कोटा. हर सब्जी में उपयोग होने वाले टमाटर के दाम में काफी उछाल हुआ है. इसके दाम ने रसोई के पूरे बजट को ही बिगाड़ दिया है. टमाटर 120 रुपए प्रति किलो के आसपास हैं. उसके बावजूद भी अच्छी क्वालिटी के टमाटर नहीं मिल रहे हैं. टमाटर के दामों में उछाल डिमांड और सप्लाई में अंतर के चलते आई है. हालात ये है कि कई फलों से भी महंगे दाम पर टमाटर बिक रहा है. लोगों ने टमाटर को जहां पर पहले 2 से 3 किलो खरीदते थे अब उसे 250 से लेकर 500 ग्राम तक ही खरीद रहे हैं. सब्जियों में भी टमाटर का सीमित यूज किया जाने लगा है. हालांकि शहर की अलग-अलग सब्जी मंडियों में टमाटर के दाम अलग-अलग हैं. वहीं महावीर नगर, दादाबाड़ी, विज्ञान नगर, तलवंडी, स्टेशन और कुन्हाड़ी की सब्जी मंडी में टमाटर के दाम 100 से 120 के बीच है. जबकि अन्य मंडियों में 100 के आसपास टमाटर मिल रहा है.
कम कर दिया है टमाटर का उपयोग : जय श्री विहार इलाके की रहने वाली संगीता जैन का कहना है कि टमाटर के दाम काफी ज्यादा हैं. इसलिए टमाटर का यूज कम कर रही हैं. इसी वजह से वो टमाटर थोड़ी मात्रा में खरीद रही हैं. उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिनों में टमाटर के दाम में कमी आएगी. फिलहाल वो ऐसी सब्जियों को ज्यादा तवज्जो दे रही हैं. जिनमें टमाटर का यूज कम होता है या होता ही नहीं है. उनका कहना है कि अधिकांश लोग फिलहाल यहीं फंडा अपना रहे हैं.
सलाद से गायब हुआ टमाटर : टमाटर महंगे होने की वजह से अब सलाद से टमाटर गायब हो गया है. लोग सलाद में प्याज, खीरा, चुकंदर और गाजर का उपयोग कर रहे हैं परंतु टमाटर से दूरी बनाए हुए हैं. टमाटर के दाम 120 रुपए प्रति किलो है. जबकि खीरा 30 से 40, प्याज 15 से 25, चुकंदर व गाजर 40 से 50 रुपए किलो बिक रही है. दूसरी तरफ होटल और रेस्टोरेंट में भी टमाटर के दाम बढ़ने का असर दिखने लगा है. वहां भी सलाद में इसे कम ही उपयोग किया जा रहा है. कोटा में बड़ी संख्या में मेस संचालित होते हैं, जिनमें कोचिंग के विद्यार्थी खाना खाते हैं. राजीव गांधी नगर में मैस संचालित करने वाले हरीश माखीजा का कहना है कि टमाटर महंगा हो गया है परंतु टमाटर के बिना गुजारा संभव नहीं है इसलिए इसका यूज कम कर दिया है.
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लोकल टमाटर की नहीं हो रही है आवक : सब्जी मंडी के व्यापारी शंभू दयाल का कहना है कि स्थानीय स्तर पर टमाटर की आवक कम हो गई है. बीच में गर्मी के समय बारिश होने से टमाटर की फसल को थोड़ा नुकसान भी हुआ था. जिसके चलते स्थानीय स्तर पर टमाटर की अनुपलब्धता हो रही है. ज्यादा टमाटर बूंदी जिले से ही हाड़ौती की मंडियों में सप्लाई होता है अब इसके चलते दाम बढ़ गए हैं. बाहर से टमाटर आवक होने की वजह से दाम ज्यादा हो गई है. आने वाले कुछ दिनों में टमाटर की आवक बढ़ेगी तभी दाम में कमी आएगी. उनका कहना है कि आमतौर पर थोक मंडी में टमाटर का भाव 10 से 15 रुपए किलो रहता था, लेकिन वर्तमान में यह भाव 65 से 85 के आसपास पहुंच गया है. इसी के चलते रिटेल मंडियों में टमाटर के दाम काफी बढ़ गए हैं.
गर्मी के चलते भी आवक हुई कम : थोक व्यापारी कैलाश मीणा का कहना है कि टमाटर वर्तमान में 1 या 2 दिन में खराब भी हो रहा है, क्योंकि गर्मी की वजह से ज्यादा समय चल नहीं पा रहा है. साथ ही आवक भी मंडी में कम हो गई है. इसी के चलते डिमांड और सप्लाई में अंतर बना हुआ है. जिसके चलते दाम काफी बढ़ गए हैं. यहां तक कि आम 40 से 50, केला 30 से 40, जामुन 40 से 60 और पपीता 30 से 40 रुपए प्रति किलो मिल रहा है. जबकि टमाटर के दाम सौ के पार है.