कोटा. क्षेत्र में बारिश से और परेशानी बढ़ गई है, साथ ही बैराज से सात लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है. जिससे निचले क्षेत्र के पांच हजार से ज्यादा मकान डूब गए हैं. वहीं पूरी रात नगर निगम की रेस्क्यू टीम और एनडीआरएफ ने 5 हजार से ज्यादा लोगों को डूब क्षेत्र से बाहर निकाला. रेस्क्यू टीम द्वारा लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है.
बता दें कि शनिवार देर रात जिला कलेक्टर ने आपात बैठक बुलाई. बैठक में चंबल किनारे बसे लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाने के दिशा-निर्देश दिए गए. साथ ही कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. मध्य प्रदेश के गांधी सागर से लगातार पानी की निकासी से कोटा बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं. वहीं करीब सात लाख क्यूसेक पानी की निकासी से निचली बस्तियों के करीब पांच हजार मकान डूब गए. नगर निगम, एनडीआरएफ द्वारा रात भर लोगों को बाढ़ क्षेत्र से निकाल कर सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है.
यह भी पढ़ें. किसानों पर कहर बनकर बरस रहे बादल, खेत हुए दरिया में तब्दील
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में लगातार वर्षा के कारण गांधी सागर बांध में पानी की आवक बनी हुई है. गांधी सागर में 16 लाख क्यूसेक पानी की आवक हुई. जिससे गांधी सागर से लेकर कोटा बैराज तक हाई अलर्ट घोषित किया गया है. साथ ही कलेक्टर ने एहतियात के तौर पर चंबल किनारे बसी आबादी को प्रभावित एरिया से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के निर्देश दिए हैं. वहीं जिला कलेक्टर ने आम लोगों से भी अपील की है कि चंबल में लगातार पानी की अधिक आवक को देखते हुए सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.
यह भी पढ़ें. स्पेशल रिपोर्टः यहां जान जोखिम में डाल शव को कंधे पर रखकर उफनती नदी को किया पार
साथ ही प्रशासन द्वारा बनाया गया आश्रय स्थल पर पहुंचे. प्रशासन ने आश्रय स्थल पर भोजन आवास एवं मूलभूत सुविधाएं की व्यवस्था की है. कलेक्टर ने बताया कि जिले में सेना और एनडीआरएफ की टीम पहुंच चुकी है. वहीं पेयजल आपूर्ति को सुचारू बनाये रखने के भी जलदाय विभाग को निर्देश दिए गए हैं.