने राजपूत और रावणा राजपूत समाज के नेताओं के नाम दर्ज किए हैं. सीबीआई ने गैंगस्टर आनंदपाल की बेटी और वकील सहित कुल 24 लोगों को सांवराद हिंसा में आरोपी बनाया है. सीबीआई की तरफ से चार्जशीट पेश करने के बाद एक बार फिर से मामला गर्म हो गया है. राजपूत समाज और रावणा राजपूत समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

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Published : Jul 17, 2020, 10:47 PM IST

Anandpal encounter,  samraad violence,  protest of rajput society
24 राजपूत नेताओं को सांवराद हिंसा में आरोपी बनाने के विरोध में किया प्रदर्शन

मकराना (नागौर). सांवराद हिंसा और उपद्रव के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट पेश की है. चार्जशीट में सीबीआई ने राजपूत और रावणा राजपूत समाज के नेताओं के नाम दर्ज किए हैं. सीबीआई ने गैंगस्टर आनंदपाल की बेटी और वकील सहित कुल 24 लोगों को सांवराद हिंसा में आरोपी बनाया है. सीबीआई की तरफ से चार्जशीट पेश करने के बाद एक बार फिर से मामला गर्म हो गया है. राजपूत समाज और रावणा राजपूत समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. आनंदपाल एनकाउंटर मामले की सीबीआई से जांच करवाये जाने की मांग को लेकर राजपूत समाज और राजपूत करणी सेना की ओर से मकराना उपखण्ड अधिकारी सैय्यद शीराज अली जैदी को राज्यपाल के नाम अलग-अलग ज्ञापन सौंपे गए.

पढ़ें: नागौर: सांवराद हिंसा में CBI की चार्टशीट के विरोध में उतरे राजपूत समाज के लोग

17 जुलाई को राजपूत करणी सेना ने धोखा दिवस के रूप में मनाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. ज्ञापन में लिखा है कि आनन्दपाल एनकाउंटर संदिग्ध परिस्थितियों में हुआ था और तत्कालीन राज्य सरकार प्रतिनिधिमण्डल और सर्व समाज संघर्ष समिति के मध्य 18 जुलाई 2017 को हुए समझौते के तहत एफआईआर संख्या 190/17 और एफआईआर संख्या 238/17 पुलिस थाना अशोक नगर से सम्बन्धित प्रकरणों की जांच सीबीआई से करवाने की सहमति बनी थी. परन्तु तत्कालीन सरकार ने राजनीतिक द्वेषता के कारण समझौते से परे जाकर षडयंत्रपूर्वक राजपूत और रावणा राजपूत समाज के शीर्ष 24 नेताओं को परेशान करने की मंशा से एफआईआर संख्या 115/17 थाना जसवंतगढ़ जिला नागौर की जांच भी CBI से करवाकर झूठी और आधारहीन चार्जशीट पेश की है.

पढ़ें: आनंदपाल प्रकरण : रावणा राजपूत समाज ने की CBI चार्जशीट वापस लेने की मांग...

टोंक के निवाई में भी दिया गया ज्ञापन

राजपूत रावणा, राजपूत संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को राजपूत समाज के नेताओं पर दर्ज मुकदमें वापस लेने की मांग को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र के नाम तहसीलदार प्राजंल कंवर को ज्ञापन सौंपा. राजपूत समाज के लोगों ने कहा कि सरकार और समाज के नेताओं के बीच सीबीआई जांच करवाने का समझौता हुआ था. पंरतु सरकार ने राजनैतिक द्बेषता के कारण उस समझौते को मानने से इनकार कर दिया.

