कोटा. मुकुंदरा हिल्स टाइगर (एमएचटीआर) ठीक से आबाद होने के पहले ही दो बार झटके खा चुका है. पहले भी यहां बाघ और बाघिनों की मौत होती रही है. यह दूसरा मौका है, जब पूरे रिजर्व में केवल एक टाइगर बचा है. इससे पहले 2020 में लगातार हुई बाघ और बाघिनों की मौत के बाद केवल एमटी-4 ही बची थी. इसके बाद मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में रणथंभौर से 2022 में बाघ लाकर छोड़ा गया था. जिसे एमटी-5 नाम दिया गया था. अब एमटी-4 बाघिन की मौत के बाद अकेला बाघ एमटी-5 ही बचा है. वहीं, बीते 3 साल में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एक बाघ, दो बाघिन और दो शावकों की मौत हो चुकी है तो एक बाघ और शावक पिछले 3 साल से लापता हैं.
विफल हुए प्रयास : साल 2014 में दरा अभ्यारण को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में तब्दील किया गया. जिसके बाद इसे पूरी तरह से फैंस करके बनाया गया था. मुकुंदरा को आबाद करने के लिए रणथंभौर टाइगर रिजर्व ने भी मदद की. वहां से 2019 में पहले टाइगर को शिफ्ट किया. यह बाघ बूंदी के तत्कालीन रामगढ़ विषधारी सेंचुरी और वर्तमान के टाइगर रिजर्व में घूम रहा था. हालांकि, कुछ समय बाद यहां दो बाघिन को लाया गया. इसके बाद रणथंभौर से एक और टाइगर आया. ये चंबल नदी की कलाइयों के सहारे सुल्तानपुर, दीगोद और कालीसिंध से होता हुआ यहां आया था. ऐसे में मुकुंदरा में बाघ और बाघिन के दो जोड़े बन गए. जिन्हें शिनाख्त के लिए एमटी 1 से एमटी 4 नाम दिए गए. जिनमें एमटी-2 बाघिन ने दो शावकों को जन्म दिया.
वहीं, दूसरी बाघिन एमटी-4 के साथ कैमरा ट्रैप में एक शावक नजर आया था. यहां पर बाघों की संख्या बढ़कर सात हो गई थी, लेकिन अचानक से बाघों की मौत होने लगी और एक बाघ और शावक यहां से लापता हो गए. एक बाघिन लाइटनिंग यानी एमटी-4 यहां पर थी. जिसके बाद एक बाघ टी-110 को फिर साल 2022 में रणथंभौर से शिफ्ट किया गया. जिसे एमटी-5 नाम दिया गया. अब एमटी-4 की मौत के बाद एमटी-5 अकेला बचा है.
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टाइग्रेस लाइटनिंग थी गर्भवती : बाघिन एमटी-4 के पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ है कि वो गर्भवती थी. साथ ही उसके गर्भ में तीन बच्चे थे. ऐसे में इस बाघिन के 3 गर्भस्थ शावकों की भी मौत हो गई. ऐसा माना जा रहा है कि अगर कुछ दिन और वो स्वस्थ रहती तो मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को खुशखबरी मिल सकती थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, बाघिन की मौत बच्चेदानी फटने से हुई है. हालांकि, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व प्रबंधन इससे इनकार कर रहा है. रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर व सीसीएफ शारदा प्रसाद सिंह ने बताया कि मृत बाघिन कॉन्स्टिपेशन यानी कब्ज से पीड़ित थी. बाघिन के आंतों में ब्लॉकेज और गर्भाशय में रैप्चर होने के चलते शॉक में आकर उसकी मौत हो गई. साथ ही उन्होंने बताया कि उसका मलाशय एकदम से बाहर निकल गया था. इसके अलावा उसकी पेट में मल के 5 टुकड़े भी मिले हैं. ये पत्थर के बराबर ठोस और प्रत्येक टुकड़ा 6 इंच का है.
हालांकि, पीएम रिपोर्ट के अनुसार एक शावक बच्चेदानी फटने से पेट में ही सड़ गया था. साथ ही बच्चेदानी का पानी भी पूरे पेट में भर गया था. वहीं, दूसरा शावक यूट्रस में फंसा हुआ था और आधा सड़ चुका था. इसके अलावा एक अन्य बच्चेदानी के दूसरे भाग में मौजूद था. बीते दिनों एमटी-4 में एक बेल का शिकार किया था. ऐसे में हो सकता है. उसके शिकार के दौरान चोट लग गई हो, जिसके कारण उसकी बच्चेदानी फट गई हो. इसी के चलते बाघिन का मूवमेंट नहीं हो पा रहा था.
तीन बार बनी थी मां : टाइग्रेस एमटी-4 की उम्र करीब 5 साल थी. वह रणथंभौर की बाघिन कृष्णा और बाघ स्टारमेल की बेटी थी. एक बार रणथंभौर और दो बार मुकुंदरा में वो गर्भवती भी हुई. रणथंभौर में बाघ टी-95 के साथ नजर आई थी. साथ ही दो शावकों को भी जन्म दिया था, लेकिन उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद उसे मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया था. उसने बाद में एमटी-4 के साथ रहते हुए शावकों को जन्म दिया था. हालांकि, मुकुंदरा में 2020 के दौरान हुए बाघ-बाघिन और शावक की मौत के बाद उसके बच्चे नजर नहीं आए थे. पिछले साल एमटी-5 को रणथंभौर शिफ्ट कर दिया गया था. जहां पर एमटी-4 के साथ उसने जोड़ी बनाई थी. इसके बाद ही वो गर्भवती हुई थी और उसके गर्भ में ही शावकों की भी मौत हो गई.