कोटा. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. इसी माह की 22 तारीख को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, जिसके मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. इसको लेकर पूरे देश भर में तैयारी चल रही है. पूरे देश भर में राम मंदिर के निर्माण को लेकर धूम है और कई संगठन इसके लिए घर-घर जाकर न्योता भी दे रहे हैं. साथ ही लोगों में मंदिर को लेकर खासा उत्साह है. इसके चलते ही देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग राम मंदिर को लेकर कुछ न कुछ कर रहे हैं. ऐसे में कोटा में राम मंदिर की रेप्लिका तैयार कर लोगों को बतौर मोमेंटो भेंट की जा रही है और यह कार्य कोटा में फर्नीचर का व्यवसाय करने वाले दो भाइयों ने शुरू किया है. बीते चार माह में करीब 125 से ज्यादा मोमेंटो बनाकर ये दोनों भाई लोगों को दे चुके हैं. सबसे खास बात यह है कि रेप्लिका बिल्कुल राम मंदिर की तरह है, जिसे लोग पसंद कर रहे हैं और अब इसकी लगातार डिमांड भी बढ़ रही है.
राम मंदिर की 3D रेप्लिका : शहर के छावनी इलाके के फर्नीचर व्यवसायी व प्रोडक्ट डिजाइनर हार्दिक पटेल ने करीब 5 माह पहले यह सोचा था कि जब अयोध्या में रामलला विराजमान हो रहे हैं तो वो भी कुछ इसके लिए बना सकते हैं. ऐसे में उन्होंने राम मंदिर की रेप्लिका तैयार करने का काम शुरू किया. इसके 3D डिजाइन को तैयार करने में उन्हें एक महीने का समय लगा. इसके बाद उन्होंने इस 3D डिजाइन का इंजीनियर वुड पर मशीन के जरिए इंग्रेव करवाया, जिसमें करीब 500 से ज्यादा टुकड़ों में यह निकले और फिर इसके बाद इन्हें जोड़ मंदिर की रेप्लिका बनाई गई है.
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परंपरागत नागर शैली में तैयार की रेप्लिका : हर्ष पटेल का कहना है कि जिस तरह से परंपरागत नागर शैली में राम मंदिर का निर्माण किया गया है, ठीक उसी तरह से रेप्लिका को भी बनाया गया है. इस प्रतिकृति में भी तीन मंजिल का मंदिर है. इसके साथ ही सबसे खास बात है कि जिस तरह से राम मंदिर में 392 खम्भे लगाए गए हैं, वैसे ही इस प्रतिकृति में भी दिए गए हैं. हर्ष पटेल ने बताया कि राम मंदिर का निर्माण करीब 95 हजार स्क्वायर फीट में हो रहा है, लेकिन उन्होंने जो रेप्लिका बनाई है, वो छोटी है और इसका साइज 11 गुणा 9 इंच है. साथ ही यह पूरी तरह से 3D है. वहीं, जिस तरह से राम मंदिर वहां जाने वाले लोगों को नजर आएगा, वैसा ही इस 3D में तैयार की गई रेप्लिका में नजर आ रहा है.
एक रेप्लिका के निर्माण में लगते हैं 7 से 8 घंटे : व्यवसायी हार्दिक ने बताया कि वो करीब एक महीने की कड़ी मेहनत के बाद इसका 3D डिजाइन बनाए. उसके बाद इसकी इंग्रेव (प्रिंट) इंजीनियरिंग कराई और फिर हजारों टुकड़ों को जोड़कर राम मंदिर की प्रतिकृति को तैयार किया गया. उन्होंने बताया कि इसे बनाने में करीब चार से पांच लोगों के लगने पर 5 घंटे का समय लगता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसके टुकड़ों को जोड़ने में काफी वक्त लगता है. उनका कहना है कि मशीन से इंग्रेव करने में भी एक से दो घंटे लग जाते हैं. इसके बाद इसे तैयार करने में 4 से 5 घंटे लगते है.
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उपराष्ट्रपति धनखड़ और स्पीकर बिरला ने की तारीफ : व्यवसायी हर्ष पटेल ने कहा कि वो अब तक 125 से ज्यादा मोमेंटो तैयार कर चुके हैं. उनकी ज्यादातर डिमांड गुजरात, महाराष्ट्र, मुंबई, दिल्ली, यूपी, एमपी और राजस्थान से आ रही है. साथ ही उनका कहना है कि कोटा दौरे पर आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित कई नेताओं को वो राम मंदिर की रेप्लिका सौंप चुके हैं. उपराष्ट्रपति धनखड़ और स्पीकर बिरला ने उनके कार्यों की सराहना भी की थी.
अब छोटी साइज की रेप्लिका की मांग : हर्ष पटेल कहना है कि इसकी भी काफी डिमांड होने लगी है और उनके पास अभी भी कई पेंडिंग आर्डर हैं. जिनको वो पूरा करने में लगे हुए हैं. साथ ही उनका कहना है कि ज्यादातर लोग छोटी साइज में भी इसकी मांग रहे हैं. ऐसे में हम अब छोटी साइज का भी 3D डिजाइन तैयार कर रहे हैं, ताकि उसे भी लोगों को उपलब्ध कराया जा सके. इसको बनाने में करीब 3000 से लेकर 3500 रुपए के बीच लागत आ रही है. स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन कोटा के कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को इसे भेंट किया गया था, जिसके बाद लोगों की नजर इस पर पड़ी थी. ऐसे में बीते 4 माह में वो 125 से ज्यादा राम मंदिर की प्रतिकृति बना चुके हैं.