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Special: आंखों में ठीकरी और कानों में तेल डाले बैठे हैं अधिकारी, अब तक परवन नदी से करोड़ों का हो चुका अवैध खनन - स्पेशल स्टोरी

कोटा के परवन नदी में इन दिनों पत्थरों के अवैध खनन का कारोबार खूब फलफूल रहा है. रोजाना तकरीबन 300 से भी ज्यादा ट्रैक्टर-ट्रॉली पत्थरों की अवैध खुदाई कर यहां से ले जाई जा रही है. कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर अवैध खनन माफिया चांदी कूट रहे हैं, देखिए कोटा के सांगोद से यह रिपोर्ट...

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जारी है अवैध पत्थरों का खनन, 300 ट्रैक्टर-ट्रॉली रोजाना निकालकर ले जा रहे पत्थर
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Published : Dec 4, 2019, 1:48 PM IST

सांगोद (कोटा). सांगोद से तकरीबन 3 किलोमीटर दूर रकसपुरिया गांव में अवैध पत्थरों का खनन धड़ल्ले से चल रहा है. गांव के पास से गुजर रही परवन नदी में इन दिनों पत्थरों के अवैध खनन का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. एक के बाद एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पत्थरों से भरी, यहां से बेखौफ होकर निकल रही हैं. दूसरी तरफ ग्रामीण भी परेशान हैं. तेज रफ्तार ट्रैक्टर- ट्रॉली गांव से होकर गुजर रही है. ऐसे में दुर्घटनाओं का भय बना रहता है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

जारी है अवैध पत्थरों का खनन, 300 ट्रैक्टर-ट्रॉली रोजाना निकालकर ले जा रहे पत्थर

खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलन्द हैं कि दिन-दहाड़े ही प्रशासनिक अधिकारियों की नाक के नीचे से पत्थरों को खुदाई कर हजारों टन पत्थरों को यहां से ले जा रहे हैं. ट्रैक्टर-ट्रॉली वन विभाग की जमीन से होकर गुजर रही है. ऐसे में विभाग का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है. कई बार गांव के लोगों ने ट्रैक्टर चालकों को भी मना किया, लेकिन फिर भी यहां अवैध तरीके से पत्थरों की खुदाई करने का काम जारी है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: 24 घंटे डर के साए में जीते हैं सरिस्का के जंगलों में रहने वाले लोग, गांव में पहली बार पहुंचा ईटीवी का कैमरा

शिकायत के बाद भी विभाग पस्त, माफियाओं के हौसले बुलंद...

वहीं ग्रामीणों के मुताबिक उनकी ओर से कई बार कार्रवाई की गई. साथ ही पुलिस प्रशासन को इस के बारे में अवगत कराया गया. बावजूद इसके इस ओर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी का कोई ध्यान नहीं है. इससे नदी का वॉटर लेवल भी खत्म होता जा रहा है, जिस कारण किसान पानी को तरसने के लिए मजबूर हो जाएंगे. खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि गांव के लोगों के मना करने पर उनको मारने तक की धमकी दी जाती है. दिन भर में करीब 300 चक्कर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से अवैध परिवहन कर रहे हैं. इससे पहले यहां दुर्घटना भी हो चुकी है, जिसमें गांव वालों ने 4 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को पकड़कर उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया था. उसके बाद आज दिन तक पुलिस प्रशासन यहा नहीं पहुंचा है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी : खतरे की घंटी! ट्रांसफार्मर के नीचे बना तालाब, खतरे में जनसैलाब

करोड़ों का है अवैध पत्थर खनन का कारोबार...

वहीं अगर आकड़ों की माने तो ये अवैध कारोबार 1 साल से चल रहा है. बस 2 महीने बरसात में ही अवैध खनन का काम बंद रहता है. पत्थरों को ढोने के काम में 50 से अधिक ट्रैक्टर- ट्रॉली लगी हुई है. वहीं 50 के लगभग मजदूर नदी में पत्थर तोड़ते नजर आते हैं. रोजाना 300 से अधिक ट्रॉली पत्थरों से भरकर निकाल जाती है. 1500 रुपये करीब प्रति ट्रॉली में ग्राहकों को ये पत्थर डाला जा रहा है. परवन नदी में रोजाना 4 लाख 50 हजार रुपये का अवैध कारोबार हो रहा है. हर महीने 1 करोड़ 35 लाख रुपए का पत्थर खनन माफिया निकाल रहे हैं. अब तक 13 करोड़ 50 लाख रुपए के पत्थरों का खनन हो चुका है. वहीं भूजल स्तर गिरने का भी लगातार खतरा मंडरा रहा है.

