सांगोद (कोटा). सांगोद से तकरीबन 3 किलोमीटर दूर रकसपुरिया गांव में अवैध पत्थरों का खनन धड़ल्ले से चल रहा है. गांव के पास से गुजर रही परवन नदी में इन दिनों पत्थरों के अवैध खनन का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. एक के बाद एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पत्थरों से भरी, यहां से बेखौफ होकर निकल रही हैं. दूसरी तरफ ग्रामीण भी परेशान हैं. तेज रफ्तार ट्रैक्टर- ट्रॉली गांव से होकर गुजर रही है. ऐसे में दुर्घटनाओं का भय बना रहता है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.
खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलन्द हैं कि दिन-दहाड़े ही प्रशासनिक अधिकारियों की नाक के नीचे से पत्थरों को खुदाई कर हजारों टन पत्थरों को यहां से ले जा रहे हैं. ट्रैक्टर-ट्रॉली वन विभाग की जमीन से होकर गुजर रही है. ऐसे में विभाग का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है. कई बार गांव के लोगों ने ट्रैक्टर चालकों को भी मना किया, लेकिन फिर भी यहां अवैध तरीके से पत्थरों की खुदाई करने का काम जारी है.
शिकायत के बाद भी विभाग पस्त, माफियाओं के हौसले बुलंद...
वहीं ग्रामीणों के मुताबिक उनकी ओर से कई बार कार्रवाई की गई. साथ ही पुलिस प्रशासन को इस के बारे में अवगत कराया गया. बावजूद इसके इस ओर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी का कोई ध्यान नहीं है. इससे नदी का वॉटर लेवल भी खत्म होता जा रहा है, जिस कारण किसान पानी को तरसने के लिए मजबूर हो जाएंगे. खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि गांव के लोगों के मना करने पर उनको मारने तक की धमकी दी जाती है. दिन भर में करीब 300 चक्कर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से अवैध परिवहन कर रहे हैं. इससे पहले यहां दुर्घटना भी हो चुकी है, जिसमें गांव वालों ने 4 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को पकड़कर उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया था. उसके बाद आज दिन तक पुलिस प्रशासन यहा नहीं पहुंचा है.
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करोड़ों का है अवैध पत्थर खनन का कारोबार...
वहीं अगर आकड़ों की माने तो ये अवैध कारोबार 1 साल से चल रहा है. बस 2 महीने बरसात में ही अवैध खनन का काम बंद रहता है. पत्थरों को ढोने के काम में 50 से अधिक ट्रैक्टर- ट्रॉली लगी हुई है. वहीं 50 के लगभग मजदूर नदी में पत्थर तोड़ते नजर आते हैं. रोजाना 300 से अधिक ट्रॉली पत्थरों से भरकर निकाल जाती है. 1500 रुपये करीब प्रति ट्रॉली में ग्राहकों को ये पत्थर डाला जा रहा है. परवन नदी में रोजाना 4 लाख 50 हजार रुपये का अवैध कारोबार हो रहा है. हर महीने 1 करोड़ 35 लाख रुपए का पत्थर खनन माफिया निकाल रहे हैं. अब तक 13 करोड़ 50 लाख रुपए के पत्थरों का खनन हो चुका है. वहीं भूजल स्तर गिरने का भी लगातार खतरा मंडरा रहा है.
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खनिज विभाग को मिली अवैध खनन की शिकायत...
वहीं खनिज अभियंता जगदीश चंद्र मेरावत ने बताया कि रकसपुरिया और दिल्लीपुरा में अवैध खनन की शिकायत मिली थी. उनके मुताबिक टीम मौके पर जांच के लिए गई. खनिज अभियंता ने बताया कि परवन नदी में जब पानी का बहाव कम होता है तो नदी के अंदर स्थानीय लोग पत्थर तोड़ते हैं. नदी के आसपास का एरिया वन विभाग के अंदर आता है. ऐसे वो इस जगह से गुजरते हैं. विभाग ने वन विभाग को इस बारे में पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया है. साथ ही उन्होंने बताया कि खनिज विभाग ने कार्रवाई करते हुए 2 लाख 62 हजार 520 रुपए की वसूली भी की है.