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अस्पताल में अचानक ठेका कर्मियों ने की हड़ताल, उपचार के अभाव में मरीज की मौत

कोटा में  उपचार में देरी के कारण किसान की मौत का मामला सामने आया है. वहीं मृतक  के बेटे ने बताया कि  चिकित्सक उपचार के लिए पर्ची मांग रहे थे, लेकिन अस्पताल में हड़ताल के चलते उसे पर्ची नहीं मिली. जिसके बाद उन्हें निजी अस्पताल ले जा रहे थे, तो पुलिस कार्मिकों ने भी उन्हें ले जाने से रोका.

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Published : Jul 12, 2019, 2:51 PM IST

Updated : Jul 12, 2019, 3:49 PM IST

उपचार के अभाव में मरीज की मौत

कोटा. एमबीएस अस्पताल में शुक्रवार को अचानक संविदा कार्मिकों ने हड़ताल कर दी. इस हड़ताल के चलते उपचार करवाने आए एक मरीज की मौत हो गई है. इलाज करवाने आए परिजनों का कहना है कि हड़ताल के चलते वह पर्ची भी नहीं कटवा पाए. इसके अभाव में उन्हें इलाज नहीं मिला जब भी निजी अस्पताल ले जा रहे थे. तभी पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोककर समय खराब किया इसी के चलते उनकी मौत हुई है.

उपचार के अभाव में मरीज की मौत

वहीं कैथून थाना क्षेत्र के मोरपा गांव के निवासी विद्यासागर मीणा ने बताया कि उनके पिता दयाराम मीणा खाना खाकर अपने खेत पर गए थे. किसी ने उन्हें सूचना दी कि उनके पिता खेत में गिरे हुए हैं. ऐसे में वह तुरंत खेत पर पहुंचे और पिता को लेकर एमबीएस अस्पताल लाए. जहां पर हड़ताल हो रही थी और चिकित्सक ने पर्ची मांगी, लेकिन पर्ची कटवाने में टाइम लग रहा था. ऐसे में वह पिता को लेकर निजी अस्पताल ले जाने लगे, तब पुलिस ने उन्हें ले जाने से रोका. इस दौरान भी उनका कुछ समय खराब हुआ.

हालांकि वे जिद्द कर कर अपने पिता को निजी अस्पताल ले गए. जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मृतक किसान दयाराम के बेटे विद्यासागर का आरोप है कि हड़ताल के चलते समय पर उन्हें पर्ची नहीं मिली, इस कारण उनके पिता को एमबीएस अस्पताल में उपचार नहीं मिला. इसलिए कारण उनकी मौत हुई है.

आपको बता दें कि एमबीएस अस्पताल के संविदा कार्मिक पिछले कई समय से लेकर हड़ताल कर रहे हैं. आज भी उन्होंने अचानक मानदेय पूरा नहीं मिलने और पीएफ जमा नहीं होने को लेकर हड़ताल कर दी थी. इसी के चलते मरीज के परिजन को समय से पर्ची नहीं मिली.

कोटा. एमबीएस अस्पताल में शुक्रवार को अचानक संविदा कार्मिकों ने हड़ताल कर दी. इस हड़ताल के चलते उपचार करवाने आए एक मरीज की मौत हो गई है. इलाज करवाने आए परिजनों का कहना है कि हड़ताल के चलते वह पर्ची भी नहीं कटवा पाए. इसके अभाव में उन्हें इलाज नहीं मिला जब भी निजी अस्पताल ले जा रहे थे. तभी पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोककर समय खराब किया इसी के चलते उनकी मौत हुई है.

उपचार के अभाव में मरीज की मौत

वहीं कैथून थाना क्षेत्र के मोरपा गांव के निवासी विद्यासागर मीणा ने बताया कि उनके पिता दयाराम मीणा खाना खाकर अपने खेत पर गए थे. किसी ने उन्हें सूचना दी कि उनके पिता खेत में गिरे हुए हैं. ऐसे में वह तुरंत खेत पर पहुंचे और पिता को लेकर एमबीएस अस्पताल लाए. जहां पर हड़ताल हो रही थी और चिकित्सक ने पर्ची मांगी, लेकिन पर्ची कटवाने में टाइम लग रहा था. ऐसे में वह पिता को लेकर निजी अस्पताल ले जाने लगे, तब पुलिस ने उन्हें ले जाने से रोका. इस दौरान भी उनका कुछ समय खराब हुआ.

