ETV Bharat / state

कोटा में बाढ़ के चलते 5 हजार से ज्यादा मकानों में घुसा पानी, हाई अलर्ट पर प्रशासन

कोटा में बाढ़ के हालात बन गए हैं. क्षेत्र में हुई बारिश ने और परेशानी बढ़ा दी है तो वहीं शहर के कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. आलम यह है कि बाढ़ का पानी करीब 5 हजार से ज्यादा मकानों में घुस गया है. जिले में सेना एवं एनडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के कार्य में लगी है.

कोटा में बाढ़, flood in kota, water entered houses, मकानों में घुसा पानी
author img

By

Published : Sep 15, 2019, 1:21 PM IST

कोटा. क्षेत्र में बारिश से और परेशानी बढ़ गई है, साथ ही बैराज से सात लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है. जिससे निचले क्षेत्र के पांच हजार से ज्यादा मकान डूब गए हैं. वहीं पूरी रात नगर निगम की रेस्क्यू टीम और एनडीआरएफ ने 5 हजार से ज्यादा लोगों को डूब क्षेत्र से बाहर निकाला. रेस्क्यू टीम द्वारा लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है.

कोटा में 5 हजार घरों में बाढ़ का पानी घुसा

बता दें कि शनिवार देर रात जिला कलेक्टर ने आपात बैठक बुलाई. बैठक में चंबल किनारे बसे लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाने के दिशा-निर्देश दिए गए. साथ ही कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. मध्य प्रदेश के गांधी सागर से लगातार पानी की निकासी से कोटा बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं. वहीं करीब सात लाख क्यूसेक पानी की निकासी से निचली बस्तियों के करीब पांच हजार मकान डूब गए. नगर निगम, एनडीआरएफ द्वारा रात भर लोगों को बाढ़ क्षेत्र से निकाल कर सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है.

यह भी पढ़ें. किसानों पर कहर बनकर बरस रहे बादल, खेत हुए दरिया में तब्दील

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में लगातार वर्षा के कारण गांधी सागर बांध में पानी की आवक बनी हुई है. गांधी सागर में 16 लाख क्यूसेक पानी की आवक हुई. जिससे गांधी सागर से लेकर कोटा बैराज तक हाई अलर्ट घोषित किया गया है. साथ ही कलेक्टर ने एहतियात के तौर पर चंबल किनारे बसी आबादी को प्रभावित एरिया से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश दिए हैं. वहीं जिला कलेक्टर ने आम लोगों से भी अपील की है कि चंबल में लगातार पानी की अधिक आवक को देखते हुए सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.

यह भी पढ़ें. स्पेशल रिपोर्टः यहां जान जोखिम में डाल शव को कंधे पर रखकर उफनती नदी को किया पार

साथ ही प्रशासन द्वारा बनाया गया आश्रय स्थल पर पहुंचे. प्रशासन ने आश्रय स्थल पर भोजन आवास एवं मूलभूत सुविधाएं की व्यवस्था की है. कलेक्टर ने बताया कि जिले में सेना और एनडीआरएफ की टीम पहुंच चुकी है. वहीं पेयजल आपूर्ति को सुचारू बनाये रखने के भी जलदाय विभाग को निर्देश दिए गए हैं.

कोटा. क्षेत्र में बारिश से और परेशानी बढ़ गई है, साथ ही बैराज से सात लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है. जिससे निचले क्षेत्र के पांच हजार से ज्यादा मकान डूब गए हैं. वहीं पूरी रात नगर निगम की रेस्क्यू टीम और एनडीआरएफ ने 5 हजार से ज्यादा लोगों को डूब क्षेत्र से बाहर निकाला. रेस्क्यू टीम द्वारा लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है.

कोटा में 5 हजार घरों में बाढ़ का पानी घुसा

बता दें कि शनिवार देर रात जिला कलेक्टर ने आपात बैठक बुलाई. बैठक में चंबल किनारे बसे लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाने के दिशा-निर्देश दिए गए. साथ ही कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. मध्य प्रदेश के गांधी सागर से लगातार पानी की निकासी से कोटा बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं. वहीं करीब सात लाख क्यूसेक पानी की निकासी से निचली बस्तियों के करीब पांच हजार मकान डूब गए. नगर निगम, एनडीआरएफ द्वारा रात भर लोगों को बाढ़ क्षेत्र से निकाल कर सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है.