पढ़ें- स्पेशल: राजस्थान की 'सुगड़ी देवी' उत्तराखंड के इस गांव की महिलाओं को सिखाएंगी कशीदाकारी

खनिज विभाग को मिली अवैध खनन की शिकायत...

वहीं खनिज अभियंता जगदीश चंद्र मेरावत ने बताया कि रकसपुरिया और दिल्लीपुरा में अवैध खनन की शिकायत मिली थी. उनके मुताबिक टीम मौके पर जांच के लिए गई. खनिज अभियंता ने बताया कि परवन नदी में जब पानी का बहाव कम होता है तो नदी के अंदर स्थानीय लोग पत्थर तोड़ते हैं. नदी के आसपास का एरिया वन विभाग के अंदर आता है. ऐसे वो इस जगह से गुजरते हैं. विभाग ने वन विभाग को इस बारे में पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया है. साथ ही उन्होंने बताया कि खनिज विभाग ने कार्रवाई करते हुए 2 लाख 62 हजार 520 रुपए की वसूली भी की है.

सांगोद (कोटा). सांगोद से तकरीबन 3 किलोमीटर दूर रकसपुरिया गांव में अवैध पत्थरों का खनन धड़ल्ले से चल रहा है. गांव के पास से गुजर रही परवन नदी में इन दिनों पत्थरों के अवैध खनन का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. एक के बाद एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पत्थरों से भरी, यहां से बेखौफ होकर निकल रही हैं. दूसरी तरफ ग्रामीण भी परेशान हैं. तेज रफ्तार ट्रैक्टर- ट्रॉली गांव से होकर गुजर रही है. ऐसे में दुर्घटनाओं का भय बना रहता है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

जारी है अवैध पत्थरों का खनन, 300 ट्रैक्टर-ट्रॉली रोजाना निकालकर ले जा रहे पत्थर

खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलन्द हैं कि दिन-दहाड़े ही प्रशासनिक अधिकारियों की नाक के नीचे से पत्थरों को खुदाई कर हजारों टन पत्थरों को यहां से ले जा रहे हैं. ट्रैक्टर-ट्रॉली वन विभाग की जमीन से होकर गुजर रही है. ऐसे में विभाग का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है. कई बार गांव के लोगों ने ट्रैक्टर चालकों को भी मना किया, लेकिन फिर भी यहां अवैध तरीके से पत्थरों की खुदाई करने का काम जारी है.

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शिकायत के बाद भी विभाग पस्त, माफियाओं के हौसले बुलंद...

वहीं ग्रामीणों के मुताबिक उनकी ओर से कई बार कार्रवाई की गई. साथ ही पुलिस प्रशासन को इस के बारे में अवगत कराया गया. बावजूद इसके इस ओर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी का कोई ध्यान नहीं है. इससे नदी का वॉटर लेवल भी खत्म होता जा रहा है, जिस कारण किसान पानी को तरसने के लिए मजबूर हो जाएंगे. खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि गांव के लोगों के मना करने पर उनको मारने तक की धमकी दी जाती है. दिन भर में करीब 300 चक्कर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से अवैध परिवहन कर रहे हैं. इससे पहले यहां दुर्घटना भी हो चुकी है, जिसमें गांव वालों ने 4 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को पकड़कर उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया था. उसके बाद आज दिन तक पुलिस प्रशासन यहा नहीं पहुंचा है.

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करोड़ों का है अवैध पत्थर खनन का कारोबार...

वहीं अगर आकड़ों की माने तो ये अवैध कारोबार 1 साल से चल रहा है. बस 2 महीने बरसात में ही अवैध खनन का काम बंद रहता है. पत्थरों को ढोने के काम में 50 से अधिक ट्रैक्टर- ट्रॉली लगी हुई है. वहीं 50 के लगभग मजदूर नदी में पत्थर तोड़ते नजर आते हैं. रोजाना 300 से अधिक ट्रॉली पत्थरों से भरकर निकाल जाती है. 1500 रुपये करीब प्रति ट्रॉली में ग्राहकों को ये पत्थर डाला जा रहा है. परवन नदी में रोजाना 4 लाख 50 हजार रुपये का अवैध कारोबार हो रहा है. हर महीने 1 करोड़ 35 लाख रुपए का पत्थर खनन माफिया निकाल रहे हैं. अब तक 13 करोड़ 50 लाख रुपए के पत्थरों का खनन हो चुका है. वहीं भूजल स्तर गिरने का भी लगातार खतरा मंडरा रहा है.