हालांकि वे जिद्द कर कर अपने पिता को निजी अस्पताल ले गए. जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मृतक किसान दयाराम के बेटे विद्यासागर का आरोप है कि हड़ताल के चलते समय पर उन्हें पर्ची नहीं मिली, इस कारण उनके पिता को एमबीएस अस्पताल में उपचार नहीं मिला. इसलिए कारण उनकी मौत हुई है.

आपको बता दें कि एमबीएस अस्पताल के संविदा कार्मिक पिछले कई समय से लेकर हड़ताल कर रहे हैं. आज भी उन्होंने अचानक मानदेय पूरा नहीं मिलने और पीएफ जमा नहीं होने को लेकर हड़ताल कर दी थी. इसी के चलते मरीज के परिजन को समय से पर्ची नहीं मिली.

Intro:रोहतक के बेटे ने आरोप लगाया है कि उपचार में देरी के कारण उसके पिता की मौत हुई है. अस्पताल में हड़ताल के चलते उसे पर्ची नहीं मिली, जबकि चिकित्सक पर उपचार के लिए पर्ची मांग रहे थे. ऐसे में जब निजी अस्पताल ले जा रहे थे, तो पुलिस कार्मिकों ने भी उन्हें ले जाने से रोका.Body:कोटा. एमबीएस अस्पताल में आज अचानक संविदा कार्मिकों ने हड़ताल कर दी. इस हड़ताल के चलते उपचार करवाने आए एक मरीज की मौत हो गई है. इलाज करवाने आए परिजनों का कहना है कि हड़ताल के चलते वह पर्ची भी नहीं कटवा पाए इसके अभाव में उन्हें इलाज नहीं मिला जब भी निजी अस्पताल ले जा रहे थे तब भी पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोककर समय खराब किया इसी के चलते उनकी मौत हुई है.

कोटा जिले के कैथून थाना क्षेत्र के मोरपा गांव निवासी विद्यासागर मीणा ने बताया कि उनके पिता दयाराम मीणा आज खाना खाकर अपने खेत पर गए थे. किसी ने उन्हें सूचना दी कि उनके पिता खेत में गिरे हुए हैं. ऐसे में वह तुरंत खेत पर पहुंचे और पिता को लेकर एमबीएस अस्पताल लाए. जहां पर हड़ताल हो रही थी और चिकित्सक ने पर्ची मांगी, लेकिन पर्ची कटवाने में टाइम लग रहा था. ऐसे में वह पिता को लेकर निजी अस्पताल ले जाने लगे, तब पुलिस ने उन्हें ले जाने से रोका. इस दौरान भी उनका कुछ समय खराब हुआ. हालांकि वे जिद्द कर कर अपने पिता को निजी अस्पताल ले गए. जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मृतक किसान दयाराम के बेटे विद्यासागर का आरोप है कि हड़ताल के चलते समय पर उन्हें पर्ची नहीं मिली, इस कारण उनके पिता को एमबीएस अस्पताल में उपचार नहीं मिला. इसलिए कारण उनकी मौत हुई है.

Conclusion:आपको बता दें कि एमबीएस अस्पताल के संविदा कार्मिक पिछले कई समय से लेकर हड़ताल कर रहे हैं आज भी उन्होंने अचानक मानदेय पूरा नहीं मिलने और पीएफ जमा नहीं होने को लेकर हड़ताल कर दी थी. इसी के चलते मरीज के परिजन को समय से पर्ची नहीं मिली.


बाइट-- विद्यासागर, मृतक किसान का बेटा
Last Updated : Jul 12, 2019, 3:49 PM IST

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