यह भी पढ़ें. किसानों पर कहर बनकर बरस रहे बादल, खेत हुए दरिया में तब्दील

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में लगातार वर्षा के कारण गांधी सागर बांध में पानी की आवक बनी हुई है. गांधी सागर में 16 लाख क्यूसेक पानी की आवक हुई. जिससे गांधी सागर से लेकर कोटा बैराज तक हाई अलर्ट घोषित किया गया है. साथ ही कलेक्टर ने एहतियात के तौर पर चंबल किनारे बसी आबादी को प्रभावित एरिया से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश दिए हैं. वहीं जिला कलेक्टर ने आम लोगों से भी अपील की है कि चंबल में लगातार पानी की अधिक आवक को देखते हुए सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.

यह भी पढ़ें. स्पेशल रिपोर्टः यहां जान जोखिम में डाल शव को कंधे पर रखकर उफनती नदी को किया पार

साथ ही प्रशासन द्वारा बनाया गया आश्रय स्थल पर पहुंचे. प्रशासन ने आश्रय स्थल पर भोजन आवास एवं मूलभूत सुविधाएं की व्यवस्था की है. कलेक्टर ने बताया कि जिले में सेना और एनडीआरएफ की टीम पहुंच चुकी है. वहीं पेयजल आपूर्ति को सुचारू बनाये रखने के भी जलदाय विभाग को निर्देश दिए गए हैं.

Intro:कोटा में बाढ़ के हालात
कोटा में हुई बारिश से और परेशानी बढ़ी
बैराज से छोड़ा जा रहा 6 लाख 78 हजार क्यूसेक पानी
कोटा शहर के कई इलाकों में चम्बल ने मचाया कहर
देर रात 2 बजे तक कलेक्टर ने ली मीटिंग
हाईअलर्ट पर रखा प्रशासन को
बाढ़ के चलते 5 हजार से ज्यादा मकानों में घुसा पानी
नयापुरा पुराने बस स्टैंड ओर भी पानी आया

कोटा में बाढ़ के हालात बन गए है।इधर चम्बल नदी ने कई इलाकों में कहर मचाया हुआ है।बैराज से सात लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।जिससे निचले क्षेत्र के पांच हजार से ज्यादा मकान डूब गए हैं।वही पूरी रात नगर निगम की रेस्क्यू टीम, एसडीआरएफ व आरएसी ने पांच हजार से ज्यादा लोगो को डूब क्षेत्र से बाहर निकाल कर सुरक्षित जगह पहुचाया जा रहा है।देर रात कलेक्टर ने आपात बैठक बुला कर चम्बल किनारे बसे लोगो को सुरक्षित जगह पहुचाने के दिशा निर्देश दिए।और इलाको में रेड अलर्ट जारी किया।
Body:मध्य प्रदेश के गांधी सागर से लगातार पानी की निकासी से कोटा बैराज के सभी गेट खोल कर करीब सात लाख क्यूसेक पानी की निकासी से निचली बस्तियों के करीब पांच हजार मकान डूब गए।वही नगर निगम, एसडीआरएफओर आर ए सी बटालियन रात भर लोगो को बाढ़ क्षेत्र से निकाल कर सुरक्षित जगह पहुचाया जा रहा है।जिला कलेक्टर में शनिवार देर रात चंबल किनारे बसी आबादी क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित कॉलोनियों का निरीक्षण कर अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई तथा अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में लगातार वर्षा के कारण गांधी सागर बांध में पानी की आवक बनी हुई है। सूचना के अनुसार गांधी सागर में 16 लाख क्यूसेक पानी की आवक बनी रहने से गांधी सागर से लेकर कोटा बैराज तक हाई अलर्ट घोषित किया गया है। उन्होंने एतियात के तौर पर चंबल किनारे बसी आबादी को 7:30 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से प्रभावित एरिया से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश दिए हैं।
Conclusion:जिला कलेक्टर ने आम लोगों से भी अपील की है कि चम्बल में लगातार पानी की अधिक आवक को देखते हुए सुरक्षित स्थान पर चले जाएं तथा प्रशासन द्वारा बनाया गया आश्रय स्थल पर पहुंचे। प्रशासन ने यहां पर भोजन आवास एवं मूलभूत सुविधाएं की व्यवस्था की है। उन्होंने बताया कि जिले में सेना एवं एनडीआरएफ की टीम पहुंच चुकी है। वही पेयजलापूर्ति को सुचारू बनाये रखने के भी जलदाय विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.