कोटा. मानसून की पहली बारिश के बाद हाड़ौती संभाग में खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो जाएगी. किसानों ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी है. इस बार कृषि विभाग के अनुसार उड़द की फसल ज्यादा भूमि पर की जाएगी. बीते साल के मुताबिक 43 फीसदी ज्यादा कृषि भूमि पर इसका उत्पादन किया जाएगा.
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रामावतार शर्मा ने बताया कि बीते साल जहां एक लाख 90 हजार हेक्टेयर में ही उड़द की फसल को उत्पादित किया गया था. इस बार उसका लक्ष्य 2 लाख 71 हजार हेक्टेयर में फसल को उत्पादित किया जाएगा. ऐसे में करीब 80 हजार हेक्टेयर फसल का ज्यादा उत्पादन होगा. जबकि मक्का की फसल में इस बार किसानों की कम रुचि नजर आ रही है.
पिछली बार जहां एक लाख 20 हजार हेक्टेयर में फसल की गई थी. इस बार मक्का की बुवाई करीब 90 हजार हेक्टेयर में की जाएगी. निदेशक शर्मा का कहना है कि उड़द के दाम इस बार अच्छे रहे हैं. इसके चलते किसानों की इसमें रुचि बढ़ी है.
58 फीसदी सोयाबीन की होगी खेती
हाड़ौती में प्रदेश की सबसे ज्यादा सोयाबीन उत्पादित की जाती है. इस बार खरीफ की फसल में करीब 58 फीसदी हिस्सेदारी सोयाबीन की रहेगी. पिछले साल जहां 7 लाख 17 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल उत्पादित की गई थी. वहीं, इस बार यह रकबा 1000 हेक्टेयर बढ़कर 7 लाख 18 हजार हेक्टेयर होगा.
चावल की फसल का लक्ष्य
कृषि विभाग निदेशक राम अवतार शर्मा ने बताया कि इस बार धान की फसल भी हाड़ौती के चारों जिलों में 115000 हेक्टेयर में उत्पादित करने का लक्ष्य है.
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रकबा इस बार बढ़ेगा 60 हजार हेक्टेयर में
खरीफ की फसल में वर्ष-2020 के दौरान 11 लाख 79 हजार हेक्टेयर में ही की गई थी, लेकिन इस बार कृषि विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि 12 लाख 40 हजार हेक्टेयर में खरीफ की फसल बोई जाएगी. यह पिछले साल से करीब 60 हजार हेक्टेयर ज्यादा है. जिनमें प्रमुख रूप से सोयाबीन, उड़द, चावल और मक्का शामिल है. इसके अलावा तिल 8000, ज्वार 4000, बाजरा 200 हेक्टेयर, मूंगफली 2000, गन्ना 330 और अरहर 190 हेक्टेयर में ही उत्पादित की जाएगी. इनके अलावा अन्य फसलें 30000 हेक्टेयर में होगी.