कोटा. गर्मी का सीजन शुरू हो गया है और अब लोग सूर्य की तपिश से बचने को ठंडे पानी की डिमांड करने लगे हैं. दूसरी ओर बाजार में मिट्टी के बर्तनों की भी डिमांड भी बढ़ गई है. वहीं, अबकी कोटा के बाजार में मिट्टी के बर्तनों में दो नई चीज बिक्री के लिए आई हैं, जो यूनिक के साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद बताई जा रही हैं. मिट्टी के कैंपर और बोतल को बेचने वाले लोगों का दावा है कि इनमें 2 से 3 घंटे में ही पानी ठंडा हो जाता है. जिन लोगों के घरों पर ये कैंपर और बोतल हैं, उन्हें रेफ्रिजरेटर की कोई जरूरत नहीं है. साथ ही प्लास्टिक की बोतल की तरह इनसे किसी तरह का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है, क्योंकि ये पूरी तरह से मिट्टी से बने हैं.
बाजार में कैंपर अलग-अलग साइज में उपलब्ध हैं. इनमें 3 से लेकर 12 लीटर तक के कैंपर शामिल हैं. जिनके दाम भी साइज के अनुसार अलग-अलग हैं. इसकी शुरुआती कीमत 350 रुपए से लेकर 850 रुपए तक है. कैंपर बेचने वाले राकेश प्रजापति का कहना है कि ये कैंपर 3, 4, 5, 6, 9 व 10, 12 लीटर तक की साइज में उपलब्ध हैं. इसी तरह से प्लास्टिक के बोतल के बारे में बताते हुए प्रजापति ने कहा कि ये 750 एमएल से लेकर, एक, सवा व डेढ़ लीटर में उपलब्ध हैं. इनके दाम भी 160 से लेकर 250 रुपए तक है.
लाने ले जाने में होती है टूट-फूट - पूरी तरह से मिट्टी के बने होने के चलते इनका ट्रांसपोर्टेशन भी काफी भारी पड़ता है. इनको बेचने वाले राजू का कहना है कि पूरा माल गुजरात से आता है. साथ ही इन मालों को एक साथ मंगवाना पड़ता है, इसलिए भाड़ा भी अधिक लगता है. वहीं, एक साथ ज्यादा माल का आर्डर देना होता है. हालांकि, ज्यादा माल आने पर भी गाड़ियों में टूट-फूट हो जाती है.
हैंडमेड और मशीन मेड प्रोडक्ट - मिट्टी के कैंपर और बोतल बनाने के प्लांट ज्यादातर गुजरात में ही लगे हैं. जहां से ये लोग माल खरीद कर कोटा में बेचते हैं. वहीं, सबसे ज्यादा प्लांट गुजरात के मोरबी, थानगढ़, अहमदाबाद और राजकोट में हैं. राजू ने बताया कि गुजरात में ही इसके प्लांट लगे हुए हैं, जहां मिट्टी से इन्हें तैयार किया जाता है. इसके बाद तैयार माल को भट्टी में पकाया जाता है. जिससे ये हार्ड हो जाते हैं. हालांकि, इनको यूज करने में सावधानी बरतनी होती है, लेकिन ये इतने भी हल्के नहीं होते हैं कि टूट-फूट जाए.
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यूनिक होने से पसंद कर रहे लोग - इनमें हैंडमेड और मशीन मेड दोनों ही तरह के प्रोडक्ट मौजूद हैं. जिस तरह से नॉर्मल बोतल को लटका कर उपयोग में लिया जा सकता है. वैसे भी बोतल मौजूद है. साथ ही यहां कैंपर के हैंडल और ढक्कन भी उपलब्ध है. इससे इनके इस्तेमाल में भी सहूलियत होती है. बोतल बेच रहे राजू ने कहा कि ये लोगों को पसंद आ रही है. ऑफिस और घरों की सजावट के लिए भी लोग इसे खरीद रहे हैं. इतना ही नहीं इनमें कई तरह की कलात्मक पेंटिंग की गई है. जिससे ये दिखने में भी काफी आकर्षक नजर आते हैं.
मिट्टी के कैंपर और बोतल को बेचने वाली ममता कुमारी ने बताया कि ये अलग-अलग डिजाइन में बने होते हैं. ममता ने कहा कि प्लास्टिक के कैंपर केवल गोल शेप में ही आते हैं, लेकिन मिट्टी के कैंपर अलग-अलग साइज और शेप में मिल जाते हैं, जो दिखने में काफी आकर्षक होते हैं. इनका उपयोग बंद होने पर इन्हें घर में सजावट के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
मटके से भी ज्यादा ठंडा रहता है कैंपर में पानी - कोटा शहर में सड़क किनारे मिट्टी के बर्तनों को बेच रहे राकेश प्रजापति का कहना है कि मटके से भी ज्यादा ठंडा पानी इसमें रहता है. इनमें बोतल की तरह ही पूरी तरह से ढक्कन लगे होते हैं. ये शरीर के लिए भी फायदेमंद हैं. राकेश ने बताया कि इनका निर्माण मिट्टी से होता है, इसलिए इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. साथ इसमें पानी आसानी से ठंडा भी हो जाता है. ऐसे में फ्रिज की भी कोई जरूरत नहीं होती है.