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खनिज विभाग को मिली अवैध खनन की शिकायत...

वहीं खनिज अभियंता जगदीश चंद्र मेरावत ने बताया कि रकसपुरिया और दिल्लीपुरा में अवैध खनन की शिकायत मिली थी. उनके मुताबिक टीम मौके पर जांच के लिए गई. खनिज अभियंता ने बताया कि परवन नदी में जब पानी का बहाव कम होता है तो नदी के अंदर स्थानीय लोग पत्थर तोड़ते हैं. नदी के आसपास का एरिया वन विभाग के अंदर आता है. ऐसे वो इस जगह से गुजरते हैं. विभाग ने वन विभाग को इस बारे में पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया है. साथ ही उन्होंने बताया कि खनिज विभाग ने कार्रवाई करते हुए 2 लाख 62 हजार 520 रुपए की वसूली भी की है.

Intro:Body:सांगोद(कोटा)
मोतीलाल सुमन
स्पेशल रिपोर्ट

जारी है अवैध पत्थरों का खनन ,300 ट्रेक्टर ट्रॉली रोजाना निकालकर ले जा रहे पत्थर

सांगोद से तकरीबन 3 किलोमीटर दूर रकसपुरिया गांव के पास से गुजर रही परवन नदी में से इन दिनों पत्थरों के अवैध खनन का कारोबार धडनले से हो रहा है। रोजाना तकरीबन 300 सो से भी ज्यादा ट्रेक्टर ट्रॉली पत्थरों की अवैध खुदाई कर यहा से ले जाए जा रहे है। कोर्ट के आदेश अनुसार रेत व पत्थरों की खुदाई पर रोक के बावजूद यहां अवेध खनन कर्ताओ की मौज हो रही है। खनन कर्ताओ के हौसले इतने बुलन्द है कि दिन दहाड़े ही प्रशाशनिक अधिकारियों की नाक के नीचे से पत्थरों को खुदाई कर हजारो टन पत्थरों को यहा से ले जाया जा रहा है। इस कारण गांवों के लोग भी परेशान है तेज रफ्तार से ट्रेक्टर ट्रॉली गांव से होकर गुजर रहे है ऐसे में लोगो को यहां दुर्घटनाओ का अंदेशा भी बना रहता है। बावजूद इसके अवैध खनन माफियाओं को ना तो प्रशासन का भय है और ना ही किसी अधिकारी का डर। ट्रेक्टर ट्रॉली वन विभाग की जमीन से होकर गुजर रहे है ऐसे में इस विभाग का भी इस ओर कोई ध्यान नही है। कई बार गांव के लोगो द्वारा ट्रेक्टर चालको को भी मना किया गया है लेकिन फिर भी यहां अवैध तरीके से पत्थरों की खुदाई करने का काम धडल्ले से किया जा रहा है।
ग्रामीण राम कैलाश मीणा ने बताया कि हमारी ओर से कई बार कार्यवाही की गई वह पुलिस प्रशासन को भी अवगत कराया गया बावजूद इसके इस और किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है इससे नदी की वाटर लेवल भी खत्म होती जा रही है जिस कारण किसान पानी को तरसने के लिए मजबूर हो जाएंगे । खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि गांव के लोगों के मना करने पर उनको मारने तक की धमकी दी जाती है दिन भर में करीब 300 चक्कर ट्रैक्टर ट्रॉलीयो से अवैध परिवहन किया जा रहा है इससे पहले यहां दुर्घटना भी हो चुकी है जिसमें गांव वालों ने 4 ट्रेक्टर ट्रॉलियों को पकड़कर उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया था उसके बाद आज दिन तक पुलिस प्रशासन यहा नहीं पहुंचा है

आकड़ो की माने तो
1 साल से चल रहा अवैध कारोबार
2 महीने बरसात में ही बंद रहता है खनन का काम
50 से अधिक ट्रेक्टर ट्रॉली
50 के लगभग मजदूर नदी में तोड़ रहे है पत्थर
300 से अधिक ट्रॉली रोजाना भरकर निकाला जा रहा है पत्थर
1500 रुपये करीब प्रति ट्रॉली में ग्राहकों को डाला जा रहा है पत्थर
4 लाख 50 हजार रुपये रोजाना का हो रहा अवैध कारोबार
1 करोड़ 35 लाख महीने का पत्थर निकाल रहे खनन माफिया
13 करोड़ 50 लाख का अब तक हो चुका है पत्थरों का खनन
भूजल स्थर गिरने का मंडरा रहा है खतरा

बाईट रामकैलाश मीना ग्रामीणConclusion:
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