कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (RTU) में छात्राओं से पास करने की एवज में अस्मत मांगने का मामला सामने आया था. इस मामले में इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और एक स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिनको दो बार पुलिस रिमांड पर भी 3 -3 दिन के लिए भेजा गया था. इस मामले में एक अन्य छात्रा ईशा यादव की संलिप्तता भी सामने आई थी और जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
बुधवार को तीनों को एक साथ पेश किया गया. जिसके बाद उन्हें 10 जनवरी तक जेल भेज दिया गया (Three accused of RTU case sent to jail till Jan 10) है. इस मामले में पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों के खिलाफ अन्य सबूत एकत्रित किए जाएंगे. साथ ही कई दस्तावेज इस मामले में जब्त किए गए हैं. इनमें से कुछ दस्तावेजों को मिलान के लिए एफएसएल जांच के लिए भी भेजा जाएगा. आरोपी ईशा यादव बीटेक फोर्थ ईयर की छात्रा है. साथ ही गिरीश परमार के कोकस में शामिल रही.
विशेष लोक अभियोजक हितेश जैन का कहना है कि ईशा यादव की भूमिका भी अन्य छात्र-छात्राओं की पुस्तिका जांच, पेपर सेट और उनके नंबरों में हेरफेर करने के मामले में सामने आई है. इसके अलावा ऑडियो में भी वह कई छात्राओं को गिरीश परमार के लिए तैयार करने और उनसे बातचीत करने में मध्यस्थता की भूमिका निभा रही थी. इसके साथ ही वह कई छात्राओं पर परमार के साथ संबंध बनाने के लिए दबाव डालती थी. यही आरोप अर्पित अग्रवाल पर भी लगे हैं.
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ऐसे में गिरीश परमार, अर्पित अग्रवाल और ईशा यादव के वाइस सैंपल लिए जाएंगे. इन सैंपल की भी एफएसएल जांच होगी. आपको बता दें कि 21 दिसंबर को एक छात्रा ने एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और अर्पित जैन के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. जिसमें पास करने की एवज में रिश्वत मांगी गई थी. जिसके बाद ही दोनों को 22 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया था और उसके बाद लगातार में पुलिस रिमांड में चल रहे थे. जिसमें पुलिस ने कई खुलासे पुलिस ने किए हैं.