अलवर के मालाखेड़ा में भी हुआ प्रदर्शन

राजपूत रावणा, राजपूत संघर्ष समिति के निर्देश पर 17 जुलाई को धोखा दिवस मनाया गया. इस मौके पर मुंह पर काला मास्क लगाकर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. समिति की ओर से राज्यपाल के नाम मालाखेड़ा तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा गया. जिसमें यह मांग की गई है मुकदमा नंबर 115 साल 2017 थाना जसवंतगढ़ को वापस लिया जाए. 18 जुलाई 2017 को शासन सचिवालय में जो समझौता राजपूत समाज के नेताओं और भाजपा सरकार के बीच हुआ था उसको लागू रखा जाए. साथ ही यह भी मांग की गई की सामाजिक नेताओं को मुकदमे से बाहर किया जाए.

मकराना (नागौर). सांवराद हिंसा और उपद्रव के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट पेश की है. चार्जशीट में सीबीआई ने राजपूत और रावणा राजपूत समाज के नेताओं के नाम दर्ज किए हैं. सीबीआई ने गैंगस्टर आनंदपाल की बेटी और वकील सहित कुल 24 लोगों को सांवराद हिंसा में आरोपी बनाया है. सीबीआई की तरफ से चार्जशीट पेश करने के बाद एक बार फिर से मामला गर्म हो गया है. राजपूत समाज और रावणा राजपूत समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. आनंदपाल एनकाउंटर मामले की सीबीआई से जांच करवाये जाने की मांग को लेकर राजपूत समाज और राजपूत करणी सेना की ओर से मकराना उपखण्ड अधिकारी सैय्यद शीराज अली जैदी को राज्यपाल के नाम अलग-अलग ज्ञापन सौंपे गए.

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17 जुलाई को राजपूत करणी सेना ने धोखा दिवस के रूप में मनाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. ज्ञापन में लिखा है कि आनन्दपाल एनकाउंटर संदिग्ध परिस्थितियों में हुआ था और तत्कालीन राज्य सरकार प्रतिनिधिमण्डल और सर्व समाज संघर्ष समिति के मध्य 18 जुलाई 2017 को हुए समझौते के तहत एफआईआर संख्या 190/17 और एफआईआर संख्या 238/17 पुलिस थाना अशोक नगर से सम्बन्धित प्रकरणों की जांच सीबीआई से करवाने की सहमति बनी थी. परन्तु तत्कालीन सरकार ने राजनीतिक द्वेषता के कारण समझौते से परे जाकर षडयंत्रपूर्वक राजपूत और रावणा राजपूत समाज के शीर्ष 24 नेताओं को परेशान करने की मंशा से एफआईआर संख्या 115/17 थाना जसवंतगढ़ जिला नागौर की जांच भी CBI से करवाकर झूठी और आधारहीन चार्जशीट पेश की है.

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टोंक के निवाई में भी दिया गया ज्ञापन

राजपूत रावणा, राजपूत संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को राजपूत समाज के नेताओं पर दर्ज मुकदमें वापस लेने की मांग को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र के नाम तहसीलदार प्राजंल कंवर को ज्ञापन सौंपा. राजपूत समाज के लोगों ने कहा कि सरकार और समाज के नेताओं के बीच सीबीआई जांच करवाने का समझौता हुआ था. पंरतु सरकार ने राजनैतिक द्बेषता के कारण उस समझौते को मानने से इनकार कर दिया.

अलवर के मालाखेड़ा में भी हुआ प्रदर्शन

राजपूत रावणा, राजपूत संघर्ष समिति के निर्देश पर 17 जुलाई को धोखा दिवस मनाया गया. इस मौके पर मुंह पर काला मास्क लगाकर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. समिति की ओर से राज्यपाल के नाम मालाखेड़ा तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा गया. जिसमें यह मांग की गई है मुकदमा नंबर 115 साल 2017 थाना जसवंतगढ़ को वापस लिया जाए. 18 जुलाई 2017 को शासन सचिवालय में जो समझौता राजपूत समाज के नेताओं और भाजपा सरकार के बीच हुआ था उसको लागू रखा जाए. साथ ही यह भी मांग की गई की सामाजिक नेताओं को मुकदमे से बाहर किया जाए.

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